बालक शिक्षा भत्ता (Children Education Allowance)केवल पहले दो बच्चों को नहीं, अपितु किन्हीं भी दो बच्चों को
|समस्या-
छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर केन्द्र सरकार 2008 सितम्बर से चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस स्कीम के तहत कर्मचारी के प्रथम उत्पन्न केवल दो ही बच्चों को यह सुविधा दे रही है। वह भी बारहवीं तक। समस्या यह है कि जिन कर्मचारियों के दो बच्चे बारहवीं पास कर चुके हैं और दो बच्चे बारहवीं से नीचे की कक्षा में पढ रहे हैं तो उन अभिभावकों का वरिष्ठ होना ऐसा कौन सा अपराध है कि उन के बच्चे पढते हुए भी इस सुविधा से वंचित हैं। जबकि मात्र केवल दो बच्चों को ही यह सुविधा सरकार को देनी है। यदि सरकार को ऐसा कठोर जनसंख्या नियंत्रण उपाय़ करना ही था तो क्यों नहीं सरकार ने कर्मचारियो को 10 या 15 साल पहले यह कठोर निर्देश और लिखित चेतावनी के माध्यम से कर्मचारियो को प्रशिक्षित किया? उन सुविधा से वंचित बच्चों का क्या दोष है? यह सरकार द्वारा सुविधा वंचित बच्चों का क्या साईलेन्ट कैरियर हत्या मे योगदान नहीं कहा जायेगा? क्या यह मानसिक कुंठाग्रस्त एक वैषम्य पीढी का निर्माण नहीं कर रहे हैं? कृपया सलाह दें, कैसे इस मुद्दे पर (जबकि समय बहुत बरबाद हो चुका है) जनहित याचिका दायर किया जा सकती है? और तत्काल यह सुविधा वंचित छात्रों को दिलवाया जा सकता है?
-शिव शम्भू शर्मा, मिदनापुर. प.बंगाल
समाधान-
आप की बात ठीक से समझ नहीं आ रही है। आप को उन सरकारी परिपत्रों या नियमों या आदेशों का हवाला देना चाहिए था जिन के आधार पर केवल पहली दो संतानों को ही यह बालक शिक्षा भत्ता दिया जा रहा है। पहली दो संतानें यह भत्ता प्राप्त करने की सीमा से बाहर निकल जाने पर तीसरे और चौथे बच्चे को भत्ता देने से मना किया है।
हम ने भारत सरकार की चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस स्कीम का अध्ययन किया है। उस की एक प्रति यहाँ (क्लिक कर के) पढ़ी जा सकती है। इस स्कीम में कहीं भी यह प्रतिबंध नहीं है कि यदि पहले दो बच्चों को उक्त भत्ता प्राप्त नहीं हुआ है तो फिर तीसरे और चौथे बच्चे के लिए यह भत्ता प्राप्त नहीं होगा।
यदि आप को विभाग ने किसी आदेश से वंचित किया है तो उसे उच्च न्यायालय में वह सरकारी कर्मचारी चुनौती दे सकता है जिसे उक्त भत्ते से वंचित किया गया है। यदि आप को इस से वंचित किया गया है तो आप अपने सेवा नियमों के अंतर्गत सेवा अधिकरण में अथवा उच्च न्यायालय में उक्त आदेश को चुनौती दे सकते हैं और भत्ता दिलाने के लिए कार्यवाही कर सकते हैं।
आप का यह सैद्धान्तिक भाषण बिलकुल पसंद नहीं आया कि “सरकार द्वारा सुविधा वंचित बच्चों का क्या साईलेन्ट कैरियर हत्या मे योगदान नहीं कहा जायेगा? क्या यह मानसिक कुंठाग्रस्त एक वैषम्य पीढी का निर्माण नहीं कर रहे हैं?”
