दुकान के सामने का अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम के विरुद्ध वाद प्रस्तुत करें
|विशाल ने इन्दौर, मध्यप्रदेश से समस्या भेजी है कि-
नगर की मुख्य सड़क पर कॉर्नर की दो दुकानें भूतल व प्रथम तल पर मेरे स्वामित्व की हैं। पिछले एक वर्ष से एक पान वाले ने गुमटी लगा कर मेरा कार्नर कवर कर लिया है। वह दादागिरी दिखाता है और बात करने जाओ तो बद्तमीजी करता है, भीड़ इकट्ठी कर लेता है। मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
आप अपनी दुकान के स्वामी हैं। आप की दुकानें मुख्य सड़क पर खुलती हैं। आप की दुकानों के सामने जिस पान वाले ने अपनी गुमटी लगाई है वह निश्चित रूप से नगर निगम की सड़क/ जमीन पर अतिक्रमण होना चाहिए। आप उस से आग्रह कर के गुमटी हटाने के लिए कह रहे हैं। निश्चित रूप से जब उस ने गुमटी लगाई होगी तो यह भी विचारा होगा कि आप उसे हटने के लिए कहेंगे और यह भी कि नगर निगम भी उस की गुमटी को हटा सकता है। इस के उपाय भी उस ने सोच रखे होंगे। आप से बद्तमीजी करना और भीड़ इकट्ठी कर लेना वही सोचा समझा उपाय है। नगर निगम में भी उस ने बाबुओं, अफसरों और नेताओं से भी अपनी सेटिंग कर रखी होगी। इस कारण हो सकता है वहाँ भी आप की सुनवाई न हो।
लेकिन आप की समस्या का आरंभिक उपाय यही है कि आप नगर निगम को आवेदन करें कि आप की दुकान के सामने गुमटी लगा कर अतिक्रमण किया गया है जिस से आप को परेशानी हो रही है। आप को होने वाली परेशानियाँ विस्तार से लिखें और उस गुमटी के अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रार्थना करें। यदि नगर निगम उस पर कार्यवाही कर उस गुमटी को हटा देता है तो बहुत ठीक है। लेकिन वह कोई कार्यवाही नहीं करता है तो किसी वकील के माध्यम से आप नगर निगम को पालिका अधिनियम के अन्तर्गत लीगल नोटिस दें कि नगर निगम इस अतिक्रमण को नहीं हटाता है तो वे नगर निगम और गुमटी वाले के विरुद्ध दीवानी न्यायालय में दावा करेंगे।
नोटिस की अवधि समाप्त होने पर नगर निगम और गुमटी वाले को पक्षकार बनाते हुए घोषणा और स्थाई आदेशात्मक निषेधाज्ञा का दीवानी वाद संस्थित करें जिस में प्रार्थना करें कि न्यायालय नगर निगम को आदेश दे कि वह उस गुमटी को हटाए।