भारतियों के लिए न्याय प्रशासन1753 के चार्टर में भारतीय व्यक्तियों के लिए मेयर न्यायालय की अधिकारिता से छूट मिल जाने और रीति रिवाजों के अनुसार निर्णायकों द्वारा न्याय
मद्रास पर फ्रांसिसियों का कब्जा14 सितंबर 1746 को मद्रास पर फ्रांसिसियों ने कब्जा कर लिया जो तीन वर्षों तक बना रहा। वहाँ न्यायिक व्यवस्था निलंबित हो गई। 1749
तीनों प्रेसिडेंसियों में मेयर न्यायालय की अपील का अधिकार सपरिषद गवर्नर को दिए जाने से न्यायिक व्यवस्था पर कार्यपालिका का नियंत्रण स्थापित हो गया था और दोनों के
नौकाधिकरण की स्थापना कीविन विद्रोह के कारण आंगियार द्वारा मुंबई स्थापित न्याय व्यवस्था पूरी तरह तहस-नहस हो गई थी। 16 नवम्बर 1684 को विद्रोहियों ने मुंबई को फिर
1670 की न्यायिक योजना के अंतर्गत मुम्बई में दो न्यायालय स्थापित किए गए। एक सीमाशुल्क अधिकारी का न्यायालय और दूसरा सपरिषद उपराज्यपाल का न्यायालय। सीमाशुल्क अधिकारी का न्यायालय