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Tag: Agreement

बिना प्रतिफल के शून्य अनुबंध, और उस के अपवाद

प्रतिफल के बिना अनुबंध शून्य है, जब तक कि वह रजिस्टर्ड और लिखित न हो, या वह किए जा चुके किसी कार्य के प्रतिकर का वादा, अथवा अवधि
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गैरकानूनी उद्देश्यों व प्रतिफल के कारण शून्य कंट्रेक्ट

पिछले आलेख कंट्रेक्ट के वैध-अवैध उद्देश्य और प्रतिफल पर ज्ञान जी की टिप्पणी थी… … मैं तो दो बार पढ़ गया। पर लगता है अब भी मन एकाग्र
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कानून संबंधी और एक पक्षकार की तथ्य संबंधी भूल का कंट्रेक्ट पर प्रभाव

कानून सम्बन्धी भूल का प्रभाव कोई भी कंट्रेक्ट केवल इस कारण से शून्यकरणीय नहीं हो सकता कि वह भारत में प्रवृत्त किसी कानून से संबंधित भूल का परिणाम
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सेवा बंध-पत्र की सीमाएँ तय हों

युवनीत सूरी को कंपनी ने 07.12.2003 के पत्र से रेस्टोरेंट जनरल मैनेजर के पद पर नियुक्त किया था। नियुक्ति पत्र की शर्त के अनुसार उसे दिसम्बर 2003 से
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नियोजन अनुबंध को चुनौती दी जा सकती है?

तीसरा खंबा के विगत आलेख कंट्रेक्ट को निरस्त करने की न्यायालय की शक्ति पर भाई नीरज जी रोहिल्ला ने अपनी टिप्पणी में एक गंभीर प्रश्न किया था….. “इंजीनियरिंग
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कंट्रेक्ट को निरस्त करने की न्यायालय की शक्ति

पिछले आलेख में मैं ने कानून के साथ दिए तीन उदाहरण आप को बताए थे। स्वतंत्र सहमति के बिना अनुबंधों की शून्यकरणीयता के विषय पर दो और उदाहरण
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स्वतंत्र सहमति के बिना किए गए, कौन से कंट्रेक्ट शून्य हो सकते हैं?

स्वतंत्र सहमति के बिना अनुबंधों की शून्यकरणीयता जब किसी भी अनुबंध के लिए सहमति जबर्दस्ती, कपट या मिथ्या-निरूपण के माध्यम से प्राप्त की गई हो, तो ऐसा अनुबंध
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कंट्रेक्ट में 'मिथ्या-निरूपण' (misrepresentation)

‘मिथ्या-निरूपण‘ (misrepresentation) कंट्रेक्ट का मूल कानून अंग्रेजी में है और वहाँ शब्द है ‘मिसरिप्रेजेन्टेशन’। इस शब्द का कोई हिन्दी, उर्दू या हिन्दुस्तानी पर्याय उपलब्ध नहीं है, इस कारण
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विवाह, नौकरी और धंधे में कपट

बीमा कंपनी के तो ऐसे हजारों मुकदमे अदालत में हुए हैं जिन में कंपनी ने कपट के आधार पर बीमा पॉलिसी को शून्यकरणीय घोषित कराया। लोग उपभोक्ता अदालत
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कपट, कैसे कैसे… बीमा कराने के पहले सावधानी बरतें

हमने पिछले आलेख में कंट्रेक्ट किए जाने के दौरान होने वाले ‘कपट’ (fraud) की परिभाषा को जाना। इस आलेख पर ज्ञानदत्त जी पाण्डे ने कहा कि- “करण घोड़े
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