कानूनी कार्यवाहियों में रोड़ा बनने वाले अनुबंध शून्य हैं।
प्रत्येक अनुबंध ….
(क) जिस के द्वारा उस के किसी पक्षकार को किसी भी कंट्रेक्ट के अंतर्गत और उस के संबंध में प्राप्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने में सामान्य अधिकरणों में प्रचलित कानूनी कार्यवाहियाँ चलाने में बाधक, या जो उस के अधिकार को प्रवर्तित करा सकने की समय सीमा को सीमित करे
(ख) जिस के द्वारा किसी पक्षकार के किसी भी कंट्रेक्ट के अंतर्गत और उस के संबंध में अधिकार का शमन, या दायित्व से उन्मोचित कर दिया जाए जिस से कोई पक्षकार उस के अधिकारों का प्रवर्तन कराने से बाधित हो जाए,
…. उस सीमा तक शून्य है।
अपवाद-1 ….
उत्पन्न होने वाले विवादों को मध्यस्थता के लिए निर्देशित करने वाली संविदा का संरक्षण …
यदि दो या अधिक व्यक्ति ऐसी संविदा करें कि उन के बीच किसी विषय या विषयों के किसी वर्ग के बारे में विवाद उत्पन्न हो जाने पर मध्यस्थता के लिए निर्देशित किया जाएगा और मध्यस्थ द्वारा निर्धारित राशि ही वसूली के योग्य होगी, ऐसी संविदा इस धारा के अंतर्गत अवैध नहीं मानी जाएगी।
प्रत्येक अनुबंध ….
(क) जिस के द्वारा उस के किसी पक्षकार को किसी भी कंट्रेक्ट के अंतर्गत और उस के संबंध में प्राप्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने में सामान्य अधिकरणों में प्रचलित कानूनी कार्यवाहियाँ चलाने में बाधक, या जो उस के अधिकार को प्रवर्तित करा सकने की समय सीमा को सीमित करे
(ख) जिस के द्वारा किसी पक्षकार के किसी भी कंट्रेक्ट के अंतर्गत और उस के संबंध में अधिकार का शमन, या दायित्व से उन्मोचित कर दिया जाए जिस से कोई पक्षकार उस के अधिकारों का प्रवर्तन कराने से बाधित हो जाए,
…. उस सीमा तक शून्य है।
अपवाद-1 ….
उत्पन्न होने वाले विवादों को मध्यस्थता के लिए निर्देशित करने वाली संविदा का संरक्षण …
यदि दो या अधिक व्यक्ति ऐसी संविदा करें कि उन के बीच किसी विषय या विषयों के किसी वर्ग के बारे में विवाद उत्पन्न हो जाने पर मध्यस्थता के लिए निर्देशित किया जाएगा और मध्यस्थ द्वारा निर्धारित राशि ही वसूली के योग्य होगी, ऐसी संविदा इस धारा के अंतर्गत अवैध नहीं मानी जाएगी।
अपवाद-2 ….
पहले ही उत्पन्न हो चुके प्रश्नों को मध्यस्थता के लिए निर्देशित किए जाने वाली संविदा का संरक्षण …
और यह धारा न तो किसी ऐसी लिखित संविदा को भी अवैध करेगी जिस से दो या अधिक व्यक्ति किन्हीं ऐसे प्रश्नों को जो पहले से ही उन के बीच उत्पन्न हो चुके हों, मध्यस्थता के लिए निर्देशित करने का अनुबंध करें, या न ही मध्यस्थता के लिए निर्देशित करने वाले उस समय प्रभावी किसी कानून के किसी प्रावधान पर कोई प्रभाव डालेगी। (धारा-28)
आज दिमाग काम नही कर रहा, कल दुबारा से पढुगा, धन्यवाद
समझ में आया अनुवाद भी. आभार.
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निवेदन
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-समीर लाल
–उड़न तश्तरी
आज कानून के मूल पाठ का हिन्दी अनुवाद भर है उस की व्याख्या नहीं। सरल हो जाएगा।
सचमुच….
थोड़ा भारी लगा आज का पाठ. शायद ध्यान से पढ़ नहीं पा रहा हूँ.