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क्या किराएदार को स्टे मिल सकता है?

समस्या-

मैं ने एक मकान 2011 में खरीदा था। जिसका मेरे पास फुल एण्ड फाइनल  एग्रीमेंट है, जो रजिस्टर्ड नहीं है। मैंने वह मकान किराये पर उसी आदमी को दे दिया जो उस मकान में पहले से किराये पर रहता था। किरायेदार ने बिजली का बिल नहीं भरा तो बिजली बोर्ड ने कनेक्शन काट दिया। जब मैंने किरायदार को मकान खाली करने को कहा तो उसने कोर्ट में दावा डाल दिया और कोर्ट से यथा-स्थिति बनाए रखने का आदेश हो गया। अगली तारीख जवाब के लिये लगी है। किरायेदार ने कोर्ट में दावा डाल कर उस मकान पर जो मीटर लगा हुआ था, कोर्ट की अनुमति से दुबारा लगवा लिया है, जिसमें कोर्ट ने जीने के अधिकार का हवाला दिया है। मुझे मीटर लगने के बाद पता चला। किरायदार के पास कोई किरायानामा नहीं है, न ही कोई रसीद है। कोर्ट फाइल में किरायदार ने 2011 से पहले के पत्र जो उपरोक्त मकान पर उसके नाम से आये हैं, वह पत्र लगा रखे हैं। जिस से मैंने मकान खरीदा था वह कभी मेरी तरफ तो कभी किरायदार की तरफ होता है। किरायदार ने पिछले ४-५ महीने किराया नहीं दिया है। क्या मैं उस मकान से बिजली का मीटर उतरवा सकता हुँ? क्या किरायदार को स्टे मिल सकता है? क्या मैं किराए के लिए कोई दावा डाल सकता हूँ? मैं ने विक्रय पत्र को पंजीकृत करवाने के लिए संविदा के विशिष्ठ पालन (specific performance) का दावा कोर्ट में डाल रखा है। उस दावे में किरायदार ने पार्टी बनने का आवेदन प्रस्तुत कर दिया है। कृपया मुझे बताएँ कि मुझे क्या करना चाहिए?

-हरीश रोहिल्ला, सोनीपत, हरियाणा

समाधान-

ब से पहले तो आप को यह समझना चाहिए कि आप ने अभी मकान खरीदा नहीं है, केवल मकान को खरीदने का एग्रीमेंट किया है। मकान के मालिक आप तब होंगे जब आप के नाम उस के विक्रय पत्र का पंजीकरण हो जाएगा।  आपने यह नहीं बताया कि मकान विक्रय करने वाला मकान के विक्रय पत्र का पंजीकरण क्यों नहीं करवा रहा है? खैर, आप ने उस के लिए संविदा के विशिष्ठ पालन का मुकदमा कर ही दिया है। लेकिन आप के प्रश्न से लगता है कि एग्रीमेंट के द्वारा मकान का कब्जा आप को मिल गया था।

प ने गलती यह की है कि पुराने किराएदार को ही फिर से किराए पर मकान दे दिया है। इस से वह स्वयं को पुराना किराएदार प्रदर्शित कर सकता है। चूंकि पूरा मकान उस के पास कब्जे में है इस कारण से बिजली का बिल न देने से बिजली कट जाना स्वाभाविक है और बिल जमा करने पर कनेक्शन फिर से जुड़ जाना भी स्वाभाविक ही है। इस के लिए आप को परेशान होने की जरूरत नहीं है। बिजली चालू रहने या बंद होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। सब से महत्वपूर्ण बात यह है कि किराएदार ने जो दावा न्यायालय में किया है उस में उस ने स्वयं को किराएदार बताया है अथवा नहीं। यदि उस ने स्वयं को किराएदार बताया है तो अच्छा है। क्यों कि एक किराएदार की हैसियत सदैव ही किराएदार की रहती है। लेकिन यदि वह किराएदार नहीं बताता तो फिर वह उस पर एडवर्स पजेशन का दावा भी कर सकता था।

प का किराएदार यदि किराया नहीं दे रहा है और चार-पाँच माह हो चुके हैं तो आप एक दो माह और प्रतीक्षा कर लीजिए। उस के बाद अपने वकील से सलाह ले कर किराया अदायगी में चूक के आधार पर और अन्य आधारों पर जो भी आप को उपलब्ध हों किराएदार से मकान खाली कराने का दावा करें। इसी दावे में आप बकाया किराया भी प्राप्त कर सकते हैं।

दि पूरा मकान किराएदार के पास है और वह बिजली का पैसा भर रहा है तो आप उस का बिजली का मीटर नहीं उतरवा सकते। लेकिन यदि उस के कारण बिजली का पैसा बकाया छोड़ रखा है तो आप न्यायालय में आवेदन कर बिजली का कनेक्शन हटवाने के लिए कार्यवाही कर सकते हैं लेकिन वह फिर से अपने नाम से कनेक्शन लेने की अनुमति न्यायालय से प्राप्त कर सकता है। किराएदार को स्टे सिर्फ इतना मिल सकता है कि आप उस से कानूनी कार्यवाही के बिना मकान खाली न कराएँ। संविदा की विशिष्ठ अनुपालना के दावे में किराएदार पक्षकार नहीं बन सकता, आप उस के आवेदन का विरोध कर सकते हैं और करना चाहिए।

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