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मकान मालिक बदल जाने से किराएदारी पर कोई फर्क नहीं पड़ता

समस्या-

मैं यूपी रेंट कंट्रोल के अंतर्गत किराएदार हूँ तथा समय से किराया चुकाता रहा हूँ। विगत चार साल से मकान मालिक द्वारा किराया ना लेने से किराया कोर्ट में जमा कर रहा हूँ, (किराया नवम्बर २०१९ तक जमा है) उपरोक्त किरायदारी संपूर्ण भूमि पर स्थित दूकान एवं गोदाम की है तथा सन १९६० से है। विगत सप्ताह मकान मालिक द्वारा मकान बेच दिया गया है। मेरे प्रश्न हैं कि नया मकान मालिक आने पर क्या रेंट कंट्रोल के प्रावधान लागू रहेगे? या हट जाएँगे? नया मकान मालिक मुझे मकान खाली करने को कहता है, तो इस स्थिती में मेरे किरायदारी हक की सुरक्षा क्या है? क्या मेरा जीएसटी में रेजिस्ट्रेशन जो कि उपरोक्त एड्रेस पे है, तथा मेरा बिजली बिल जो कि मेरे नाम से इस मकान में है, मुझे क़ानूनी सुरक्षा देते हैं?  मुझे अपने किरायदारी हितों की रक्षा कैसे करनी चाहिए?  कृपया सुझाव देवे !

 – राजन, हर्ष नगर, कानपुर, उत्तर प्रदेश

समाधान-

आप जिस परिसर में किराएदार हैं उस परिसर के स्वामी ने मकान बेच दिया है जिस से परिसर का भू-स्वामी बदल गया है। लेकिन इस से किराएदारी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। फर्क सिर्फ इतना पड़ेगा कि अब आप नए भूस्वामी के किराएदार हो जाएंगे। आप किराया अदालत में जमा करा रहे हैं। यदि पूर्व भूस्वामी या वर्तमान भूस्वामी से आपको स्वामित्व परिवर्तन का नोटिस नहीं मिला है तो आप कैसे कह सकते हैं कि परिसर बिक गया है। जब तक आप को कोई सूचना न मिले तब तक आप किराया अदालत में पहले की तरह पूर्व भूस्वामी के नाम से ही जमा कराते रहें। आप को नया किरायानामा लिखने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन आप को लगे कि नया किरायानामा लिखना आपके हक में ठीक है तो आप नया किरायानामा लिखवा सकते हैं। आप पर रेंट कंट्रोल एक्ट के प्रावधान पूर्व की भाँति प्रभावी रहेंगे।

यदि नया मकान मालिक आप को खाली करने को कहता है तो आप उस से कहें कि वह अदालत में दावा कर दे यदि अदालत का फैसला खाली करने का हुआ तो आप खाली कर देंगे वर्ना ऊंची से ऊँची अदालत तक लड़ेंगे।

आपका जीएसटी का पंजीयन और बिजली का बिल केवल इस बात का सबूत हैं कि आप उस मकान में बहैसियत किराएदार कब्जे में हैं। इस से अधिक आप को कोई प्रोटेक्शन उनसे नहीं मिलता है। यदि रेंट एक्ट में कोई खाली कराने का आधार नए स्वामी को मिलता है तो वह आप के विरुद्ध दावा कर के परिसर खाली कराने की डिक्री हासिल कर के उसका एक्जीक्यूशन करवा कर ही आप से परिसर खाली करवा सकता है। आप अपील और द्वितीय अपील कर के समय लंबा कर सकते हैं।

अक्सर नए मकान मालिक यह कहते हैं उन्हों ने अपनी जरूरत के लिए मकान खरीदा था और उन्हें व्यक्तिगत जरूरत है जिस के कारण मकान खाली कराया जाए। इस आधार पर सामान्य रूप से मकान खाली कराने की डिक्री मकान मालिक को मिल जाती है। आप मुकदमे को लंबा कर के तथा अपीलें कर के समय बढ़ा सकते हैं। लेकिन इस तरह के मामलों में हमारी सलाह यही रहती है कि यदि मकान मालिक खाली कराने का मुकदमा कर ही दे तो मुकदमा चलने के दौरान किराएदार को अपना वैकल्पिक साधन पहले ही खड़ा कर लेना चाहिए। जिससे किराएदार के विरुद्ध डिक्री हो जाने पर वह परेशान न हो।

 

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