शिक्षण संस्थान का विद्यार्थी उपभोक्ता है, सेवा में कमी के लिए उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत करें
|दिनेश कुमार ने नई दिल्ली के मुनिरका गाँव से समस्या भेजी है कि-
मैं ने 4000 रुपए में 3 महीने में ssc कोर्स कराने वाले प्राइवेट संस्थान में प्रवेश लिया। किन्तु मैं एक सप्ताह तक ही जा सका। आठवें दिन मैंने कारण देकर वहाँ आने से मना कर दिया। पैसे के लिए उन्होंने मुझे 15 दिन का समय दिया। जब गया तो फिर सप्ताह भर के लिए टाल दिया एवं अंत में कह दिया की फ़ीस वापस नहीं दी जाती। मैं ने उसे लीगल नोटिस भी भेजा लेकिन उन्होंने कोई जवाब नही दिया है। मेरे पास सबूत के लिए प्रवेश स्लिप और फ़ोन की रिकार्डिंग है जिस में उन्होंने कहा है की हम आपके 07 दिन के पैसे काट कर बाकी पैसा वापस लौटा देंगे। मुझे आगे क्या करना चाहिए?
समाधान-
आप का मामला पूरी तरह से एक उपभोक्ता मामला है। एक कोर्स में प्रवेश लेने के कारण आप संस्थान के उपभोक्ता हैं। आप ने शुल्क के रूप में सेवाओं की कीमत अदा की है। आप ने बीच में कारण वश सेवाएँ लेने से इन्कार कर दिया। जिस पर उन्हों ने आप को 07 दिन की सेवाओं का मूुल्य काट कर शेष नहीं ली गई सेवाओं का मूल्य वापस लौटाने का आश्वासन दिया। जिस के सबूत के रूप में आप के पास फोन की रिकार्डिंग उपलब्ध है। आप फोन की रिकार्डिंग को फोन में सुरक्षित रखें और उस की एक प्रतिलिपि एक सीडी में कापी करें।
आप जिला उपभोक्ता समस्या प्रतितोष मंच के समक्ष अपना परिवाद प्रस्तुत करें। साथ में फीस की रसीद, आपने जो लीगल नोटिस दिया उस की प्रति, डाक की रसीद और प्राप्ति स्वीकृति तथा सीड़ी को अपने दस्तावेजों के रूप में तथा अपना बयान शपथ पत्र के रूप में परिवाद के साथ प्रस्तुत करें। आप परिवाद में न केवल बकाया फीस अपितु न्यायालय खर्च तथा आप को हुई परेशानी के लिए क्षतिपूर्ति की भी मांगा करें। आप को अवश्य राहत प्राप्त होगी।
आप अपने पैसे की वापसी के लिए उपभोक्ता फोरम में वाद दायर कर अपना पैसा और मानसिक क्षतिपूर्ति प्राप्त कर सकते है । इसके साथ ही आपके पास दूसरा उपाय यह है कि आप कोर्ट में दीवानी वाद भी दायर कर अपना पैसा वापस प्राप्त कर सकते है ।
बहुत ही अच्छा प्रयत्न …………कोटि कोटि धन्यवाद ……..
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