क्या मैं रेगिंग की शिकायत कर सकता हूँ?
|मैं पंजाब के एक व्यावसायिक कॉलेज में B.tech. EEE का विद्यार्थी हूँ। हाल ही में मेरे साथ होस्टल आवासियों द्वारा रेगिंग की गई। क्या मै इस की शिकायत कर सकता हूँ।
गगन जी, रेगिंग शब्द बहुत व्यापक है इस से यह स्पष्ट नहीं होता है कि आप के साथ क्या व्यवहार किया गया है। लेकिन मैं यहाँ यह मान कर चल रहा हूँ कि आप के साथ आप के होस्टल के साथियों ने जो भी व्यवहार किया होगा वह अनुचित ही होगा और निश्चित रूप से एक अपराध की श्रेणी में आता होगा।
हम चाहते हैं कि हमारा समाज एक अपराध विहीन समाज बने। तो इस के लिए सभी तरह के अपराधों की रोकथाम करना आवश्यक है। जब तक सभी तरह के अपराधों की सूचना समाज के इस काम में लगी संस्थाओं तक नहीं पहुँचती है तब तक उन की रोकथाम हो पाना संभव नहीं है। बहुत से अपराधी तो अपराध इसी लिए कर पाने में सफल होते हैं कि वे जानते हैं कि वे जो अपराध कर रहे हैं इस की सूचना किसी को नहीं की जाएगी। और अपराधी यह अपराध दोहराते रहते हैं। रेगिंग भी ऐसा ही अपराध है। जिस की सूचना समाज के विभिन्न हिस्सों को तब प्राप्त होती है जब कोई विद्यार्थी के जीवन पर ही आ बनती है या फिर वह आगे पढ़ने काबिल ही नहीं रहता है। इस लिए यह आवश्यक है कि इस तरह के सभी अपराधों की सूचनाएँ इन्हें रोकने वाली संस्थाओं को प्राप्त हो।
रेगिंग की बढ़ती हुई घटनाओं और इस से अनेक विद्यार्थियों का जीवन नष्ट होने की खबरों के बाद 2007 में उच्चतम न्यायालय ने सभी विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थाओं, सरकारों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी किए थे कि वे रेगिंग की शिकायतों को गंभीरता से लें और जो विद्यार्थी इस प्रकार रेगिंग में लिप्त पाया जाए उस के कृत्य की गंभीरता को देखते हुए उसे विश्वविद्यालय से हटाने (रेस्टीकेट करने ) तक का दंड दें।
मेरा सुझाव है कि यदि आप का होस्टल किसी शिक्षण संस्था द्वारा संचालित है तो उस शिक्षण संस्था के प्रधान को, होस्टल के संचालक को, नगर के पुलिस कप्तान को और जिले के जिला कलेक्टर को रेगिंग की घटना का पूरा वर्णन करते हुए शिकायत प्रस्तुत करें। आप इस शिकायत की एक-एक प्रति अपने राज्य के हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी अवश्य प्रेषित करें। क्यों कि शिकायत होने पर ही उस का निदान संभव हो सकेगा। मेरा एक सुझाव और भी है कि अगले वर्ष जब आप होस्टल व अपनी शिक्षण संस्था में वरिष्टता हासिल कर लें तो अपने मित्रों के साथ रेगिंग का विरोध अवश्य करें।
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बेहद उपयुक्त और काम की जनकारी है !
राम राम !
रैगिंग का विकृत रूप गलत है!!!!
अच्छा और सार्थक लगा!!!
रैगिंग गलत नही है, उसका विकृत रूप गलत है, आपके सुढाव अच्छा और सार्थक लगा।
महाशक्ति
रैगिंग के लिए कोई नया शब्द चुनते हैं, कुछ तो मज़ा करने दो, जो रैगिंग के नाम से डरते हैं वही अगले साल रैगिंग करते हैं, क्या बात है!
आपका सुझााव तो निस्सन्देह उपयुक्त ही है किन्तु होस्टल के वार्डन अथवा प्रभारी भी प्रथम वर्ष के बच्चों की बातों की अनुसनी करते हैं । वे खुद ‘सीनीयरर्स’ से डरते हैं । ऐसे में, प्रथम वर्ष के बच्चों का शिकायत करना खुद के खिलाफ एक और कदम हो जाता है ।
आपकी यह सलाह बिलकुल सही है कि बच्चा जब खुद सीनीयर बने तक रेगिंग न ले ।
यही एकमात्र रास्ता है इस कुप्रथा की समाप्ति का ।