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Category: System

क्या हम न्यायपूर्ण समाज की स्थापना से पलायन का मार्ग नहीं तलाश रहे हैं ?

हम भारत में जरूरत की केवल 20 प्रतिशत अदालतों से देश में न्यायालयों की कमी ने अनेक समस्याएँ खड़ी की हैं और लगातार हो रही हैं। अदालतों की
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थैंक्यू सुप्रीमकोर्ट – थैंक्यू पीयूसीएल, सरकार के पास जमा 604.28 में से 426.28 गेहूँ को रखने के लिए स्थान नहीं है

सामंती युग में राजा की उत्पत्ति हुई थी। तब शासन के सभी दायित्व और अधिकार राजा में निहित हुआ करते थे। जैसे जैसे राज्य विशाल और जटिल होते
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औद्योगिक विवाद अधिनियम की वर्तमान व्यवस्था में सूराख की कोशिश

कल की पोस्ट पर मैं ने बताया था कि औद्योगिक विवाद अधिनियम में किए जाने वाले संशोधनों के परिणाम क्या होंगे? इसी पोस्ट में मैं ने इस संशोधन
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औद्योगिक विवाद अधिनियम में किए जाने वाले संशोधनों के परिणाम क्या होंगे?

औद्योगिक विवाद अधिनियम में फिर से एक संशोधन प्रस्तावित है। बिल को संसद में प्रस्तुत किया जा चुका है और इसे राज्य सभा ने पारित भी कर दिया
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न्यायाधीश, मजिस्ट्रेट और लोक सेवकों द्वारा पदीय कर्तव्यों के दौरान किए जाने वाले अपराधिक कर्तव्य क्यों बढ़ रहे हैं?

तीसरा खंबा की पोस्ट न्यायाधीशों और लोक सेवकों का किसी अपराध के लिए अभियोजन में मैं ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 का उल्लेख किया था। इस
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न्यायिक सुधार – ऊँट के मुहँ में जीरे के समान भी नहीं

बार एंड बैंच, एक भारतीय अंग्रेजी  वेबसाइट है जो भारत में विधि और न्यायिक पत्रकारिता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने में जुटी है। इसी ने कल
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सरकार की घोषित राष्ट्रीय मुकदमा नीति का स्वागत है

केन्द्र सरकार की ओर से आज राष्ट्रीय मुकदमा नीति जारी करते हुए कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने कहा कि इस नीति में प्रस्तावित निगरानी और समीक्षा का
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उपचारात्मक याचिका (Curative Petition) एक अंतिम न्यायिक उपाय : भारत में विधि का इतिहास-99

इन दिनों यह बात चर्चा में है कि जब भोपाल त्रासदी के अभियुक्तों के विरुद्ध लगाए गए धारा 304 भाग दो दं.प्र.सं. के आरोपों को भारत का सर्वोच्च
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संसद सर्वोच्च नहीं है?

औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 देश में उत्पन्न औद्योगिक विवादों का हल प्रस्तुत करता है। किसी भी कर्मकार की सेवाएँ समाप्त हो जाने पर उत्पन्न औद्योगिक विवाद इसी कानून
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