अपंजीकृत किरायेनामे से उत्पन्न किराएदारी मासिक है।
समस्या-
सागर, मध्य प्रदेश से राजू ने पूछा है-
हम ने 1 अगस्त 2013 को एक हाल 11 माह के लिए किराए पर दिया था किन्तु 1 माह बाद ही किराएदार कहने लगा कि मेरे लिए किराया अधिक है, इसलिए इस माह मैं हाल खाली कर दूंगा। क्या यह उचित है। जब कि हम ने 11 माह का एग्रीमेंट किया था।
समाधान-
क्या आप जानते हैं कि आप ने ग्यारह माह की ही किराएदारी का एग्रीमेंट क्यों किया था? निश्चित रूप से नहीं जानते। यह इसलिए है कि इस से अधिक की कोई भी किराएदारी हो उस के एग्रीमेंट को उप पंजीयक के यहाँ पंजीकृत कराना पड़ता है तथा किराए की राशि के हिसाब से स्टाम्प ड्यूटी अदा करनी होती है। एक वर्ष से कम की किराएदारी यदि उत्पादन प्रक्रिया या कृषि से संबंधित न हो तो वह मासिक किराएदारी होती है, जो हर माह आरंभ होती है और माह के समाप्त होने के साथ ही समाप्त हो जाती है।
इस तरह आप के और किराएदार के मध्य जो किराएदारी है वह मासिक है। इस किराएदारी को कोई भी किराएदार पन्द्रह दिन का नोटिस दे कर समाप्त कर सकता है। आप सिर्फ उस से चालू माह का किराया ले सकते हैं। इस तरह किराएदार द्वारा किराएदारी समाप्त करना उचित है।
किराया अधि करण कोर्ट में फाईल से तामील नोटीस गायब कर दिया मैने उसके बारे में सतर्कता हाईकोर्ट को पत्र लिखा इसके बाद दूसरा नोटीस दिया उस पर चस्पानगी के आदेश थे। कोर्ट रीडर ने जानबूझ कर चस्पानगी को अनदेखा कर दिया। उसकी भी सतर्कता को शि कायत की परन्तु आज तक दोषीयों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। प्रतिवादी के वकील की पत्नी न्यायायकि अधि कारी है। इस विषय में मेरे को क्या करना चाहिये।