क्या सगाई तोड़ देने से दहेज का मुकदमा बन सकता है?
|देव ने अपनी समस्या इस तरह रखी है – – –
मेरा एक लड़की से जनवरी में रिश्ता पक्का हुआ था, मई में मेरी उस के साथ सगाई हो गई। सगाई के बाद उन लोगों का व्यवहार बदल गया। रिश्ता पक्का होते समय शादी लखनऊ से करने की बात तय हुई थी। फिर वे इलाहाबाद से करने को कहने लगे। हमने इस विषय पर उन से बात की औऱ वे हमारी बात मान गए। लेकिन लड़की विवाह के बाद इलाहाबाद में पढ़ना चाहती है। ऐसी बहुत सी छोटी-बड़ी बातें हैं मुझे लगता नहीं कि वह लड़की मेरे परिवार के साथ रह पाएगी। मैं इस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ाना चाहता हूँ सगाई के समय हमने एक लाख का सोना लड़की को दिया था। अभी लड़की वालों ने चार लाख रुपए शादी करवाने के लिए हमारे खाते में भेजे हैं। मुझे लगता है मैं उस लड़की के साथ नहीं रह सकता मेरे रिश्ता तोड़ने पर क्या वे दहेज का झूठा मुकदमा तो नहीं दायर कर देंगे। हम उन का पूरा पैसा वापस लौटाना चाहते हैं औऱ अपना सोना वापस लेना चाहते हैं। कृपया समाधान बताएँ।
उत्तर – – –
देव जी,
आज कल इस तरह की समस्याएँ बहुत देखने को मिल रही हैं। पहले जब रिश्ता होता था तो समाज बीच में होता था और विवाह पूरी तरह से सामाजिक संबंध होता था। आज कल यह सिमट कर दो परिवारों के बीच रह गया है और भविष्य की दिशा भी साफ दिखाई दे रही है कि आगे यह सिमट कर पति-पत्नी के बीच की बात हो कर रह जाएगी। लेकिन कानूनन विवाह पति-पत्नी के बीच का ही संबंध है। आप के बीच चल रही विवाह की बातचीत में जो सब से गलत बात हुई वह यह कि सगाई समारोह विवाह के बहुत समय पहले संपन्न कर दिया गया। मेरी व्यक्तिगत समझ यह है कि विवाह के पहले के एक-दो सप्ताह पूर्व ही कोई समारोह आदि होने चाहिए और उस के पहले वर-वधु और उन के परिजनों के बीच यह निश्चित हो जाना चाहिए कि विवाह होना ही है। जहाँ तक वर-वधु को उपहार देने का प्रश्न है वह तो विवाह के समय ही दिए चाहिए, उस के पूर्व कदापि नहीं।
आप का विवाह अभी हुआ नहीं है, उस के पहले ही संबंधों में इतनी खटास आ चुकी है तो यह संबंध जीवन भर चल पाएगा,यह संभव नहीं लगता। यदि चलता भी है तो ये खटास बीच में रहेगी। इस कारण इस संबंध को किसी भी स्थिति में समाप्त कर देना ही बेहतर है। सगाई हुए तीन माह से ऊपर हो चुके हैं और अब तक विवाह नहीं हुआ है तो फिर दहेज लेन-देन का कोई प्रश्न ही नहीं है। दहेज का कोई भी मुकदमा चलने का कोई प्रश्न अभी उत्पन्न नहीं हुआ है। आप ने कुछ सोना उपहार में दिया है वह विवाह तक उन के पास अमानत ही है। और आप के पास उन का चार लाख रुपया आप के पास शादी के खर्च के बतौर अमानत रखा है। निश्चित रूप से सगाई आदि पर दोनों पक्षों का कुछ खर्च भी हुआ होगा। अधिक से अधिक यह कहा जा सकता है कि हम इतना रुपया खर्च कर चुके हैं। लेकिन जो भी खर्च दोनों पक्षों ने किया है इसी प्रयास में किया है कि विवाह हो जाएगा।
आप स्पष्ट रुप से लड़की और उस के परिजनों से कहें कि यह रिश्ता अब नहीं चल सकता है और दोनों ने जो कुछ लिया दिया है उसे एक दूसरे को वापस कर दें और मिल बैठ कर इस रिश्ते को यहीं समाप्त कर दें। स्वयं लड़की और
