आपके पास कार्यवाही के लिए कोई आधार नहीं, बदले की भावना का त्याग करें।
|समस्या-
लोकेश पाण्डेय ने भिवाड़ी, जिला अलवर, राजस्थान से पूछा है-
मेरी पत्नी ने सरकारी नौकरी पाने के लिए मुझे झूठे केस में फंसाकर तलाक ले लिया। फिर किसी से नाता विवाह कर लिया और नाता विवाह के दो साल बाद स्वास्थ्य विभाग में तलाकशुदा कोटे से नौकरी हासिल कर ली। जब मुझे इस बात को पता लगा तो मैंने विभाग में शिकायत की। तब पता चला कि उसने नौकरी लगने के 6 महीने बाद जयपुर में कोर्ट मैरिज करके शादी रजिस्टर्ड करवा रखी है। विभाग ने करवाई करने से इनकार कर दिया। जबकि नौकरी लगने से पहले उसके एक लड़की हुई थी जिसको उसने नौकरी लगने के बाद अपनी बहन से गोद लेना बता रखा है। क्या इसमें कोई करवाई हो सकती है? या अब मैं इसमें उसके खिलाफ कुछ भी नहीं कर सकता मार्गदर्शन करें।
समाधान-
आपका कहना है कि आपकी पत्नी ने झूठे केस में फँसा कर तलाक ले लिया। ऐसा कैसे हो सकता है। यदि उसने झूठे तथ्यों के आधार पर तलाक का मुकदमा पेश किया तो उसकी गवाही के दौरान आपको जिरह का अवसर मिला और आपको अपनी सफाई में गवाह प्रस्तुत करने का अवसर दिया। जब न्यायालय में तलाक के लिए जरूरी कानूनी आधार साबित हो गया तो तलाक की डिक्री पारित हुई। आपको यदि इस डिक्री को अपास्त कराना था तो आपके पास अपील करने का अधिकार था। हो सकता है आपने अपील की हो और वह उच्च न्यायालय में लंबित हो। लेकिन डिक्री तो अदालत ने वजह साबित होने पर ही पारित की है। इसके लिए जब तक कि वह डिक्री किसी न्यायालय से निरस्त नहीं हो जाती है आप यह नहीं कह सकते कि आपकी पत्नी ने झूठे केस में फँसा कर तलाक ले लिया है।
कोई भी तलाक शुदा बालिग स्त्री बिना विवाह किए किसी पुरुष के साथ निवास कर सकती है। इसमें कुछ भी अवैध नहीं है। यही नाता करना है। नाता विवाह नहीं होता। यदि होता तो उसे नाता कहने की स्थिति नहीं आती। तलाकशुदा होने के आधार पर नौकरी लग जाने पर उसका पुनर्विवाह करने का अधिकार समाप्त नहीं हो गया। यदि उसने नौकरी प्राप्त होने के बाद पंजीकृत विवाह किया है तो उसमें भी कुछ गलत नहीं है।
आपका कहना है कि आपकी पत्नी ने नौकरी करने के पहले एक कन्या को जन्म दिया था। इस बात को रिकार्ड और साक्ष्य से साबित करना होगा। जबकि रिकार्ड यह है कि वह कन्या उसकी बहन की है और उसे आपकी पूर्व पत्नी ने गोद लिया है।
आपके पास वास्तव में अपनी पत्नी के विरुद्ध कार्यवाही करने का कोई आधार नहीं है। उसने तलाक लिया जिसकी वजह थी। आपका विवाह तलाक की डिक्री के साथ समाप्त हो चुका है। आपकी पूर्व पत्नी ने विवाह कर लिया है इस कारण तलाक किसी तरह भी निरस्त नहीं हो सकता। अब उसके विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए कोई कारण नहीं है। असल में आप आहत हैं और पत्नी से बदला लेना चाहते हैं। बदला लेना कोई उचित चीज नहीं है। यह सामने वाले को प्रभावित करे या न करे लेकिन वह आपको बर्बाद कर देता है। बेहतर है कि बदले की भावना अपने मन से निकाल दें और एक नया जीवन जीने के लिए अपने कदम बढ़ाएँ। जो कुछ हुआ है उसे भूल जाएँ।