भारत में क्या केवल सरकारी कर्मचारी ही बच्चे पैदा करते हैं? उन करोड़ों गरीब लोगों के बच्चों का क्या जिन्हें कोई सरकारी नौकरी नहीं मिली है और जो गरीबी की रेखा के नीचे जी रहे हैं? उन के बारे में कोई सरकारी कर्मचारी क्यों नहीं सोचता? उन के बारे में आप सरकार को सोचने की क्यों नहीं कहते? सरकारी कर्मचारी सरकार से यह क्यों नहीं कहते कि यह चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले सभी नागरिकों के बच्चों के लिए मिलना चाहिए? आप को एक सुविधा से वंचित होने पर इतना क्रोध आया है कि आप न जाने क्या क्या कह गए हैं। आप सोचिए वे करोड़ों गरीब लोग क्या सोचते होंगे सरकारी कर्मचारियों और सरकार के बारे में? क्या वे करोड़ों गरीब लोग ये नहीं सोच सकते कि सरकार और सरकारी कर्मचारी देश और गरीब जनता को लूट कर मौज कर रहे हैं? आप को सरकार ने अधिकार दिया है, उस के न मिलने पर व्यक्तिगत रूप से लड़िए। उस के लए कोई जनहित याचिका दायर नहीं की जा सकती। क्यों कि वह केवल कुछ सरकारी कर्माचारियों के हित की बात है, जनहित की नहीं।
सरकार के नियम सही है की दो बच्चो को ही शिक्षा भाता मिलेगा तीसरा को तभी मिलेगा जब जुड़वाँ हो या नसबंदी फ़ैल हो गई हो ! देश में आजादी के बाद से ही दो बच्चो का परिवार सुखी परिवार कहा जा रहा है तो नियमो का पालन होना ही चाहिए ! इसे तो हर कोई अधिक बच्चो के लिए कारण बता कर सुविधा चाहेगे तब गरीब तक उसका हक़ कैसे जायेगा .
मान्यवर द्विवेदी जी
नमस्कार,
आप की बात के अर्थ की तार्किकता समझ में आ रहा है परन्तु कानूनी शंका यह उत्पन्न होती है कि जब सरकारी विभाग ऎसा स्पष्टीकरण दे रहा है तो , किस आधार पर,.. ? क्या यह स्पष्टीकरण प्रथम मूल नियमावलियों का हिस्सा नही रहा होगा ?..स्पष्टीकरण मे वह कैसे किस आधार पर और क्योकर स्पष्ट रुप से वह आदेश जारी कर सकता है ? और यदि हिस्सा नही भी रहा हो तो क्या उस विभाग को स्पष्टीकरण के दौरान यह अधिकार नही है कि वह उक्त मूल प्रथम आदेशित नियम, को बदल सके ?
रिट याचिका क्या है ? इसकी विधि और लागत खर्च क्या है ? अमूमन इस याचिका द्वारा न्यायलय निर्णय आने मे कितना समय लग सकता है ? क्योकि समस्या ग्रस्त छात्रो को तीन वर्ष के बाद यह सुविधा लाभ उठा पाने की नियमन स्थिति ही नही बचती है ।
मेरा आपसे यह अनुरोध है कृपया इस विषय और प्रकाश डाले ।
धन्यवाद ।
इस विषय पर पर्याप्त प्रकाश डाला जा चुका है। सरकारी विभाग स्पष्टीकरण किस आधार पर दे रहा है यह तो सरकारी विभाग ही बता सकता है। आप संबंधित विभाग से आरटीआई के अंतर्गत अपनी जिज्ञासा शान्त करने के लिए प्रश्न पूछ कर उत्तर जान सकते हैं।
नियमों में संशोधन किए जा सकते हैं लेकिन स्पष्टीकरण के माध्यम से उनके मूल स्वरूप को बदला नहीं जा सकता। यदि बदला जाता है तो उसे चुनौती दी जा सकती है।
रिट याचिका क्या है? इसकी विधि और लागत खर्च क्या है? अमूमन इस याचिका द्वारा न्यायलय निर्णय आने मे कितना समय लग सकता है? क्योकि समस्या ग्रस्त छात्रो को तीन वर्ष के बाद यह सुविधा लाभ उठा पाने की नियमन स्थिति ही नहीं बचती है।
इन प्रश्नों का उत्तर आप को अपने क्षेत्र के उच्च न्यायालय में प्रेक्टिस करने वाले वकीलों से ही प्राप्त हो सकती है। इस फोरम पर इस का उत्तर दिया जाना संभव नहीं है।
आप को रिट याचिका दाखिल करने के पूर्व संबंधित विभागों और सरकार को नोटिस दे सकते हैं। हो सकता है नोटिस के उत्तर में आप के कुछ प्रश्नों का उत्तर मिल जाए।
इस विषय पर इस से अधिक प्रकाश यहाँ डाला जाना वर्तमान में संभव नहीं है।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.किराएदार से मकान खाली कैसे कराएँ?
