क्या अवयस्क बालिका के साथ बलात्कार और हत्या के अपराधी को मृत्युदंड मिलना चाहिए?
|क्या अवयस्क बालिका के साथ बलात्कार करने और बाद में इस भय से कि यह सब को बता देगी, उस की हत्या करने के अपराधी को मृत्युदंड मिलना चाहिए?
इस प्रश्न को अब सुप्रीम कोर्ट की विस्तृत पीठ सुलझाएगी। सूरत के एक मामले में सेशन्स जज ने ऐसे ही एक अभियुक्त को मृत्युदंड की सजा सुनाई और उच्च न्यायालय ने उस की पुष्टि कर दी। अभियुक्त रमेश भाई चन्दू भाई राठौड़ ने इस की अपील सुप्रीमं कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की। जहाँ सुनवाई के बाद दो न्यायाधीशों ने अपना निर्णय सुनाया। इस मामले में दोनों न्यायाधीश इस बात पर सहमत थे कि अपराध अभियुक्त रमेश भाई ने ही किया है। न्यायमूर्ति अरिजित पसायत का मानना था कि अभियुक्त को मृत्युदंड मिलना चाहिए, जब कि न्यायमूर्ति अशोक कुमार गांगुली का मत था कि यह मामला ऐसा नहीं है जिस में अभियुक्त को मृत्युदंड दिया जाए। क्यों कि दोनों न्यायाधीश दंड के विषय में भिन्न राय रखते थे, इस कारण से मामले को इस निर्देश के साथ सुप्रीम कोर्ट के पंजीयन विभाग को प्रेषित कर दिया गया है कि मामले को विस्तृत पीठ (तीन न्यायाधीशों की) के समक्ष सुनवाई के आदेश हेतु मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के.जी. बालाकृष्णन के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। अब मामले को तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष रखा जाना है जिस से मत भिन्नता होने पर भी कम से कम दो न्यायाधीशों का मत तो समान रहे।
अब मामला सुप्रीम कोर्ट की विस्तृत पीठ तय करेगी, बहुत से सिद्धान्तों और पूर्व निर्णयों को परखा जाएगा। लेकिन यह विषय ऐसा है कि जनता को भी इस विषय पर अपनी राय अभिव्यक्त करनी चाहिए कि इस प्रकार के अभियुक्त को क्या दंड दिया जाना चाहिए? और क्यों? आप चाहें तो अपनी राय टिप्पणियों के माध्यम से इस ब्लॉग पर प्रकट कर सकते हैं या फिर वोट के माध्यम से भी अभिव्यक्त कर सकते हैं।
@ vijay
यहाँ उस मामले की बात हो रही है जिस में नाबालिग के साथ बलात्कार हुआ और फिर हत्या कर दी गई। लड़की तो रही नहीं इल्जाम लगाने के लिए।
दूसरी बात ये कि हमारी न्याय प्रणाली कैसी भी हो, यहाँ वास्तविक अपराधी भले ही छूट जाए लेकिन एक भी निरपराध को दंड नहीं मिलना चाहिए के सिद्धांत का पालन होता है। शायद ही कोई अभागा हो जो निरपराध दंडित किया जाता हो।
पर कई केसों में लड़की गलत इलज़ाम भी लगा देती है उस केस में तो ये सजा देना गलत होगा
मृ्त्यु दंड !
मेरे विचार भी तालिबानी हैं इन मामलों में.कुत्ते की मौत मारना चाहिए बलात्कारी को.
हृदय कहेगा कि मृ्त्यु दंड दिया जाना चाहिए परन्तु यदि वीर्य आदि नहीं मिला और किसी भी प्रकार की शंका हो तो लम्बी सजा और दवा द्वारा टेस्टेस्टेरोन के लेवल कम किए जाने चाहिए य फ़िर उचित इलाज सजा के साथ होना चाहिए।
वैसे सबसे जरूरी है कि हमारी पुलिस की ख़ोजबीन व डाक्टरी जाँच इतनी सही होनी चाहिए कि शंका की ही गुँजाइश ही न रहे।
घुघूती बासूती
1) यदि अभियुक्त (बलात्कारी) भी नाबालिग साबित हो जाये तो?
2) यदि उसका वकील लड़की को दुष्चरित्र साबित कर दे तो?
कहने का मतलब ये कि “बिकाऊ वकील” कुछ भी साबित करवा सकते हैं… अब आते हैं मूल प्रश्न पर, मेरा मत नरेश जी से मिलता-जुलता है, मृत्युदण्ड बलात्कारी के लिये एक आसान सज़ा है। इस प्रकार के घिनौने अपराधियों को दिन में कम से कम तीन बार “पिछवाड़े” पर 10 कोड़े लगाना चाहिये (बीस साल तक) और बीस साल बाद लिंग काटकर आज़ाद किया जाना चाहिये (क्योंकि आगे का क्या भरोसा?)
