Judicial Reform न्याय-वध…..(2) दिनेशराय द्विवेदी | 05/11/2007 न्याय का वध करने में हमारी सरकार की भूमिका को आप ने देखा। देश में न्यायालयों की न्यून संख्या पर हमारे सुप्रीम कोर्ट के लगभग सभी न्यायाधीशों ने Read More
Judicial Reform न्याय-वध…..(1) दिनेशराय द्विवेदी | 04/11/2007 हम रोज ही अदालतों में न्याय का वध होते देखते हैं। यह वध अधिकतर हमारी न्याय प्रणाली का आम दृश्य हो चुका है। इस का प्रमुख कारण हमारी Read More
Judicial Reform न्याय व्यवस्था की आलोचना में जन-हस्तक्षेप दिनेशराय द्विवेदी | 28/10/2007 न्यायपालिका पर बहस कार्यपालिका और विधायिका पर बहस एक आम बात है किन्तु हमारी मौजूदा संसदीय लोकतांत्रिक पद्धति के तीसरे खंबे न्याय पालिका पर बहस नगण्य है। जितनी Read More