जिन से पिता जी ने कर्ज लिया था वे परेशान करते हैं, क्या किया जाए?
|संजय जैन ने पूछा है —
पिताजी ने अपने मित्रों और रिश्तेदारों से बहुत अधिक ऋण लिए, अब वे जीवित नहीं हैं। वे लोग जिन्होंने पिता जी को ऋण दिए थे मुझे सता रहे हैं। मैं अपने पिता जी के ऋण चुकाने की स्थिति में नहीं हूँ। मेरा परिवार ऋणदाताओँ की फोन कॉल्स से मानसिक रूप से परेशान हो गया है। कृपया सुझाएँ कि मैं क्या कर सकता हूँ, क्या मैं कोई कानूनी मदद प्राप्त कर सकता हूँ।
उत्तर —
संजय जी,
आप जैन हैं और आप पर हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम लागू होता है। किसी मृतक की संपत्ति का उत्तराधिकार उस की व्यक्तिगत विधि से शासित होता है। उत्तराधिकार में केवल संपत्ति ही नहीं अपितु ऋण भी प्राप्त होता है। इस तरह आप को अपने पिता से उत्तराधिकार में कोई संपत्ति और ऋण दोनों ही प्राप्त हुए हैं। जिस तरह से आप के पिता की संपत्ति उन के सभी उत्तराधिकारियों में बंट गई है उसी तरह ऋण का भार भी बंट गया है। इस कारण से ऋण को चुकाने का भार सभी उत्तराधिकारियों पर है।
आप ने यह नहीं बताया कि आप को उत्तराधिकार में ऋण के साथ संपत्ति क्या प्राप्त हुई है। निश्चित रूप से आप के पिता के पास संपत्ति भी रही होगी। क्यों कि जब तक किसी के पास पर्याप्त संपत्ति नहीं होती उसे कोई भी चाहे वह मित्र या रिश्तेदार ही क्यों न हो बड़ा ऋण नहीं देता है। यदि आप के पास पिता की कोई संपत्ति है तो आप को चाहिए कि आप उस संपत्ति का विक्रय कर के कर्ज की अदायगी कर दें।
सब से पहले आप सब कर्जदाताओं से कहें कि उन्हों ने आप के पिता को जो ऋण दिया था उस के सबूत दिखाएँ। यदि कोई व्यक्ति ऐसा सबूत नहीं दिखाता है कि जिस से वह न्यायालय के माध्यम से आप से कर्ज वसूल कर सके तो आप उसे मना कर सकते हैं कि आप के पिता ने उन से कोई ऋण नहीं लिया है और लिया भी हो तो आप उसे नहीं चुकाएँगे। जो लोग आप को सबूत दिखा दें यह आकलन करें कि कितना ऋण चुकाया जाना है। यदि उसे पिता जी द्वारा छोड़ी गई संपत्ति से चुकाया जा सकता है तो उसे संपत्ति का विक्रय कर चुका दें और सोच लें कि आप के पिता जी आप के लिए कुछ भी नहीं छोड़ गए थे। आप नए सिरे से अपना जीवन आरंभ करें। यदि आप उस संपत्ति से पूरा ऋण चुकाने की स्थिति में नहीं हों तो ऋण दाताओं को कह दें कि पिता जी की संपत्ति से ऋण का चुकाया जाना संभव नहीं है। आप ऋण चुकाने की स्थिति में नहीं हैं, यदि वे लोग चाहें तो अदालत के माध्यम से अपने ऋण की वसूली कर सकते हैं। यदि कोई ऋणदाता आप को भौतिक और मानसिक रूप से परेशान करता है तो आप उस के विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
मेरी यह राय आप के प्रश्न का सामान्य समाधान है। आप की समस्या का समाधान पूरी बात बताने पर कोई भी सुलझा हुआ अनुभवी वकील कर सकता है। आप अपने नजदीक के किसी विश्वसनीय वकील से संपर्क करें और उसे सारी स्थिति से अवगत कराते हुए समाधान के लिए सलाह कर लें। शायद वह कोई अन्य उपयुक्त रीति से आप की समस्या का हल निकाल सके।
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7 Comments
बेहतरीन लेख के लिए मिले अनेक तारीफों में एक तारीफ मेरी भी शामिल कर लीजिए.
बिल्कुल सही जानकारी और सरल भाषा में दिए जाने के कारण ये और भी उपयोगी साबित हो गई
अजय कुमार झा
बहुत सही सलाह दी है | इस प्रकार के पारिवारिक झमेले आमतौर पाए जाते है | आपकी सलाह से बहुत से लोगो को फायदा होगा यह मेरा मानना है |
"उत्तराधिकार में केवल संपत्ति ही नहीं अपितु ऋण भी प्राप्त होता है।"
आदरणीय द्विवेदी जी,
शायद बहुतो को इसका भान भी न होगा, आपकी गज़ब की लेखन शैली और क़ानून की गहरी जानकारी एक अच्छी लीक का निर्माण कर रही है !
सादर
नेक सलाह. आभार.
सही सलाह दी है आपनें.
बहुत सही सलाह. एक बात और बताएं. भ्रष्टाचार के प्रकरणों में लाखों-करोड़ों डकारने वाले आरोपियों पर सालों केस चलता है और उसी दौरान कई की मृत्यु भी हो जाती है. आरोपी की मृत्यु के उपरान्त उसके उत्तराधिकारी पर आरोपी द्वारा डकारी गयी रकम की उगाही और प्रकरण के प्रति कोई जवाबदेही रह जाती है क्या?