हिन्दू विधि में तलाक यूँ ही केवल चाहने से नहीं हो जाता।
|एक नौजवान इंजिनियर ने अपनी व्यक्तिगत समस्या को इस तरह रखा है …
मैं एक इंजिनियर हूँ, आठ माह पूर्व मेरा विवाह हुआ है। मैं अपनी पत्नी को पसंद नहीं करता। मेरी एक क्लास मेट के साथ मेरे विवाहेतर संबंध हैं। मैं उसे पाँच वर्षों से जानता हूँ और उसे प्यार करता हूँ। इस कारण से अब मैं अपनी पत्नी को तलाक देना चाहता हूँ और अपनी प्रेमिका के साथ रहना चाहता हूँ। मैं शादी से कभी खुश नहीं रहा। हमारे बीच सेक्स नहीं है। क्या तलाक संभव है? यदि हाँ तो क्या शादी में लिया हुआ दहेज, सात लाख रुपया कैश भी वापस करना पड़ेगा और पत्नी को भरण पोषण भी करना पड़ेगा? और किस आधार पर मुझे तलाक के लिए आवेदन करना होगा?
उत्तर …
इंजिनियर साहब!
आप एक अपराध तो कर चुके हैं कि आप ने विवाह किया और दहेज व सात लाख रुपया कैश लिया। यह दहेज और कैश राशि स्त्री-धन है। यदि यह आप के या आप के किसी परिजन के पास है तो आप की पत्नी की अमानत मात्र है। यह तो आप को आप की पत्नी द्वारा मांगे जाने पर तुरंत लौटाना होगा वरना आप धारा-406 भारतीय दंड संहिता के अपराधी होंगे। आप का विवाह एक हिंदू विवाह है और हिन्दू विवाह अधिनियम से शासित होता है। उस में पति जब चाहे तब अकारण या किसी भी कारण से तलाक नहीं ले सकता। उसे विवाह विच्छेद के लिए केवल इस कानून के अंतर्गत वर्णित आधार ही उपलब्ध हैं। आप ने जो विवरण दिया है उस से कोई भी ऐसा आधार आप के पास नहीं है जिन के कारण आप तलाक ले सकते हों।
आप ने जो विवरण दिया है उस से लगता है कि आप ने खुद अथवा अपने माता-पिता की दहेज प्राप्त करने की इच्छा के लिए विवाह किया है। जो कि निकृष्ठतम विवाह है। हिन्दू विधि में विवाह को पवित्र सूत्रबंधन माना है जिसे जीवन पर्यंत निभाना होता है। आप जब किसी लड़की से प्रेम करते थे जिस से आप के विवाहेतर संबंध भी थे तो आप को यह विवाह करना ही नहीं था। इस तरह आप ने उस लड़की के साथ भी छल किया जिस से आप प्रेम करते थे। आप के विवाह कर लेने के उपरांत उस लड़की की मानसिक स्थिति क्या होगी? यह तो वही जान सकती है।
आप की पत्नी जिस के साथ आप ने विवाह किया है और उस के माता पिता ने आप को भरपूर दहेज भी दिया इस लिए कि उस का वैवाहिक जीवन सुख और शांति से बीते और उसे एक प्रेम करने वाला पति मिले। जिस लड़की ने इतना दहेज ले कर आप के साथ विवाह किया है, उस के भी तो कुछ अधिकार होंगे ही। आप ने उन पर विचार ही नहीं किया। हो सकता है उसे आप के विवाहेतर संबंधों की जानकारी हो और इसी कारण आप दोनों के बीच सेक्स के संबंध नहीं बने हों। आम तौर पर भारतीय अरेंज्ड विवाहों में और सब बातों के होते हुए भी पति-पत्नी के बीच सब से पहला रिश्ता सेक्स के माध्यम से ही बनता है और बाद में धीरे-धीरे प्रेम औरस्नेह उपजता है। संताने उन्हें प्रगाढ़ करती हैं।
मेरी राय में आप को अपनी पत्नी के साथ जीवन बिताने के बारे में विचार करना चाहिए और अपने विवाहेतर संबंधों को त्याग देना चाहिए। यदि आप ऐसा न करें तो आप
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9 Comments
वाह! सात लाख की बोली पर बिके पतिदेव को तलाक चाहिए! यदि पत्नी में समझ होगी तो शीघ्र ही वह इन महाशय को तलाक दे रही होगी।
वैसे कितना अन्याय है ना कि तलाक मिलने पर इन्हें लूट लौटानी होगी! मेरी हार्दिक सहानुभूति पीड़ित मानव के साथ।
घुघूती बासूती
दहेज़ और लालच की वेदी पर ना जाने कितनी बेटियाँ बलिदान दे चुकी हैं.
आपने सही सलाह दी है.
उचित सलाह दी आपने, शादी कोई खेल थोड़े ही न है कि जब चाहा तब कर ली और जब चाहा तब तोड़ दी
अरे बाबा यह गुड्डॆ गुडिया का खेल नही…. चलिये सब की अपनी अपनी समझ है,
दिनेश जी आप ने बिलकुल उचित सलाह दी.ओर यह सलाह ओर लोगो के काम भी आयेगी.
धन्यवाद
पढ़ाई-लिखाई सब बेकार। ये हैं भविष्य …
सही सलाह दी आपने।
( Treasurer-S. T. )
गलती पे गलती !
बहुत ही सही और नेक सलाह!
पता नहीं क्यों आजकल कुछ लोग विवाह के महत्व को समझ नहीं पाते और इसे हँसी खेल जैसी चीज समझने लगे हैं।
बडा ही निकृष्ट इंसान है. पर इस संबंध मे कानून की जानकारी मिली, बहुत आभार.
रामराम.