1670 की न्यायिक योजना के अंतर्गत मुम्बई में दो न्यायालय स्थापित किए गए। एक सीमाशुल्क अधिकारी का न्यायालय और दूसरा सपरिषद उपराज्यपाल का न्यायालय। सीमाशुल्क अधिकारी का न्यायालय
पुर्तगालियों ने मुम्बई को 1534 में गुजरात के शासक सुल्तान बहादुर से प्राप्त किया था। प्रशासनिक व्यवस्था के लिए उन्हों ने यहाँ एक सैन्य अधिकारी को नियुक्त किया
सूरत में व्यापारिक केन्द्र मजबूत हो जाने के बाद कंपनी ने अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर अपनी फैक्ट्रियाँ स्थापित करने का निर्णय किया जिस के परिणाम स्वरूप मद्रास, कोलकाता
सरकार (जिला) न्यायालय मुगल काल में जिला न्यायालयों को सरकार कहा जाता था और उपजिलों को परगना। इसी आधार पर इन्हें सरकार न्यायालय और परगना न्यायालय कहा जाता