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स्वेच्छा से दिया हुए धन के अधिकार का विवाद होने पर अमानत में खयानत का अपराध नहीं बनता।

समस्या-

कल्याण सिंह ने राजीव नगर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

मुझे एक कंपनी ने (जिस से मेने एक कियोस्क लिया था) नोटिस भेजा है जिसमें यह कहा गया है कि कंपनी जो कमीशन देती है उसमें जितना कमीशन देना चाहिए था उस अमाउंट से 13957 रुपए  ग़लती से ज़्यादा दे दिया है वो नही लोटाए जाने पर आईपीसी की धारा 409 के तहत अपराध है जबकि यह कंपनी मुझे फॉर्म 16 नहीं प्रोवाइड करवा रही और वो भी पिछले 3 साल से जिसमे मेरा टीडीएस कट रहा हे तो सर टीडीएस काट कर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जमा नही करवाना भी तो एक अपराध है। मुझे क्या करना चाहिए?

समाधान-

प को कंपनी ने कमीशन खुद स्वैच्छा से दिया है। यदि अधिक दे दिया है तो वह उस की कानूनी तरीके से वसूली कर सकती है। आप उन्हें लिखिए कि आप के हिसाब से जो कमीशन मिला है वह सही है। इस तरह कमीशन की धनराशि विवादित हो जाएगी और अमानत नहीं रहेगी। यदि वे समझते हैं कि अधिक भुगतान हो गया है तो इस का निर्णय न्यायालय से कराने के लिए कार्यवाही करें। आपने कोई अपराध नहीं किया है।

उन्हें सूचित करें कि उन्होंने आप का जो टीडीएस आज तक काटा है उस का विवरण आप को नहीं भिजवाया है जो कि इनकम टैक्स कानून का उल्लंघन है यदि वे उचित समय में यह विवरण नहीं भिजवाते हैं तो आप इनकम टैक्स विभाग को शिकायत करेंगे। टीडीएस काट कर इनकम टैक्स विभाग में जमा न कराना गंभीर अपराध है इनकम टैक्स विभाग स्वयमेव कार्यवाही करेगा। वैसे यदि कंपनी ने टीडीएस काटा होगा तो आप के पैन नंबर से इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर आप को पता लग जाएगा कि कितना टीडीएस काटा गया है।

 

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