श्री मान दिनेशराय द्विवेदी जी
नमस्कार,
काफ़ी मु्स्किला्त से हमने जो दस्तावेज जुटाये ,जिसे पढने समझने वाला , सलाह मशवरा का रास्ता निकालने वाला कोइ नही है और अब आप की चुप्पी से, उत्तर नही देने से, असंतोष बढ रहा है । किसी भी समस्या की कडियों को बीच मे यूं छोड देने का अर्थ मुझे समझ मे नही आ रहा है कृपया यथोचित सलाह देने की कृपा करे ।
धन्यवाद ।
पिछले कुछ दिनों बाहर रहा। आप को उत्तर नहीं दे सका। लेकिन मैं ने आप को पहले भी सुझाव दिया है और फिर से दे रहा हूँ। एक नियम से किसी को यदि कोई सुविधा प्राप्त होती है तो फिर उस के स्पष्टीकरण से वह सुविधा नहीं छीनी जा सकती। आप को इस मामले में यदि सुविधा नहीं मिल रही है तो आप को उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका प्रस्तुत करना चाहिए।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.किराएदार से मकान खाली कैसे कराएँ?
श्री मान दिनेशराय द्विवेदी जी
नमस्कार ,
( यह सरकारी आदेश पत्र है , ठीक वैसा ही जैसा कि आपने पहले दिखाया है जिसे स्कैनिन्ग के बाद कापी पेस्ट नही किया जा सकता था अत: मैने स्वय़ं टाइप कर आपको प्रेषित कर दिया यदि आप अपना इ मेल देगे तो हूबहु मै आपको भेज दूगा )
जी ऎसा है कि , आपने जो मूल पत्र डाइरेक्टर सिम्मी आर. नाकरा, द्वारा जारी आदेश के तहत किन्ही दो बच्चों को सुविधा मिलने की बात कर बताइ गयी है जिस फ़ार्मेट मे जिस ढंग से आपने जो पत्र दिखाया है अथवा उसमे व्यक्त है उसके अनुसार आप बिल्कुल सही कह रहे है परन्तु विभिन्न संस्थानो द्वारा स्पष्टिकरण मांगने के पश्चात पुन: वही विभाग दिनांक १३/११/२००९ को NO.12011/16/2009-(Allowance)
Government of India
Ministry of Personnel, P.G. and Pensinns
(department of personnel & Training)
****
New Delhi, the 13th november, 2009
office Memorandum
पुन: पुराने ढांचे मे ही संसोधन और स्पष्ट करते हुये यह आदेश जारी किया है जिसे सभी सरकारी संस्था निदेशित आदेशानुसार केवल ऎल्डेस्ट सरवाईविंग दो बच्चो को ही यह सुविधा देते हुए आज तक जारी है जो कि आपके दिये गये अब तक के सलाह का पूर्णत: खंडन करता है । इस आदेश को रेलवे भी फ़ालो करता है नमूना देखिये —
Sub: Grant of Children Education Allowance to Railway employees.