कितनी मासूम कलिया खिलने से पहले ही क्रूरता से तोड़ दी जाती है ..खिलने से पहले ही murza जाती है ..क्या दोष उनका कि ईश्वर ने उने बेटी बनाके भेजा ..????????मौत की सजा मासूम जिन्दगी को लौटा तो नही पायेगी ..पर कोई अधिकार नही आरोपी को जीवित रहने का ..मृत्युदंड और सिर्फ मृत्युदंड …….प्रा. शारदा बियानी
यह तो बहुत ही गम्भीर प्रश्न है इस पर इतनी जल्दी राय बना लेना उचित नही होगा । मेरा तो यह मानना है कि मृतयुद्न्ड को सजा मानना भी भूल ही है मौत तो इस लोक के पाप पुण्यो से छुटकारा पाने का तरीका है किसी को भी सजा देना हो तो खाडी देशो की तरह देना चहिये ।
yes
Arelicts like this are an example of quick, helpful answers.
मृत्युदंड मिलना चाहिए और निर्णय बहुत जल्दी होना चाहिए ताकि पशुता करने वालों में अपराध करने के परिणाम का डर अपराध करने से रोके।
मीनाक्षी जी,
आप की बात विचारों में कुछ हद तक सही है..
पर ज्यादातर लोग पश्चाताप नहीं करतें हैं..
इसलिए मैं म्रत्युदंड ही मानता हूँ..
~जयंत
प्रश्न ही नहीं उठता…
यदि कोई ऐसा जघन्य करती करता है, तो एक ही दंड है..
मृत्यु दंड…
~जयंत
@ डॉ. अनुराग
आप ने सही कहा, मैं भी उस चित्र को लगाते हुए झिझक रहा था। चित्र बदल दिया गया है।
ऐसे जघन्य अपराध के लिए मृत्युदंड समाधान नहीं है. इस तरह के बीमार अपराधियों का इलाज कराके आजीवन कारावास में हर दिन हर पल पश्चाताप की आग में मरने के लिए छोड़ देना चाहिए.
ऐसे मामलों के लिए हमारे विचार तालिबानी हैं
is tarah ke doshi aur apradh karne wale ko sirf aur sirf mratyu dand milna chahiye
मेरी कलम – मेरी अभिव्यक्ति
after dr anurag i also would like to say the same thing please remove the pics
एक ओर अनुरोध आपसे .ऐसे गंभीर लेख पे से सबसे ऊपर वाला फोटो कृपया हटा ले
निश्चित रूप से मृत्युदंड .
हालांकि वोट तो मैंने हां के लिए दिया है….
परंतु फिर भी शायद मेरे लिए इस पर अभी के हालातों में एक राय बनाना मुश्किल हो रहा है….
बात वही है…क्या एक आदमी के लिए अपराध जैसे हालात पैदा करने ले लिए व्यवस्था जिम्मेदार नही है…हालांकि यह अपराध व्यक्तिगत कुंठाओं की उपज ज़ियादा है, पर फिर भी क्या इन कुंठाओं के उपजने के हालात पैदा करना और ऐसे ही संस्कृतिगत मूल्यों को प्रश्रय और प्रेरणा देना क्या व्यवस्था का क्रियाकलाप नहीं है?…
समर्थों को छूट हर तरह से…
पर फिर भी….हालात कैसे भी हों…पर यह एक अस्तित्व के खिलाफ़ जबरन अमानुषिक वहशियाना जुर्म तो है ही….इसे रोका जाना ही चाहिये….
लटका दो साले को….
Dhananjoy Chatterjee cae mae to phansi dee hi gayee thee aur us din calcutta mae mithai banti thee . bahut kam log jaantey haen ki jis bacchi ka rape hua thaa uiskae maata pita to calcutta sae chale bhi gaye thae phir bhi case ladaa gaya jyadaa details aaj yaad nahin haen par us samay is casee ko maene follow kiya thaa http://www.nilacharal.com/news/rajan/raj162.html
EVERY RAPE CONVICT IF PROVED GUILTY SHOULD BE HANGED OR LIFE IMPRISIONMENT { NOW IT AMOUNTS TO TILL DEATH AND NOT 14 YEARS }
मेरा मानना है किन्ही अपराधो की आप कोई दलील नहीं दे सकते …..क्रूर ओर जघन्य अपराध …केवल केवल मृत्यु दंड