सचिन तेंदुलकर के मोबाइल नंबर की कीमत सिर्फ 10,000 रुपए कैसे हो सकती है?
|सत्तू इस बात से अप्रसन्न है कि जिस मोबाइल नंबर को देश के अनेक लोगों ने सचिन तेंदुलकर का नंबर समझ कर उसे फोन कर कर के तंग कर लिया था उस की कीमत जिले की उपभोक्ता अदालत ने मात्र दस हजार रुपए आँकी है।
जब सचिन तेंदुलकर ने एक दिवसीय क्रिकेट का सैंतीसवाँ सैंकड़ा लगा दिया तो एयरटेल मोबाइल सेवा देने वाली कंपनी हेक्साकोमं इंडिया लि. ने सचिन के चित्र के साथ एक विज्ञापन जारी किया जिसे अखबारों, पोस्टरों और होर्डिंग्स के माध्यम से जोर-शोर से लोगों को दिखाया गया जिस के साथ एक मोबाइल नंबर 9829137100 मोटे अक्षरों में प्रदर्शित किया गया। नीचे लिखा गया था “सिर्फ एयरटेल दे आपको अपना पसंदीदा नम्बर चुनने की आजादी” इस विज्ञापन में खास बात ये थी कि प्रदर्शित किए गए नंबर ऐसे थे जैसे वे सचिन के खास नंबर हों और सचिन ने वही नंबर अपने फोन के लिए चुन कर ले लिए हों। लोगों ने उस नंबर को सचिन का नंबर समझा और उस पर फोन लगाना शुरू कर दिया। दुर्भाग्य से सत्तू उर्फ सत्यप्रकाश का भी नंबर वही था। वह ऐसा परेशान हुआ कि जो उसे फोन करना चाहता था उसे तो उस का फोन व्यस्त मिलता। वह किसी को फोन करना चाहता तो फोन इतनी फुरसत ही नहीं बख्शता कि उस का फोन किसी से जुड़ सके, इस से पहले ही कोई फोन आ टपकता। कोई बीस दिन तक यह सिलसिला चलता रहा।
जब सचिन तेंदुलकर ने एक दिवसीय क्रिकेट का सैंतीसवाँ सैंकड़ा लगा दिया तो एयरटेल मोबाइल सेवा देने वाली कंपनी हेक्साकोमं इंडिया लि. ने सचिन के चित्र के साथ एक विज्ञापन जारी किया जिसे अखबारों, पोस्टरों और होर्डिंग्स के माध्यम से जोर-शोर से लोगों को दिखाया गया जिस के साथ एक मोबाइल नंबर 9829137100 मोटे अक्षरों में प्रदर्शित किया गया। नीचे लिखा गया था “सिर्फ एयरटेल दे आपको अपना पसंदीदा नम्बर चुनने की आजादी” इस विज्ञापन में खास बात ये थी कि प्रदर्शित किए गए नंबर ऐसे थे जैसे वे सचिन के खास नंबर हों और सचिन ने वही नंबर अपने फोन के लिए चुन कर ले लिए हों। लोगों ने उस नंबर को सचिन का नंबर समझा और उस पर फोन लगाना शुरू कर दिया। दुर्भाग्य से सत्तू उर्फ सत्यप्रकाश का भी नंबर वही था। वह ऐसा परेशान हुआ कि जो उसे फोन करना चाहता था उसे तो उस का फोन व्यस्त मिलता। वह किसी को फोन करना चाहता तो फोन इतनी फुरसत ही नहीं बख्शता कि उस का फोन किसी से जुड़ सके, इस से पहले ही कोई फोन आ टपकता। कोई बीस दिन तक यह सिलसिला चलता रहा।
सत्तू ने एयरटेल को शिकायत की, लेकिन शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया। उस ने उस का फोन नंबर बिना उस की अनुमति के विज्ञापित करने और उस से उत्पन्न असुविधा के लिए कानूनी नोटिस भी दिया। लेकिन कंपनी पर इस का असर होना तो दूर रहा दुबारा दिसंबर में इसी विज्ञापन को जारी कर दिया गया जिस से सत्तू को फिर एक महीने परेशान होना पड़ा। बाद में उस का सिम ही बंद कर दिया गया।
सत्तू उर्फ सत्यप्रकाश गुप्ता ने कोटा की उपभोक्ता अदालत में सेवा में त्रुटि के लिए परिवाद प्रस्तुत करते हुए सत्रह लाख पाँच हजार हर्जाने और अपना मोबाइल नंबर बहाल करने की मांग की। उपभोक्ता अदालत ने उक्त नंबर को बहाल करने की मांग स्वीकार करते हुए उपभोक्ता को 22 हजार हर्जाने और मुकदमा खर्चा के रूप में देने का आदेश दिया। लेकिन सत्यप्रकाश का मानना है कि अदालत ने न केवल उस की परेशानी और मोबाइल कंपनी द्वारा उस के साथ की गई मजाक का हर्जाना बहुत कम दिलाया है। जिस नंबर का उपयोग सचिन तेंदुलकर की शख्सियत के साथ जोड़ा जाए उस की कीमत मात्र दस हजार हो यह कैसे हो सकता है?
पूरी कहानी आप यहाँ और यहाँ क्लिक कर के पढ़ सकते हैं।
पूरी कहानी आप यहाँ और यहाँ क्लिक कर के पढ़ सकते हैं।
More from my site
7 Comments
ये सारी ताऊ (ऊठाईगिरी) कंपनियां हैं, इनका कोई कुछ नही बिगाड सकता. सब सेटिंग करके रखते हैं, अभी समय लगेगा हमारे यहां इन पर शिकंजा कसने में.
रामराम.
मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनी की ये हरकत कोइ नयी नहीं है | और ना ही इन चीजों से उन पर कोइ असर होने वाला है |
वास्तव में ये बात सत्तू के लिए अखरने वाली हैं … एयर टेल के विरुद्ध अधिकाधिक दंड लगाया जाना चाहिए था …
सहमत है जी आप से
वास्तव में "सत्यप्रकाश गुप्ता जी" को काफी दिक्कत हुई होगी | और जिस तरह से एयरटेल ने उसे नज़रअंदाज़ क्या ..इसकी सजा काफी कम है |
सही बात है
जिस नंबर का उपयोग सचिन तेंदुलकर की शख्सियत के साथ जोड़ा जाए उस की कीमत मात्र दस हजार हो यह कैसे हो सकता है?
न्यायालय को करोड़ों रूपए का दंड ठोकना चाहिए
मोबाइल सेवा प्रदाता कम्पनी की इस तरह की हरकत के लिए न्यायालय को करोड़ों रूपए का दंड ठोकना चाहिए था ताकि आगे से ये लोग अपनी मन मानी ना करते | २० ,२२ हजार के अर्थ दंड से एयरटेल जैसी कम्पनी के कान पर जूं भी नहीं रेगेंगी |