1.Instructions of Railway Board vide their letter No. E(W)2008/ED-2/4 dated 01.10.2008 circulated under Serial Circular No.135/08 provide for grant of Children Education Allowance (CEA) per month at prescribed rates, which can be availed in respect of a maximum of 2 children for expenditure incurred on the education of school going children only i.e. for children from classes nursery to twelfth, including classes eleventh and twelfth held by junior colleges or schools affiliated to Universities or Boards of Education. In cases where minimum qualification for admission in the two years Diploma course in Polytechnic is 10th Class and the student joins the polytechnic after passing X class, the classes of the above course in terms of Board’s letter dated 18.19.2008 [S.C.No.207/08]. Children Education Allowance is to be allowed on the submission of original receipts and on the basis of self-certification by the Railway servant.
II. It was further clarified by the Railway Board under their letter No.E(W)2008/ED-2/4 dated 10.6.2009 [S.C. No. 93/09] that, other than the exceptions, Children Education Allowance is to be allowed for eldest two surviving children studying in schools affiliated to Boards of Education.
अब शायद आप वस्तु स्थिति पुरी तरह से समझ गये होगे । स्थिति ऎसी बिल्कुल ही नही है जैसा कि आपने मुझे सलाह दिया वस्तुत: एक और आदेश पत्र स्पष्टिकरण हेतु पारित हुआ और जो कि विभिन्न संस्थानो मे अभी Children Education Allowance के तहत चल रहा है , और अब दुसरे आदेश के ठीक उसी तरह स्पष्ट लागू हो जाने से मेरी यह समस्या उत्पन्न हुई और यह समस्या कितनी जटिल है यह आप नही समझ पा रहे है कि अब किस बुनियाद पर मै इसे हाई कोर्ट मे चुनौती दूं ? जैसा कि आपने सलाह के तौर पर बताया है । दरअसल मेरा यह अनुरोध है कि इसकी पेचदगियों को अच्छी तरह से सोच समझ कर कर कृपया उचित न्याय संगत रास्ता बताए जिससे उचित, अनुचित के मद्देनजर समस्या ग्रस्त वंचित निर्दोष संतानो को उनका वाजिब अधिकार मिल सके ।
धन्यवाद ।
NO.12011/16/2009-(Allowance)
Government of India
Ministry of Personnel, P.G. and Pensinns
(department of personnel & Training)
****
New Delhi, the 13th november, 2009
office Memorandum
——————————–
sub : Child Education Allowance / hostel subsidy – Clarification.
The undersigned is directed to refer to DOP&T OM No.12011/3/2008-Estt. (Allowance) dated 2nd september, 2008 on the above subject and to say that this department has been receiving various references from Government servants, Ministries/ Department seeking clarification Whether Vidyalaya Vikas Nidhi (VVN) charged by Kendriya vidyalayas is reimburesable as per items detailed in para 1(e) of the above mentioned OM . The matter has been considered in consultation with Ministry of finance. It is clarified that vidyalaya Vikas Nidhi charged by the Kendriya Vidyalayas will also from part of para 1(e) of the said OM and can be claimed for reimbursement under the scheme of Children Education Allowance subject to the annual ceiling of Rs.1200 per child. where Vidyalaya Vikas Nidhi has not been admittedfor reimbursement in the past cases, the same may now be considered for reimbursement , subject to the other conditioneds.
This department has also been receiving references seeking clarifications whether Children Education Allowance can be claimed in respect of any two children by the Government Servants who have more than two children.
It is clarified that children Education Allowance is admissible for the two eldest surviving children only, except when the number of
children exceeds two due to second child birth resulting in multiple births.
2.hindi version will follow.
sd
(Simmi R. Nakra)
Director
श्री मान वकील जी इस पत्र से वस्तु स्थिति साफ़ है निषेधाज्ञा जो आप खोज रहे थे यह दिख रही है अब आप यह सलाह दें कि इस स्थिति मे आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी ।
आप ने जो पत्र यहाँ बताया है वह एक स्पष्टीकरण मात्र है। लेकिन मूल नियमों में ऐसा कहीं भी नहीं है कि केवल प्रथम दो संतानों को ही यह भत्ता मिले। इस तरह यह स्पष्टीकरण मूल नियम से विसंगत है। यदि इस तरह के स्पष्टीकरण के आधार पर किसी कर्मचारी को वंचित किया जाता है तो उसे उच्च न्यायालय के समक्ष भत्ता देने से मना करने के आदेश और इस स्पष्टीकरण को चुनौती देनी चाहिए।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.अतिक्रमी ने बुआई को बिखेर दिया है, स्थाई उपाय क्या है?
