तीनों प्रेसिडेंसियों में मेयर न्यायालय की अपील का अधिकार सपरिषद गवर्नर को दिए जाने से न्यायिक व्यवस्था पर कार्यपालिका का नियंत्रण स्थापित हो गया था और दोनों के
नौकाधिकरण की स्थापना कीविन विद्रोह के कारण आंगियार द्वारा मुंबई स्थापित न्याय व्यवस्था पूरी तरह तहस-नहस हो गई थी। 16 नवम्बर 1684 को विद्रोहियों ने मुंबई को फिर
1670 की न्यायिक योजना के अंतर्गत मुम्बई में दो न्यायालय स्थापित किए गए। एक सीमाशुल्क अधिकारी का न्यायालय और दूसरा सपरिषद उपराज्यपाल का न्यायालय। सीमाशुल्क अधिकारी का न्यायालय
पुर्तगालियों ने मुम्बई को 1534 में गुजरात के शासक सुल्तान बहादुर से प्राप्त किया था। प्रशासनिक व्यवस्था के लिए उन्हों ने यहाँ एक सैन्य अधिकारी को नियुक्त किया