300 ईस्वी पूर्व से 12 वीं शती तक प्राचीन धार्मिक विधियों और अर्थशास्त्र के सिद्धांतों के अनुरूप ही न्याय व्यवस्था चलती रही। धार्मिक और नैतिक नियम न्याय का
(401वीं पोस्ट) वेदोत्तर काल 1000 ईस्वी पूर्व तक वैदिक साहित्य रचा गया और तदनुसार विधियों का प्रचलन रहा। तब तक भारत में गणतांत्रिक व्यवस्था मौजूद थी। इस बीच
विकसित सिंधु सभ्यता के उपरांत प्राचीन भारतीय सभ्यता के प्रमाण के रूप में आर्यजनों द्वारा रची गई ऋचाओं का संकलन चार वेद हमारे सामने हैं। ये काव्य रचनाएँ,