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क्या आर्य समाज में किया गया विवाह वैध है?

सचिन पूछते हैं?

र!  मैं ने शादी आर्यसमाज से कर ली है। पत्नी के मातापिता मुझे फोन कर बोलते हैं कि मैं उन के पास चला जाऊँ। मैं जाना नहीं चाहता। मैं उन सब लोगों से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहता हूँ। वो लोग बोलते हैं कि उन लोगों ने पुलिस में रिपोर्ट करवा दी है। अब मुझे उन के खिलाफ रिपोर्ट करनी चाहिए या नहीं? मैं यह जानना चाहता हूँ कि आर्य समाज की मान्यता कहाँ तक है? आर्य समाज वाले जो विवाह प्रमाणपत्र देते हैं, क्या वह सरकार से अनुमति ले कर देते हैं? अगर लड़की के माँ-बाप मुझे परेशान करते हैं तो क्या मैं उन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा सकता हूँ? 

उत्तर-
सचिन जी,
हिन्दू विवाह के लिए सप्तपदी का होना आवश्यक है और इस के अतिरिक्त यह भी आवश्यक है कि विवाह  करने वाले स्त्री-पुरुष हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार विवाह योग्य आयु के हों और पहले से अविवाहित, विधुऱ/विधवा या तलाक शुदा हों। 1937 का आर्य मैरिज वेलिडेशन एक्ट भी है जो कहता है कि आर्यसमाज विवाह अवैध नहीं होगा। इस तरह आप का विवाह एक वैध विवाह है, जिस का प्रमाणपत्र जारी किया हुआ है। विवाह के साक्षी निश्चित हैं और विवाह कराने वाला पुरोहित भी। लेकिन यदि कभी कानून के समक्ष विवाह को चुनौती दी गई तो यह विवाह प्रमाण पत्र के आधार पर प्रथम दृष्टया ही वैध माना जाएगा। लेकिन अंतिम निर्णय के लिए आप को प्रमाण पत्र में उल्लखित पुरोहित की गवाही और उस के विवाह रजिस्टर से तथा गवाहों के बयानों के आधार पर ही सही प्रमाणित किया जा सकता है।
प ने यह नहीं बताया कि आप की पत्नी आप के साथ है या अपने पिता के पास चली गई है। लेकिन मेरा मानना है कि वह आप के साथ ही होगी। आप के श्वसुर ने आप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है या केवल धमकी दी है यह स्पष्ट नहीं है। आप खुद इस की वास्तविकता पता करें। यदि कोई रिपोर्ट है तो आप खुद पुलिस थाने में उपस्थित हो कर पुलिस से यह आग्रह कर सकते  हैं कि आप के और आप की पत्नी के बयान मजिस्ट्रेट के सामने करा दिए जाएँ जिस के आधार पर उस प्रकरण में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की जा सके। यदि आप को लगता है कि पुलिस किसी दबाव आप के साथ बुरा बर्ताव कर सकती है तो आप संबंधित न्यायालय में स्वयं उपस्थित हो कर अपने बयान के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि आप यह समझते हैं कि यह भी पर्याप्त नहीं है तो आप उच्च न्यायालय के समक्ष आप के विरुद्ध दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट को निरस्त कराने के लिए याचिका प्रस्तुत कर सकते हैं। यदि आप को पुलिस द्वारा परेशान करने की संभावना लगती हो तो आप उच्चन्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर संरक्षण के लिए प्रार्थना कर सकते हैं।

ब आप ने जिस परिवार की लड़की से विवाह किया है उस से आप संबंध नहीं रखना चाहते, यह तो कोई अच्छी बात नहीं है। उन की लड़की ने उन की इच्छा के विरुद्ध जा कर विवाह किया है तो उन का नाराज या दुखी होना स्वाभाविक है। लेकिन उन्हें जब लगेगा कि उन की लड़की का जीवन आप के साथ सुरक्षित है और सुखी हो सकता है तो उन के रिश्ते आप के साथ अच्छे हो सकते हैं। आम तौर पर देखा गय
ा है कि बाद में लड़की के प्रति प्रेम के कारण अच्छे रिश्ते कायम हो जाते हैं।  इस कारण से आप के ससुराल वालों के प्रति किसी प्रकार की दुर्भावना नहीं रखें और गलतफहमियों को दूर करने का प्रयत्न करें। हो सकता है भविष्य में सब से मधुर संबंध उन्हीं के साथ आप के बन सकें।
प के ससुराल वालों ने जो रिपोर्ट दर्ज कराई होगी वह लड़की के गायब होने और बहला फुसला कर विवाह करने के संबंध में होगी जो होना स्वाभाविक है। उसे अन्यथा न लें। ऐसा करना अपराध नहीं है। आप किस बात की रिपोर्ट पुलिस में कराएँगे? आखिर एफआईआर केवल अपराध घटित होने पर ही दर्ज हो सकती है।

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