किराएदार कभी मकान मालिक नहीं हो सकता।
मोहम्मद अहमद ने गोरखपुर से पूछा है-
मेरे घर से लगी हुई 22’6″ X11′ की दुकान है जो खपरैल की है किराएदार करीब 30 साल से दुकान करता है। वर्तमान में किराया रुपए 365 है। किराएदार उसे बनवाने को कहता है तो हम लोगो ने कहा (हम तीन भाई हैं) आप अपने खर्चे पर दुकान की जिस भाग में रहते हो उस का पूरा करवा लें। उस में से फ्रंट से आधा हम लोग लेंगे और किराया रु. 1000 होगा जो हर 5 साल में 25%बढेगा जिस पर वो तैयार हो गया है। क्या ये सही है? कहीं किरायेदार मालिक तो नहीं हो जाएगा और अगर नहीं तो इस का एग्रिमेंट कैसे होना चाहिए?
समाधान-
किराएदार कभी मकान मालिक नहीं हो सकता। बस आप के पास इस बात का सबूत होना चाहिए कि वह किराएदार है।
आप किराएदार से एग्रीमेंट लिखवा लें। जिस में लिखा हो कि वह इस दुकान में किराएदार है जिस की साइज 22’6″ X11′ है। इस में निर्माण किया जाएगा। निर्माण के बाद बनी दुकान में से आगे का हिस्सा (नाप) वह मकान मालिक को देगा तथा पीछे के हिस्से में उस की किराएदारी नए सिरे से होगी जिस का किराया 1000 रुपए प्रतिमाह होगा जो प्रत्येक पाँच वर्ष के बाद 25% बढ़ जाएगा। नए सिरे से किराए पर दिए जाने वाले परिसर का स्पष्ट वर्णन होना चाहिए।
आप एग्रीमेंट किसी अच्छे वकील से ड्राफ्ट करवाएंगे तो आप को परेशानी नहीं होगी।