महाशय , डेढ बर्षो से इस सुविधा से वंचित हूं कई बार पत्राचार द्वारा जानकारी चाहा पर वह नही मिल पा रहा है मौखिक रुप से सभी कहते है कि वह केवल एल्डेस्ट दो बच्चों के लिये ही है और जो सर्कुलर का एक हिस्सा मैने (vii),.. मे लिखा हूं वे उसे ही मुख्य निदेश मान रहे है पर पत्रांक, दिनांक परिपत्र संख्या, निदेश सही, भारत सरकार का उसमे नही है वह विभाग द्वारा जारी एक अनुवादित परिपत्र है,.. जो मेरी असुविधा और समस्या का मूल है । फ़िलहाल आपसे उम्मीद रखता हूं कि आप उस सर्कुलर की मूल प्रति आप अपने स्तर से देखे वह भी सिर्फ़ इतना कि क्या उसमे केवल दो ,.. तिसरे चौथे बच्चे की सुविधा का प्रावधान है अथवा नही । और मै भी अपने स्तर से सही तथ्य का लिखित मजमून प्राप्त करना चाहुगा जिसमे समय लगेगा ,..और सही तथ्य के अभाव मे आगे की कोइ भी कारवाही उचित नही है ।
—-धन्यवाद
माननीय वकील साहब
नमस्कार
निदेश और सर्कुलर तो पूरे भारत मे एक और एक ही जैसा होगा ,.मै गूगल मे यह ढूंढ नही पा रहा हूं फिर भी मै कोशिश करूंगा हो सकता है मुझे कुछ समय लगे अथवा आर. टी. आई. से मंगवाना पडे वैसे आपके लिये यह प्राप्त करना बहुत ही आसान होगा यदि आपसे हो सके तो बहुत कृपा होगी । फिर भी मै वह सर्कुलर नंबर खोजने का प्रयास करूंगा जिसमे मेरी समस्या निहित है ।
धन्यवाद आपका ।
आप के दो बच्चों के अधिक आयु का हो जाने से वे वंचित हो गए हैं और तीसरे चौथे को शिक्षा भत्ता नहीं दिया जा रहा है तो आप अपने विभाग से आरटीआई में उत्तर क्यों नहीं मांगते। सही मार्ग वही है। नेट के जिस सरकुलर को आप यहाँ बता रहे हैं वह सरकुलर नहीं है। किसी के द्वारा किए गए प्रश्न का उत्तर है। यदि आप केवल उस के आधार पर ही इस बात को उठा रहे हैं तो आप का परेशान होना व्यर्थ है।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.दान क्या है? क्या दान में प्राप्त संपत्ति को बेचा जा सकता है?
scheme of children education allowance ( स्कैनर के अभाव मे यह टाइप करके भेज रहा हूं जिसे आप ढूंढ सकते है )
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(vii) under the scheme of CEA , reimbursement can be availed by employees up to a maximum of two eldest surviving children only. however, CEA is admissible for more than two children as a result of second child birth resulting in twins or multiple births.
