ऐसे वकील का पता बताएँ जो शत-प्रतिशत मुझे मेरा बच्चा दिलवा दे
|प्रशांत वर्मा अपनी समस्या को इस तरह रखते हैं-
मेरा नाम प्रशांत वर्मा (39) है। मेरी पत्नी करीब चौदह सालों से हम से अलग रहती है। मेरा एक बच्चा भी है जो करीब तेरह वर्ष से अधिक उम्र का है। मैं अपने बच्चे को आज तक नहीं देखा है। क्या मेरा बच्चा कानूनी रूप से मुझे मिल सकता है? मेरी पत्नी ने हमारे ऊपर 498-ए और 125 का मुकदमा भी दायर किया है जो कि विचाराधीन है। मुझे किसी ऐसे एडवोकेट का पता, ई-मेल या फोन नं. दें जो शत-प्रतिशत मेरा बच्चा हम को दिला सके। क्यों कि मैं अपने बच्चे को पायलट या आईएएस अफसर बनाना चाहता हूँ।
उत्तर-
प्रशांत जी,
आप अपनी पत्नी से, या आप की पत्नी आप से, चौदह वर्ष से अलग रह रही है, और आप के तेरह वर्षीय पुत्र को आप ने देखा तक नहीं है। अब जब आप की पत्नी ने आप के विरुद्ध धारा 498-ए व भा.दं.सं. और धारा 125 दं.प्र.सं. के अंतर्गत मुकदमे कर दिए हैं, तो आप को अपने पुत्र को पायलट या आईएएस बनाने की चिंता हुई है। वैसे आप की यह चिंता सद्भाविक और स्वाभाविक भी हो सकती है। किसी भी बच्चे को उस की पाँच वर्ष की उम्र तक तो उस की माँ की कस्टड़ी से वापस नहीं लिया जा सकता है। लेकिन पाँच वर्ष की आयु का होने के उपरांत आप को उस की कस्टडी प्राप्त करने के लिए कुछ करना चाहिए था। आप ने वह सब नहीं किया। उस के भरण-पोषण की कोई परवाह नहीं की, उसे देखा तक नहीं। ऐसी अवस्था में अदालत किन तथ्यों के आधार पर यह तय करेगी कि आप अपने पुत्र को पायलट या आईएएस बनाना चाहते हैं। केवल आप के द्वारा इच्छा प्रकट कर देने से तो यह समस्या हल नहीं होगी।
हाँ, पिता को पाँच वर्ष की आयु के उपरांत अपने पुत्र की कस्टड़ी प्राप्त करने का हक है। लेकिन अदालत आप को अपने पुत्र की कस्टड़ी देने का निर्णय इस आधार पर करेगी कि बालक का हित, उस का वर्तमान और भविष्य माता-पिता में से किस के पास अधिक सुरक्षित है? आप चाहें तो बालक की कस्टड़ी के लिए न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
कोई भी वकील शर्तिया कोई भी परिणाम लाने का वायदा करता है तो समझिए वह आप को धोखा दे रहा है। सही वकील केवल आप के मुकदमे में पूरी होशियारी और काबिलियत से पैरवी करने का आश्वासन दे सकता है। यदि कोई इस से अधिक आश्वासन या गारंटी आप को देता है तो ऐसे वकील से काम न लेना ही ठीक है। क्यों कि वह एक मिथ्या आश्वासन दे रहा है और जिस संविदा का आरंभ ही झूठ बोलने से हो रहा हो उस के साथ अदालत की यात्रा कभी सुखद नहीं हो सकती। बहुत से वकील गारंटी देते मिल जाएंगे, लेकिन उन के साथ आप का अनुभव अच्छा नहीं रहेगा। आप ने अपना पता-ठिकाना तक नहीं दिया है ऐसे में आप के यहाँ के किसी वकील का पता आदि दे पाना भी संभव नहीं है जो आप की पैरवी कर सके। ऐसी गारंटी कोई वकील लिखित में दे दे तो भी वह कानून के विरुद्ध होगी और उसे एक कॉन्ट्रेक्ट नहीं कहा जा सकता है।
बेहतर यही है कि आप पहले खुद सोचें कि बालक का वर्तमान और भविष्य कहाँ अधिक उत्तम होगा। यदि आप समझते हैं कि आप की कस्टड़ी में बालक का वर्तमान और भविष्य अधिक अच्छा हो सकता है तो बेझिझक कस्टड़ी के लिए आवेदन कर दें। परिणाम जो भी हो, हो। आप में अपने पुत्र के भविष्य के लिए चिंता होगी तो आप ऐसा अवश्य करेंगे। आप अपने यहाँ के किसी भी विश्वसनीय और वरिष्ठ वकील को इस काम को सौंप दें। मेरा सुझाव है कि आप गारंटी देने वाले वकील के फेर में न पड़ें। उस से आप को कोई लाभ नहीं होगा।
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7 Comments
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आपकी दी गयी सलाह बहुत सही है लेकिन देखने में आया है कि ज्यादातर पेशेवर लोग गारंटी ही लेते है भले ही वो झूठी ही हो | क्यों कि उनके लिए तो अपनी दुकानदारी ही सर्वोपरी है |
कोई भी वकील शर्तिया कोई भी परिणाम लाने का वायदा करता है तो समझिए वह आप को धोखा दे रहा है। सही वकील केवल आप के मुकदमे में पूरी होशियारी और काबिलियत से पैरवी करने का आश्वासन दे सकता है। यदि कोई इस से अधिक आश्वासन या गारंटी आप को देता है तो ऐसे वकील से काम न लेना ही ठीक है। क्यों कि वह एक मिथ्या आश्वासन दे रहा है और जिस संविदा का आरंभ ही झूठ बोलने से हो रहा हो उस के साथ अदालत की यात्रा कभी सुखद नहीं हो सकती……….
सही सलाह.
सुंदर सलाह दी आप ने,लेकिन अब बच्चा ज बडा हो गया है तो अपने पिता के बारे क्या ख्याल रखता होगा…. काश किसी को भी ऎसे हालात मे ना रहना पडे, भगवान ऎसे लोगो को अक्ल दे
ऐसे कई पिता होते हैं जिन्होंने अपनी संतान को कभी देखा भी नहीं होता और अचानक वे उनकी कस्टडी या मिलने का अधिकार चाहते हैं। बच्चे पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा यह शायद वे नहीं सोचते।
घुघूती बासूती
वेहतरीन सलाह