अपराध के लिए न्यायालय में परिवाद और रुपया वसूली के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत करें
|समस्या-
मैं ने एक व्यक्ति को जनवरी 2011 को रुपये 75000/- उधार दिए थे। उस समय मैं ने स्वयं के हाथ से एग्रीमेंट लिख कर उस पर रेवेन्यू टिकट लगा कर हस्ताक्षर करवा लिए थे। उसके बाद मैं ने कई बार उससे रुपये वापस मांगे तो वह टालमटोल करता रहा। मैं ने मार्च 2012 को उस व्यक्ति को जरिये वकील नोटिस दिया। उस ने रुपया देने से मना कर दिया ओर कहा कि वह वापस रुपया देने के झूठे गवाह पेश कर देगा। नोटिस के कुछ दिनों बाद उसके पिता की दुर्घटना में मृत्यु हो गयी। इसके बाद मैं ने तीन माह तक उससे संपर्क नहीं किया, क्योकि उसके घर में शोक था। इसके बाद उससे संपर्क किया तो वह बोलेरो में चार लोगों के साथ मेरे घर आया और मुझ से कहा कि तुम मेरे साथ ओसिया चलो वहाँ मेरे भाई और कुछ रिश्तेदार हैं जो हमारा हिसाब करा देंगे। वो मुझे ओसिया ले गये और वो खुद ही एक 100 रूपये का शपथ पत्र ले के आये और मुझे धमकाकर उस खाली शपथ पत्र पर मेरे हस्ताक्षर करवा लिए क्यों कि उसके साथ करीब 20-25 लोग थे और मुझे मारने पर उतारू हो गये तब मैं ने डर के मारे उन से कहा भाई मेरा क्या कसूर है? तो उन्होंने कहा कि रुपये क्यों मांग रहा है? तुझे पुलिस में सोंपेंगे क्यों कि तू झूठे पैसे मांग रहा है। अब तुझे रूपये देने पड़ेंगे अन्यथा पुलिस में झूठा मुकदमा करेंगे क्यों कि आज हमारे 20-25 गवाह हैं। तू खाली शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर के हम लोगो को 17,500/- रूपये देगा और आज के बाद रूपये नहीं मांगेगा। मैं ने पुलिस केस के डर से खाली शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए। फिर मेरे भाई व रिश्तेदारों को फोन किया तो उन्होंने मुझे छुड़ाया। मेरे भाई ने शपथ पत्र वापस माँगा तो उन्होंने कहा अगर 17,500/- रुपये देते हो तो शपथ पत्र ले जाओ। तब मेरे भाई ने दुसरे दिन 17,500/- रुपये दिए और उस शपथ पत्र को फाड़ने को कहा। उन लोगों को पता था कि मेरी नौकरी लगने वाली है इस लिए पुलिस का डर दिखाया। उन लोगों के साथ एक सादी वर्दी वाला ओसिया का पुलिसमेन भी था जो मुझे धमका रहा था कि इन से रूपये मांगे तो जेल में डाल दूंगा। अपनी नौकरी लगाने कि खातिर मैं उन लोगो पर कोई केस भी नहीं किया क्योकि ओसिया का पुलिस उनके साथ मिली हुई है। पुलिस केस हो गया तो नौकरी नहीं मिलेगी। इसलिए शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए। अब यह बताएँ कि रुपये किस तरह वापस लें और मेरे साथ उपरोक्त घटना भी न हो।
-रवि, बाड़मेर, राजस्थान
समाधान-
उस व्यक्ति को आप का रुपया लौटाना होता तो सीधे आप के पास आता और कहता कि रुपए लो और मेरी रसीद/एग्रीमेंट वापस दो। उस के मन में कपट था इस कारण से वह आप को बाहर ले गया और यह सब किया।
आप के साथ उक्त घटना कब घटी है यह आप ने नहीं बताया है। आप को तुरंत न्यायालय में उक्त घटना का परिवाद प्रस्तुत करना चाहिए। इस घटना में आप के भाई व रिश्तेदार आप को छुड़ा कर लाए हैं इस कारण से आप के पास पर्याप्त गवाह मौजूद हैं। इस घटना का परिवाद न्यायालय में प्रस्तुत करने के पहले उस पुलिसमेन का नाम पता भी ज्ञात कर लें जो उन के साथ था और जिस ने आप को धमकाया था। न्यायालय से यह प्रार्थना करें कि इस मामले को अन्वेषण के लिए किसी पुलिस थाना भेजे जाने के स्थान पर सीधे एस.पी. पुलिस को भेजा जाए या फिर न्यायालय में ही गवाहों के बयान ले कर प्रसंज्ञान लिया जाए।
उक्त परिवाद न्यायालय में प्रस्तुत करने के तुरंत बाद ही आप रुपया वसूली के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत कर दें। आप ने जो रुपया उधार दिया है उस की आप के पास लिखत है साथ ही आप ने वकील के माध्यम से जो नोटिस दिया है उस की प्रति, डाक रसीद और प्राप्ति स्वीकृति भी होनी चाहिए। इन सब के आधार पर आप दीवानी वाद के माध्यम से रुपया वसूल कर सकते हैं। यदि नोटिस की प्राप्ति स्वीकृति लौटी नहीं हो तो आप उसी पोस्ट ऑफिस को पोस्ट मास्टर को एक आवेदन प्रस्तुत कर के नोटिस की डाक प्राप्तकर्ता को प्राप्त होने का प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
कैसे कैसे लोग हैं.. बताइए…. इन भाई साहब का पैसा मिल जाए तो अच्छा हो…
सतीश चंद्र सत्यार्थी का पिछला आलेख है:–.मौनी बाबा की शायरी