खाली तलाक कह देने से तलाक नहीं हो सकता, आप चाहें तो आप का घर बस सकता है
|विजय ने अपनी समस्या इस तरह बयान की है …
सर! मेरी पत्नी ने मेरे ऊपर 125, घरेलु हिंसा और 498-ए के मुकदमे लगा रखे हैं। मैं ने भी धारा 9 का मुकदमा कर दिया है अपनी पत्नी को लाने के लिए मैं आप से जानना चाहता हूँ कि जब मेरी पत्नी के धारा 125 के मुकदमे में बयान कोर्ट में हो रहे थे तो उस ने बयान दिया कि उस के साथ कोई मारपीट नहीं हुई सिर्फ झगड़े हुए और वो मेरे साथ सिर्फ 4-5 दिन रही, और अब तीन साल से मायके में रह रही है। वह मेरे साथ किसी भी हालत में नहीं रहेगी और मुझ से तलाक चाहती है। सर! मैं जानना चाहता हूँ कि मेरे भी ‘तलाक’ बोलने से क्या तलाक हो सकता है। जब कि हमारे कोई बच्चे भी नहीं हैं। सर! मैं पत्नी से तलाक लेना चाहता हूँ क्यों कि मैं पत्नी से और उस के घर वालों से परेशान हो चुका हूँ। सर! मैं क्या करूँ? मुझे सही सलाह दें।
उत्तर …
विजय जी,
विवाह के पहले आप ने जितने पति-पत्नी देखे, और जो भी अनुभव आप का रहा उस के हिसाब ने आप ने अपनी पत्नी और अपने दाम्पत्य के बारे में एक सपना देखा। उसी हिसाब से आप की पत्नी ने भी अपने अनुभव के हिसाब से सपना देखा। दोनों ने एक दूसरे के सपनों को समझने की कोई कोशिश नहीं की। आप ने अपने सपने पत्नी पर लादना शुरु किया, पत्नी का सपना तो बाहर ही नहीं आया और गड़बड़ हो गई। झगड़े हुए, और अब बात तलाक तक आ पहुँची।
आप स्वयं ही सोचिए, आप लोग 4-5 दिन साथ रहे हैं। क्या किसी को इतने कम समय में समझा जा सकता है? निश्चित रुप से गलती आप से हुई है और आप भुगत रहे हैं। पत्नी ने अपने बयान में कहा है कि वह आप के साथ नहीं रहना चाहती है और आप से तलाक चाहती है। यह उन 4-5 दिनों में आप के द्वारा उस के साथ किए गए व्यवहार का परिणाम है। मुझे नहीं लगता कि नौबत तलाक की है। यदि आप दोनों को कोई अच्छा परामर्शदाता मिले तो आप के बीच की गलतफहमियाँ निकल सकती हैं। आप को अपनी गलतियों को पत्नी के सामने अकेले में स्वीकार करना चाहिए और अपनी गृहस्थी बसाने का एक प्रयत्न तो करना ही चाहिए। आप ने पत्नी को लाने के लिए धारा-9 का मुकदमा लगा कर ठीक किया है। अदालत के न्यायाधीश का दायित्व है कि वह आप दोनों के मध्य सांमजस्य उत्पन्न करने का प्रयत्न करे। लेकिन अदालतों के पास इस काम के लिए पर्याप्त समय नहीं होता और वे इस काम में मनोयोग से काम नहीं ले पाती हैं। इस कारण से अदालत के बाहर से किए गए प्रयत्नों का बहुत महत्व होता है। आप कोई ऐसा माध्यम तलाशिए जो आप दोनों के मध्य बातचीत करा सके और सामंजस्य उत्पन्न करने का काम कर सके।
आप हिन्दू विवाह अधिनियम से शासित होते हैं, जिस में मात्र तलाक कह देने से तलाक नहीं मिल जाता है। आप की पत्नी ने जो बयान दिया है कि वह आप के साथ नहीं रहना चाहती है और तलाक चाहती है वह बयान देने के समय उस की मानसिक स्थिति को प्रदर्शित करती है। समझाने से उस का यह मत बदल भी सकता है। आप को अपनी पत्नी को समझाने के प्रयत्न करने चाहिए लेकिन आरंभ आप को अपनी गलती स्वीकार करने से ही हो सकता है।
यदि समझाने और प्रयत्न करने से भी कोई सकारात्मक परिणाम सामने न आएँ तो आप पत्नी से यह बात कर सकते हैं कि दोनों ही सहम
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9 Comments
इस दीपावली में प्यार के ऐसे दीए जलाए
जिसमें सारे बैर-पूर्वाग्रह मिट जाए
हिन्दी ब्लाग जगत इतना ऊपर जाए
सारी दुनिया उसके लिए छोटी पड़ जाए
चलो आज प्यार से जीने की कसम खाए
और सारे गिले-शिकवे भूल जाए
सभी को दीप पर्व की मीठी-मीठी बधाई
Bahut badheya jankari hai.
Aapko aur Aapke parevaar ko
'HAPPY DIWALI' aur dher share badhai ke saath saath Dher saare khushiyan.
'Poorane ka jagah Naya neahi le shakta' 🙂
सुख, समृद्धि और शान्ति का आगमन हो
जीवन प्रकाश से आलोकित हो !
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए
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क्रियेटिव मंच
आप सदैव नेक सलाह देते हैं.
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आप को दीपावली की शुभकामनायें !!
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– सुलभ सतरंगी (यादों का इंद्रजाल )
Jai ho Dada
Nek Kaam kiya aapne…..
दीवाली हर रोज हो तभी मनेगी मौज
पर कैसे हर रोज हो इसका उद्गम खोज
आज का प्रश्न यही है
बही कह रही सही है
पर इस सबके बावजूद
थोड़े दीये और मिठाई सबकी हो
चाहे थोड़े मिलें पटाखे सबके हों
गलबहियों के साथ मिलें दिल भी प्यारे
अपने-अपने खील-बताशे सबके हों
———शुभकामनाऒं सहित
———मौदगिल परिवार
ये तो बड़ी अच्छी जानकारी दी आपने..
पति और पत्नी जी को फिर से सुधरने का चान्स मिल सकता है..
बढ़िया जानकारी..बधाई
बहुत सुंदर सलाह दी आप ने
धन्यवाद
आप को ओर आप के परिवार को दिपावली की शुभकामानायें.
बहुत ही सुन्दर व सार्थक सलाह!
ऐसे मामलों में अधिकतर गलतफहमियाँ और नासमझी ही रहती हैं और यदि ये दूर हो जाये तो दम्पति का जीवन सुखमय हो जाता है।
बहुत सुंदर और जनोपयोगी जानकारी दी है आपने.
आपको दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम.