DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

डर का कोई इलाज नहीं, बिहार इसी कारण पिछड़ा है।

unity400समस्या-
अमरेन्द्र कुमार ने पटना बिहार से पूछा है-

मैं ने पटना के बिल्डर से फ्लेट खरीदा है। अपार्टमेंट बहुत बड़ा है। 192 फ्लेट हैं। बिल्डर अधूरा काम कर के भाग गया। हमने पूरा पैसा दिया लेकिन हमें बेसिक एमिनिटीज भी नहीं मिली हैं। जेसे जनरेटर सैट वगैरह। हम सोसायटी के रहने वाले लोग बहुत बार बिल्डर से मिले, लेकिन वह नहीं सुनता है, बहुत ही दबंग है। कोर्ट जाने से लोग डरते हैं कि जो भी आगे आएगा बिल्डर मार भी सकता है। हम क्या करें?

समाधान-

र का कोई इलाज नहीं है। आप ने वह फिल्मी सम्वाद तो सुना होगा कि ‘जो डर गया सो मर गया’। वह सम्वाद बिलकुल सही है। एक अकेला व्यक्ति डर से सदैव ही जीते जी मरता रहता है।

प कोर्ट में नहीं जाना चाहते तो हम क्या सलाह दे सकते हैं। हम तो यहाँ तीसरा खंबा पर आप को केवल कानूनी उपाय बता सकते हैं, आप वह उपाय करने से डरते हैं तो डरते रहिए और मरते रहिए।

बिल्डिंग में 192 फ्लेट हैं, यदि एक फ्लेट से संबंधित परिवार में 4 सदस्य भी हों तो कुल 768 लोग हैं। अब 768 लोग एक दबंग से डरते हैं तो सिर्फ इसलिए कि वे सब अकेले हैं। आप की कहानी बताती है कि बिहार कितना पिछड़ा हुआ है? केवल इसलिए कि वहाँ के लोग संगठित हो कर अपने हितों के लिए लड़ना नहीं जानते।

प लोगों ने सोसायटी बनाई है, संगठन की अपनी ताकत होती है, कम से कम राजनैतिक ताकत होती है। ऐसा नहीं है कि पटना में ऐसी राजनैतिक ताकतें नहीं हैं, जो लोगों को संगठित करने और उन की लड़ाइयाँ लड़ने का काम नहीं करती हों। आप उन में से किसी को तलाशिए, उन का साथ हासिल कीजिए। इस बार लोकसभा चुनाव में ताकत दिखाइए। सब मिल कर कलेक्टर, राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, मुख्य सचिव और मुख्य मंत्री को कहिए कि आप को दबंग से जब तक छुटकारा न मिलेगा, समस्याएँ दूर न होंगी, किसी चुनाव में वोट न डालेंगे। खबर अखबार में छपवाइए। डर से मुकाबला किए बिना और लड़ाई लड़े बिना तो आप को कुछ भी हासिल नहीं हो सकता। कानून भी उसी का साथ दे सकता है जो डर का मुकाबला करता है।

4 Comments