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Category: Hindu

कानूनी आधार उपलब्ध होने पर ही विवाह विच्छेद संभव है. . .

समस्या- गया, बिहार से कुंदन कुमार ने पूछा है – मेरी पत्नी ने महिला थाना में मारपीट की शिकायत की। मैं समझौता कर के वापस ले आया।  फिर
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भरण पोषण के मुकदमे और तलाक का मुकदमा अलग अलग हैं . . .

समस्या- अहमदाबाद, गुजरात से परेश ने पूछा है – मेरी शादी मई-2003 में हुई थी। मेरी पत्नी मार्च-2004 से उस के मायके में रह रही है। हमारे घर
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पिता को दादा से प्राप्त संपत्ति में संन्तानों व माता का अधिकार . . .

समस्या- इन्दौर, मध्यप्रदेश से प्रशान्त ने पूछा है- मेरे पिता जी के पास 35 बीघा खेती की ज़मीन है और बाकी के मकान है और ये संपति मेरे
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पितृत्व परीक्षण की रिपोर्ट केवल एक दस्तावेज उसे प्राथमिक साक्ष्य से साबित करना होगा।

समस्या- विश्वनाथ दत्त ने गुड़गाँव हरियाणा से पूछा है – मुझे यह संदेह है कि मेरी पत्नी विवाह के पहले दिन से ही मुझे धोखा दे रही है।
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उत्तराधिकारी अन्य हिस्सेदार के पक्ष में अपने हिस्से के त्याग के लिए हक-त्याग विलेख निष्पादित करे।

समस्या- चौमहला, राजस्थान से दिनेश जैन ने पूछा है- मेरी माताजी का निधन 15 अगस्त 2012 को अचानक हो गया उनकी कोई वसीयत नहीं है। हम 2 भाई
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बँटवारा केवल दीवानी वाद या आपसी समझौते से ही हो सकता है . . .

समस्या – गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश से लवी ने पूछा है – मेरे ससुर की तीन संताने थी जिनमें दो लडके व एक लडकी थी। सन 1999 में मेरे
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पति के दूसरा विवाह कर लेने पर धारा 494 भा. दं. संहिता और धारा 125 दं. प्र. संहिता की कार्यवाही उचित है . . .

समस्या- जौनपुर, उत्तर प्रदेश से संजय ने पूछा है – मेरे चाचा की शादी के 20 साल हो गये। बच्चे नहीं होने के कारण चाचा ने इस साल
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सहमति से विवाह विच्छेद के लिए आवेदन से पूर्व एक वर्ष या अधिक अवधि से पृथक निवास आवश्यक . . .

समस्या – बंगलुरू, कर्नाटक से नरेन्द्र तिवारी ने पूछा है – मेरी एक मित्र है जिसका विवाह 10 वर्ष पूर्व हिन्दी रीतिरिवाज से बंगलौर में हुआ, उसके बाद
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सहदायिक संपत्ति और हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम-1956 के उपबंध . . .

अजय जी खुद एक वकील हैं. उन्हों ने परंपरागत हिन्दू विधि तथा उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के बाद की उस की स्थिति पर प्रश्न पूछे हैं। हम यहाँ तीसरा
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