DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

शामलाती जमीन के एक हिस्से को किसी एक पक्ष द्वारा किए गए विक्रय के निरस्तीकरण हेतु वाद संस्थित हो सकता है

समस्या-

हरजीत ने 4-फाफाडीह, रायपुर (छत्तीसगढ़) ने पूछा है-

27 जुलाई 1983 को विक्रेता (राजेश कुमार) ने एक रजिस्ट्री में “भूमि व निजी शामलाती जमीन व रास्ता जिसे क्रेता (कुमार मोहन) उपयोग में ला सकता है।” का उल्लेख किया है। इसके संलग्न नक्शे में “प्रायवेट शामलाती ओपन यार्ड लिखा है।”  यह शामलाती जमीन व रास्ता आयाताकार भूमि के सामने 13 फुट चौड़ी और पीछे की ओर 8 फुट चौड़ी दर्शाई गई।
कुछ समय बाद कुमार मोहन ने इसकी आधी भूमि एक अन्य क्रेता चमनलाल को विक्रय कर दी। तथा आधी भूमि कुमार मोहन के पास रही। कुमार मोहन निधन के बाद उसकी पत्नी शांति बाई के नाम पर नामांतरित हो गई। इसके बाद राजेश कुमार ने सामने और पीछे की “भूमि व निजी शामिलाती जमीन व रास्ता” अपने पुत्र रविशरंजन कुमार के नाम रजिस्ट्री कर उस पर उस पर नगर पालिक निगम से बिना नक्शा चार दुकान कर किराये पर दे दी है।
(1) क्या राजेश कुमार द्वारा रविरंजन कुमार के नाम पर की गई  रजिस्ट्री को शून्य करने के लिए न्यायालय की शरण ली जा सकती है या कोई और उपाय है?
(2) क्या बिना नक्शा पास करा कर बनाई गई चार दुकानों को हटाने के लिए कानून के दायरे में नगर पालिक निगम कार्रवाई कर सकता है?

समाधान-

राजेश कुमार द्वारा रविरंजन कुमार के नाम पर की गयी रजिस्ट्री को शून्य करने के लिए ऐसा व्यक्ति न्यायालय की शरण ले सकता है जिसे शामलाती भूमि के विक्रय और उस पर निर्माण से उस भूमि की जमीन के उपयोग की हानि हुई है। वह इसके लिए दीवानी वाद प्रस्तुत कर सकता है।

इसी वाद में वादी यह राहत मांग सकता है कि इन चार दुकानों को हटाया जाए, और शामलाती जमीन को उपयोग के लिए खुला रखा जाए।

नगर पालिक निगम इस मामले में कार्यवाही कर सकता है कि ये चार दुकानें मानचित्र स्वीकृत कराए बिना बनाई गयी हैं और निर्माण की स्वीकृति प्राप्त नहीं की गयी है। लेकिन ये दुकाने वह आसानी से नहीं हटाएगा, क्यों कि नगरपालिक नियमों में यह भी नियम है कि निजी भूमि पर किए गए अनुमत किए जाने योग्य निर्माण को वह पेनल्टी लेकर नियमित कर सकता है। इस संबंध में बेहतर है कि किसी स्थानीय वकील की मदद ले कर कार्यवाही की जाए।  

Print Friendly, PDF & Email