किराएदार से मकान खाली कैसे कराएँ?
|समस्या-
मैं जयपुर राजस्थान से हूँ। मैने चार साल पहले हाऊसिंग बोर्ड का एक मकान जयपुर में ख़रीदा था जिसकी रजिस्ट्री मेरे नाम नही है। संपत्ति के दस्तावेजों की खाली फाइल मेरे पास है। मैं पिछले 5 सालो से गल्फ में अपने परिवार के साथ रह रही हूँ। मेरे माता पिता ने एक साल पहले बिना किरायानमा के मौखिक सहमति से किसी परिवार को मेरा मकान रहने के लिए दे दिया। अब वह मेरा मकान खाली नहीं कर रहा है। नल बिजली के बिल मेरे नाम से ही आते हैं। मैं अभी एक महीने के लिए भारत आ रही हूँ। कृपया समाधान बताये जिससे मेरा मकान ख़ाली हो जाये। इस समय मेरे माता पिता और मैं बहुत परेशान हूँ।
-सुनीता, जयपुर, राजस्थान
समाधान-
राजस्थान में राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 दिनांक 1 अप्रेल 2003 से प्रभावी हो गया है। इस अधिनियम की धारा 2 (ग) में भू-स्वामी (Landlord) को परिभाषित किया गया है। इस के अनुसार “भू-स्वामी” से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जो किसी परिसर कार किराया, चाहे अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के अभिकर्ता, न्यासॉ, संरक्षक, या रिसीवर के रूप में, तत्समय प्राप्त कर रहा है या प्राप्त करने का हकदार है या जो परिसर के किसी किराएदार को किराए पर दिए जाने की दशा में, उस का किराया इस प्रकार प्राप्त करेगा या प्राप्त करने का हकदार होगा।
उक्त मकान को आप खरीद चुकी हैं, उस की कीमत अदा कर चुकी हैं और उस का कब्जा प्राप्त कर चुकी हैं। केवल रजिस्ट्री कराना शेष है। ऐसी अवस्था में भी आप ही उस मकान की स्वामिनी हैं। आप को जितना शीघ्र हो उस मकान की रजिस्ट्री करवा लेनी चाहिए। इस से उस का स्वामित्व आप के नाम हस्तांतरित हो जाएगा।
आप के मकान को आप के पिता ने आप के अभिकर्ता के रूप में किराए पर दिया था और वे ही किराया भी लेते रहे होंगे। ऐसी अवस्था में उस किराएदार के लिए आप के पिता की हैसियत एक भू-स्वामी की है। आप की ओर से आप के पिता उस किराएदार के विरुद्ध मकान को खाली कराने के लिए न्यायालय में अर्जी प्रस्तुत कर सकते हैं।
किसी भी किराएदार से मकान खाली कराने के लिए आप के पास वैध आधार होना चाहिए। राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम की धारा 9 में ऐसे आधारों का वर्णन किया गया है जिन के आधार पर आप किराएदार से मकान खाली करवा सकती हैं। जब आप जयपुर आएँ तो पहले ही दिन मूल किराया नियंत्रण अधिनियम की एक प्रति अवश्य खरीद लें। यह 30 से 50 रुपए में आप को जयपुर की किसी भी कानून की किताब बेचने वाले दुकानदार से मिल जाएगी। इसे पढ़ कर आप पता कर सकती हैं कि आप के पास किराएदार से मकान खाली कराने के क्या आधार हो सकते हैं और क्या आधार आप के पास उपलब्ध हैं।
ऐसा कोई भी साधन नहीं है जिस के द्वारा किसी किराएदार से एक माह में मकान खाली कराया जा सके। इस के लिए आप को न्यायालय की ही शरण लेनी होगी। आप जब जयपुर आएँ तो अपने पिता जी के साथ किराएदारी के मुकदमे लड़ने वाले किसी वकील से मिलें और उस से राय करें कि कैसे मकान खाली कराया जा सकता है। जब तक कोई वकील आप से नहीं मिलेगा और आप से आवश्यक तथ्यों की पूरी जानकारी न करेगा तब तक वह उपाय नहीं बता सकेगा। जब आप वकील से राय कर लें तो फिर उन की राय के आधार पर तुरन्त कार्यवाही भी आरंभ कर दें। क्यों कि आप जितने दिन कार्यवाही आरंभ नहीं करेंगी उतने ही दिन पिछड़ती चली जाएंगी।
सरजी मैंने सवा दो एकड़ खेत का बयाना ५०,००० रूपये देकर २ साल पहले कराया. भुमिमालिक रजिस्ट्री से इंकार कर ज्यादा दाम में दुसरे को बेचना चाहती है. मैंने वकील से उसे नोटिस भेजा किन्तु उन्होंने ध्यान नही दिया. कृपया कोई समाधान बताइए.
दिलीप जी, आप को संविदा के विशिष्ट पालन के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत करना चाहिए।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.किराएदार हमेशा किराएदार रहता है, लंबी किराएदारी से परिसर पर उस का कोई हक नहीं बनता।
जी शुक्रिया.