न्यायिक सुधार – ऊँट के मुहँ में जीरे के समान भी नहीं
|बार एंड बैंच, एक भारतीय अंग्रेजी वेबसाइट है जो भारत में विधि और न्यायिक पत्रकारिता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने में जुटी है। इसी ने कल अपनी वेबसाइट पर भारतीय न्यायिक प्रणाली के गंभीर संकट को प्रकट करते आँकड़े जारी किए हैं। आप भी अवलोकन कीजिए कि हमारे यहाँ न्याय प्रणाली की स्थिति क्या है? ……
भारतीय न्यायालयों में लंबित मुकदमों की स्थिति का त्रिवर्षीय आकलन …
इस सारणी से स्प्ष्ट है कि लंबित मुकदमों की संख्या प्रतिवर्ष 3.4 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। लंबित मुकदमों की संख्या जजों की कमी की संख्या की समानुपाती है। इस से स्पष्ट है कि न्यायालयों की संख्या बढ़ाया जाना आवश्यक है। जरा हम यह भी देखें कि हमारे यहाँ के न्यायालयों में न्यायाधीशों के कितने पद रिक्त पड़े हैं? ……
न्यायाधीशों के स्वीकृत और रिक्त पद
उच्चतम न्यायालय में रिक्त प
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7 Comments
high chart you’ve annex
I’d be inclined to cut a deal with you here. Which is not something I usually do! I love reading a post that will make people think. Also, thanks for allowing me to speak my mind!
गजब का आकलन है आपका। आभार।
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व्यायाम और सेक्स का आपसी सम्बंध?
अब प्रिंटर मानव अंगों का भी निर्माण करेगा।
If your arcetlis are always this helpful, “I’ll be back.”
वाकई में निराशाजनक स्थिति , हजारों परिवारों का मुकदमेबाजी में सब कुछ स्वाहा हो रहा है, यह दर्द वे ही महसूस कर सकते हैं ! सादर
बहुत सुंदर ढंग से आप ने यह विषलेशन किया, बहुत सोचनिया स्थिति है, धन्यवाद
पूर्व के समान बेहद काम की पोस्ट.आप भाई साहब इस विषय के प्रमाणिक लेखक हैं ही.
हमज़बान पर प्रभाष जी से संवाद करें.