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महाशय आपने जो आदेश दिखाया है वह सही है परन्तु उपर्युक्त सर्कुलर मे यह up to a maximum of two eldest surviving children only. लिखा है,. इसमे eldest शब्द लिखा हुआ है जिससे दो सर्वप्रथम बच्चो के बाद (जो two eldest चाइल्ड बारहवी पास आउट होने से सुविधा से स्वत: बाहर है ) और उनके बाद के बचे बच्चे जो इस सुविधा के अधिकारी हैआपके दिये गये सलाह के अनुसार वह तो इस नियम से स्वत: वंचित हो जायेगे जिसके लिये किसी निषेधाज्ञा की आवश्कता ही नही बनती और यही मेरी मूल समस्या है जिसके लिये मै आपसे सलाह चाहता था अब आप कृपया यह बताइये अब तक आपने जो सलाह दिया है उसमे {एल्डॆस्ट ) शब्द आपके अब तक के संपूर्ण तर्क युक्त सलाह के विरुद्ध है इस स्थिति मे क्या किया जाये ? अथवा आप अब क्या कहेंगे ? कृपया आप अपने स्तर से इस समस्या की तह तक जाकर सुविधा वंचित लोगो के लिये उचित सहायता अथवा सलाह या मार्गदर्शन करने का कष्ट करेगे तो अवश्य हम आपके चिर आभारी रहेंगे । मेरे पास इसका हिन्दी अनुवाद नही है और यह भी हो सकता है कि यह अंग्रेजी शब्दो के प्रयोग से इस परिपत्र का पूर्ण अर्थ स्पष्ट नही हो रहा हो कृपया अपनी ओर से समझ कर कोइ एक निर्णायक सलाह दे ।
धन्यवाद ।
आप ने जिस दस्तावेज का भाग अपनी टिप्पणी में जोड़ा है वह कौन सा सरकुलर है? यह नहीं बताया। उस का क्रमांक, दिनांक तथा किस ने जारी किया है यह भी बताएँ।
यदि ऐसा कोई सरकुलर है तो वह मूल पालिसी के विरुद्ध है आप उसे उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दे सकते हैं।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.दान क्या है? क्या दान में प्राप्त संपत्ति को बेचा जा सकता है?
श्रीमान वकील साहब
सप्रेम सादर नमस्कार
आपने त्वरित गति से मेरे असमंजस भरे प्रश्न का समाधान करने का यत्न किया इसके लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद् । परन्तु आपने केवल दो और केवल पहली दो जीवित संतानों के लिए ही शिक्षा भत्ता के आदेश का विवरण मांगा है वह सर्कुलर मै कल तक आपको प्रेषित करने की आशा करता हूं क्योकि अभी स्कैनिंग की सुविधा मेरे पास नही है ,जिसके बाद ही यथास्थिति पूर्णत: स्पष्ट रुप से बता पाउंगा ।
आभार,……।
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Home NEWS Children Education Allowance Scheme (CEA)-FAQ
Children Education Allowance Scheme (CEA)-FAQ
admin Jan 26th, 2012 4 Comments
Department of Personnel & Training
Establishment (Allowance Section)
Sl.No.
Frequently and Question
Answer
Children Education Allowance Scheme (CEA)
1.
Whether Reimbursement of Children Education Allowance (CEA) for 3rd child is permissible if CEA has not been claimed for 1st and or 2nd child? As per OM dated 2.9.2008 CEA is admissible for two school going children does it mean any two school going children?
As per OM No.12011/03/2008- Estt.(AL) dated 11.11.2008, the Children Education Allowance would be admissible for more than two children in case the number of Children exceeds two as a result of the second child birth resulting in twins or multiple birth. This implies that the CEA will be admissible only in the cases of two eldest surviving children and CEA for third or subsequent child will only be permissible if there is a case of multiple birth at the time of second childbirth. Further, reimbursement of CEA for the 3rd child is admissible in case of failure of sterilization operation.
2.
What are the fees that are reimbursable? Whether Development Fees, Annual Charges Transportation fees are reimbursable? Reimbursement towards purchase of school bag, water bottle, uniform, shoes not stationary is admissible?
As per OM No.12011/03/2008- Estt. (AL) dated 2.9.2008, tuition fee, admission fee, laboratory fee, special fee charged for agriculture, electronics, music or any other subject, fee charged for practical work under the programme of work experience, fee paid for the use of any aid or appliances by the child, library fee, games/sports fee and fee for extra-curricular activities are reimbursable subject to the condition that the aforementioned fee are charged by the school directly from the student. Besides, reimbursement for purchase of one set of text books and notebooks, two sets of uniforms prescribed by the school in which the child is studying, one pair of shoes, in an academic year are reimbursable. Uniform include all items of clothing prescribed for a day, as uniform by the school, irrespective of colours / winter/ summer PT uniforms
3.