उस के परिजनों को भी चाहिए कि वे इस रिश्ते को समाप्त कर दें। जो संबंध बनना था और जिस में बनने के पहले ही संदेह उत्पन्न हो चुके हैं। उसे समाप्त कर देने में कोई बुराई नहीं है। अभी कुछ भी बिगड़ा या बना नहीं है। यदि आपसी बातचीत से मामला समाप्त हो जाता है तो उत्तम है। लेकिन संबंध समाप्त होने का एक समझौता अवश्य आपस में लिख लिया जाना चाहिए कि दोनों ने आपसी समझ से रिश्ते की बातचीत को इसी स्तर पर समाप्त कर लिया है। यदि आपसी बातचीत से बात न बन रही हो तो आप सब बातें स्पष्ट करते हुए किसी स्थानीय अधिवक्ता की सहायता लेते हुए उस के द्वारा एक नोटिस लड़की और उस के पिता को भिजवा दें जिस में स्पष्ट रुप से विवाह न कर पाने के कारणों को अंकित करते हुए अपना सोना लौटाने और आप के पास रखी उन की अमानत राशि वापस प्राप्त करने की बात लिखवा दें। मुझे लगता है कि इस से बात बन जाएगी। रिश्ते की बात समाप्त हो जाने से कोई भी अपराधिक मुकदमा नहीं बन सकता है यह बात स्पष्ट है। अभी तक कोई विवाद यदि है भी तो वह केवल दीवानी प्रकृति का और उपहारों और अमानतों के लेन-देन मात्र का है।
उस के परिजनों को भी चाहिए कि वे इस रिश्ते को समाप्त कर दें। जो संबंध बनना था और जिस में बनने के पहले ही संदेह उत्पन्न हो चुके हैं। उसे समाप्त कर देने में कोई बुराई नहीं है। अभी कुछ भी बिगड़ा या बना नहीं है। यदि आपसी बातचीत से मामला समाप्त हो जाता है तो उत्तम है। लेकिन संबंध समाप्त होने का एक समझौता अवश्य आपस में लिख लिया जाना चाहिए कि दोनों ने आपसी समझ से रिश्ते की बातचीत को इसी स्तर पर समाप्त कर लिया है। यदि आपसी बातचीत से बात न बन रही हो तो आप सब बातें स्पष्ट करते हुए किसी स्थानीय अधिवक्ता की सहायता लेते हुए उस के द्वारा एक नोटिस लड़की और उस के पिता को भिजवा दें जिस में स्पष्ट रुप से विवाह न कर पाने के कारणों को अंकित करते हुए अपना सोना लौटाने और आप के पास रखी उन की अमानत राशि वापस प्राप्त करने की बात लिखवा दें। मुझे लगता है कि इस से बात बन जाएगी। रिश्ते की बात समाप्त हो जाने से कोई भी अपराधिक मुकदमा नहीं बन सकता है यह बात स्पष्ट है। अभी तक कोई विवाद यदि है भी तो वह केवल दीवानी प्रकृति का और उपहारों और अमानतों के लेन-देन मात्र का है।
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9 Comments
यदि सगाई होने के लगभग सात महीने बाद और विवाह से मात्र एक महीने पहले बिना किसी ठोस कारण के किसी भी पक्ष द्वारा रिश्ता एक तरफा समाप्त किया गया हो तो क्या दूसरे पक्ष को उपहार आदि लौटाने के लिए कानूनी रूप से बाध्य किया जा सकता है।।कृपया कर इस प्रश्न की जानकारी अवश्य दे।
यदि सगाई होने के बाद रिश्ता किसी भी पक्ष द्वारा एक तरफा समाप्त किया गया हो तो क्या दूसरे पक्ष को उपहार आदि देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य किया जा सकता है।।कृपया कर इस प्रश्न की जानकारी अवश्य दे।
मैं राज भाटिया और ताऊ जी के विचारों से भी सहमत हूँ. इस रिश्ते का भविष्य भी अच्छा नहीं होता.
# निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन:09868262751, 09910350461 email: sirfiraa@gmail.com महत्वपूर्ण संदेश-समय की मांग, हिंदी में काम. हिंदी के प्रयोग में संकोच कैसा,यह हमारी अपनी भाषा है. हिंदी में काम करके,राष्ट्र का सम्मान करें.हिन्दी का खूब प्रयोग करे. इससे हमारे देश की शान होती है. नेत्रदान महादान आज ही करें. आपके द्वारा किया रक्तदान किसी की जान बचा सकता है.
बहुत सही सलाह है आपकी |
aap bahut acchi jaankaariyaan dete hain…kabhi na kabhi ham bhi apne bacchon ki shaadiyaan karenge..tab in baaton ka poora dhyan rakhenge..
aapka bahut aabhaar..!
समय रहते दोनो ओर के लोग बच गये, वर्ना दोनो ही जिन्दगी भर लडते या बाद मै तलाक लेते, दिनेश जी आप ने बहुत अच्छी राय दी साथ मै सुझाव भी, धन्यवाद
यह तो अत्यंत उपयोगी और जनहित की जानकारी है. अक्सर ही इस तरह के पंगे आजकल लोग लेते ही रहते हैं. बहुत बहुत ही उपयोगी.
रामराम
सटीक शब्दों में स्पष्ट जानकारी
ये तो काम की जानकारी है.