किराएदार से मकान खाली कराने का बंटवारे से कोई संबंध नहीं है।
|समस्या-
प्रीति ने लखनऊ उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मेरी माँ बीमार रहती है वह चाहती है कि उस के जीवित रहते मकान को अपनी दो बेटियों में बाँट दे। मेरे पिता की मृत्यु हो चुकी है और मकान माँ के नाम है। मकान में किराएदार रहते हैं जो कहने पर मकान खाली नहीं कर रहा है। क्या बंटवारा दिखा कर मकान खाली कराया जा सकता है। या कोई दूसरा तरीका बताएँ?
समाधान-
बँटवारा केवल संयुक्त संपत्ति का होता है। यदि मकान आरंभ से ही माँ के नाम था तो वह उन की संपत्ति है। उस का बंटवारा संभव नहीं है। वे उसे अपनी दो बेटियों को दान कर सकती हैं या वसीयत कर सकती हैं। दोनों बेटियों को वसीयत करना बेहतर है। लेकिन वसीयत में मकान के दो हिस्से स्पष्ट कर दिए जाएँ वरना दोनों बहनों के बीच माँ के बाद विवाद हो सकता है।
यदि मकान पिता के नाम था और उन की मृत्यु के बाद नामान्तरण से माँ के नाम आया है तो भी उत्तराधिकार के कारण दोनों बेटियों का उस में अधिकार है। तब तीनों के बीच बंटवारा नामा लिखा जा सकता है और मकान दो हिस्सों में दोनों बेटियों के नाम किया जा सकता है।
किराएदार से मकान खाली कराने का इस बंटवारे से कोई संबंध नहीं है। खाली कराने के लिए बंटवारे का उपयोग नहीं किया जा सकता है। सब से बेहतर तरीका तो यह है कि माँ यह कहते हुए कि बेटी आ कर रहेगी मकान को खाली कराने का दावा अदालत में अविलम्ब पेश करे। वहाँ भी कुछ समय लगेगा लेकिन बेटी की जरूरत के आधार पर मकान खाली हो जाएगा।