Whether CEA has been increased by 25% as a result of enhancement of Dearness Allowances beyond 50%?
This Department’s OM No.12011/03/2008-Esst(AL) dated 2.9.2008 clearly indicates that the limits should be automatically raised by 25% every time the Dearness Allowance on the revised pay structure goes up by 50%”. There is no need for any separate order from this department to effect enhancement of CEA as a result of increase in DA by 50%. However O.M. No.12011/01/2011-Estt(Allowance) dated 4th May 2011, has been issued to clarify this further.
4.
Whether CEA can be claimed for the child for the same class twice?
The reimbursement of CEA is not linked to the performance of the child in his class. Even if a child fails in a particular class, the reimbursement is permissible. However, if the child is admitted in the same class in another school, although the child has passed out of the same class in previous school or in the midsession, CEA shall not be reimbursable.
5.
Whether Hostel subsidy is reimbursable irrespective of transfer liability?
Hostel Subsidy is reimbursable to all Central Govt. employees for keeping their ward in the Hostel of a residential school away from the station in which the employee is posted or residing irrespective of any transfer liability.
6.
Whether the admissible amount on account of CEA can be reimbursed in full to a Govt. servant in the first quarter of the financial / academic year itself.
A Govt servant is allowed to get 50% of the total amount subject to the overall annual ceiling in the first quarter and the remaining amount in third and or fourth quarter. Frontloading of the entire amount in the first and second quarters is not allowed.
7.
Whether any age limit has been prescribed for reimbursement of CEA in respect of children studying in nursery classes.
There is no minimum age prescribed for reimbursement of CEA in respect of children admitted in nursery classes. However, with regard to physically challenged children the minimum age of 5 (five) years has been prescribed. The maximum age for physically challenged children the maximum age is 22 years.
8.
Whether the school/institution should be recognized?
The school/institution has to be recognized by the Central or State Government or UT administration or by University or a recognized educational authority having jurisdiction over the area where the institution is situated.
9.
महाशय,
यहां टू एलडेस्ट सर वाइविंग चिल्डरेन के जिक्र से मुझे समस्या है शब्दतार्थ और समस्या के बीच का विरोधाभास अभी स्पष्ट नही हो पाया है उपर मैने संलग्नक प्रति अटैच किया है आशा है मामले की गंभीरता को समझ कर उचित सलाह देने की कृपा करे ।
आप के द्वारा बताए गए मामले में एक प्रश्न का उत्तर दिया गया है। यहाँ पूछा गया था कि क्या किन्हीं भी दो बच्चों को शिक्षा भत्ता मिलेगा? लेकिन उत्तर यह दिया गया कि दो के अतिरिक्त तीसरे बच्चे को भी मिल सकता है यदि दूसरे प्रसव में दो बच्चों का जन्म एक साथ हुआ हो।
जब तीसरी संतान को शिक्षा भत्ते के लिए विचार करना हो तो दो सब से बड़ी जीवित संतानों की बात उत्पन्न होती है। क्यों कि तभी तीसरी संतान को शिक्षा भत्ता प्राप्त हो सकता है।
शिक्षा भत्ता के नियमों में यह कहीं भी हमें नहीं दिखाई दिया कि केवल पहली दो जीवित संतानों के लिए ही शिक्षा भत्ता प्राप्त होगा। इसी लिए आप को यह सुझाव दिया कि आप वह आदेश बताएँ कि यदि पहले दो बच्चों को शिक्षा भत्ता नहीं मिला हो और बाद के दो बच्चों को भत्ता देने से इन्कार कर दिया हो, या फिर कोई नियम या परिपत्र बताएँ जिस में ऐसा निषेध लागू किया गया हो।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.स्त्री को उत्तराधिकार में प्राप्त तथा स्त्री से उत्तराधिकार में प्राप्त कोई संपत्ति पैतृक नहीं होती