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Tag: भारत

रेगुलेटिंग एक्ट की निष्फलता और मह्त्व : भारत में विधि का इतिहास-31

परिषद और गवर्नर जनरल के बीच मतभेद रेगुलेटिंग एक्ट भारत में कंपनी प्रशासन को व्यवस्थित करने के लिए पारित हुआ था। लेकिन इस ने अनेक गड़बड़ियाँ पैदा कर
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कलकत्ता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना : भारत में विधि का इतिहास-30

रेगुलेटिंग एक्ट, 1773 से इंग्लेंड के सम्राट को कलकत्ता में सुप्रीम कोर्ट स्थापित करने का अधिकार प्राप्त हुआ। सम्राट जॉर्ज द्वितीय ने 26 जुलाई 1774 को चार्टर जारी
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रेगुलेटिंग एक्ट (विनियम अधिनियम)1773 : भारत में विधि का इतिहास-29

पूर्व परिस्थितियाँ कोई भी ब्रिटिश नागरिक या कंपनी दुनिया के किसी भी भूक्षेत्र पर संप्रभुता हासिल नहीं कर सकती  थी। ईस्ट इंडिया कंपनी भारतीय क्षेत्रों में जो भी
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वारेन हेस्टिंग्स की न्यायिक योजनाएँ : भारत में विधि का इतिहास-28

अप्रेल 1772 में वारेन हेस्टिंग ने बंगाल के  गवर्नर के रुप में फोर्ट विलियम में अपना काम  संभाला और  अपनी न्यायिक  योजना  की घोषणा की। उस ने तीनों
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भारतियों के लिए न्याय प्रशासन और 1953 की न्याय व्यवस्था की समीक्षा : भारत में विधि का इतिहास-26

भारतियों के लिए न्याय प्रशासन1753 के चार्टर में भारतीय व्यक्तियों के लिए मेयर न्यायालय की अधिकारिता से छूट मिल जाने और रीति रिवाजों के अनुसार निर्णायकों द्वारा न्याय
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मेयर न्यायालय और सपरिषद गवर्नर के बीच आपसी विवाद और टकराव : भारत में विधि का इतिहास-24

तीनों प्रेसिडेंसियों में मेयर न्यायालय की अपील का अधिकार सपरिषद गवर्नर को दिए जाने से न्यायिक व्यवस्था पर कार्यपालिका का नियंत्रण स्थापित हो गया था और दोनों के
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1926 की न्याय व्यवस्था से हुए परिवर्तन : भारत में विधि का इतिहास-23

पूर्व में स्थापित न्याय व्यवस्था को 1926 के चार्टर ने बहुत बदला। हम इस बदलाव को इस तरह समझ सकते हैं…. पहले के न्यायालय कंपनी द्वारा गठित थे,
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नगर निगम और न्यायालयों का स्वरूप : भारत में विधि का इतिहास-22

नगर निगमों का स्वरूप 1726 के चार्टर से तीनों प्रेसिडेंसी नगरों में नगर निगम स्थापित किए गए। मद्रास में नगर निगम पहले से था लेकिन अब नए चार्टर
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प्रेसीडेंसियों में नगर निगम और क्राउन के मेयर न्यायालय : भारत में विधि का इतिहास-21

ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में व्यापार के लिए प्रवेश किया था। वह चाहती थी कि उस के अंदरूनी मामलों में न्याय का अधिकार उसी के पास रहे।
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कोलकाता में अंग्रेजी बस्ती : भारत में विधि का इतिहास-20

मुगल शासन से 1634 में प्राप्त व्यापार की अनुमति के आधार पर ईस्ट इंडिया कंपनी बंगाल में व्यापार कर सकती थी। लेकिन करीब सोलह वर्ष बाद 1650 में
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