DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

तलाक जल्दबाजी में नहीं सोच समझ कर और पूरे 90 दिन का समय ले कर दें

   शमशाद हुसैन पूछते हैं ……………
मेरी शादी को 4 माह हुए हैं,  मेरी पत्नी ज़्यादातर अपनी मायके में रहती है में बुलाने जाता हूँ तो वो नहीं आती। जब मेरे यहाँ रहती है तो घर वालों से तथा मुझ से लड़ती है तथा सबको फँसवाने और खुद आग लगाने को कहती है। जानकारी करने पर पता चला के शादी के पहले से उसके सम्बन्ध किसी लड़के के साथ हैं  इसी लिए वो ये सब ड्रामा करती है। अबकी बार मैं बहुत ही परेशान होकर उसे उसकी माँ के यहाँ छोड़ आया हूँ। लगभग एक महीने  से ज्यादा हो गया है और मैं अब उससे छुटकारा चाहता हूँ।  वकील के कहने पर मैंने वाद भी दायर कर दिया है जिसमें वकील साहब ने ये लिखा है कि मेरी पत्नी मेरे घर रहना नहीं चाहती तथा वो बिना पूछे मेरे घर से चली गयी है बार बार बुलाने जाने पर भी वो बदतमीजी करती है और मुझे झूठा दहेज के मुकदमें में फँसाने के लिए ड्रामा करती है।  वाद दायर हुए एक महीना हो गया है, लेकिन वो लोग न तो फैसला ही करना चाह रहे हैं और न ही तलाक।  अब आप बताएँ मैं क्या करूँ?  मैं  उससे तलाक लेना चाहता हूँ। लेकिन किसी ने मुझे बताया कि अगर तुम ऐसे तलाक दोगे तो वो तलाक अदालत में माननीय नहीं होगा और वो उसके बाद भी दहेज का मुकदमा कर सकती है, मैं बहुत ही गरीब आदमी हूँ, मेरे घर में सिर्फ एक माँ बाप के अलावा एक छोटा भाई है। आप मुझे कुछ रास्ता बताएं? 
उत्तर – – –
.
शमशाद भाई,

मुझे लगता है कि आप बहुत जल्दी में हैं। हो सकता है कि इस का कारण यह हो कि आप दहेज के मुकदमे से डर रहे हों। यदि आप ने दहेज की मांग नहीं की है और पत्नी को नहीं सताया है, उस के साथ कोई दुर्व्यवहार, मारपीट या कोई अन्य क्रूरता पूर्ण व्यवहार नहीं किया है तो आप को दहेज के मामले से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। झूठा मुकदमा तो कोई भी कर सकता है, कोई अनजान व्यक्ति भी कर सकता है। यदि इस प्रकार भय के अधीन हो कर आप कुछ करेंगे तो जीवन बहुत ही दूभर हो जाएगा। 
प का विवाह हुए केवल चार माह हुए हैं। इतने से समय में पति-पत्नी के बीच संबंध ठीक से बन ही नहीं पाता है। एक माह पहले आप ने मुकदमा कर दिया है। मुकदमे में आप ने अदालत से क्या मांग की है यह भी नहीं बताया है। ऐसी अवस्था में कोई सटीक कानूनी राय दिया जाना संभव नहीं है। फिर भी आप ने जो तथ्य बताए हैं वे सभी सही हैं और आप ने अपनी पत्नी को तलाक देने के निर्णय कर ही लिया है तो फिर आप को अपनी पत्नी को तलाक दे ही देना चाहिए। तलाक लेने के लिए एक ही बार में तीन बार तलाक कह देने वाले तलाक को आज कर कानून में अच्छा तलाक नहीं माना जाता अपितु यह माना जाता है कि यह कोई तलाक ही नहीं है। इस के लिए सब से सही तरीका यह है कि आप गवाहों के सामने अपनी पत्नी को पहला तलाक कहें, फिर एक माह बाद दूसरा तलाक गवाहों के सामने कहें। फिर पहला तलाक कहने के 90 दिनों के बाद तीसरा तलाक गवाहों के सामने कहें। पहला तलाक कहने के बाद अपनी पत्नी से किसी प्रकार का संपर्क नहीं रखें। यदि बात तीसरे तलाक तक पहुँचती है तो तीसरी बार तलाक कहने के साथ ही तलाक हो जाएग
ा। दहेज की सामग्री और पत्नी को पति व  पति के परिवार सहित किसी के भी द्वारा दिए गए उपहार और भेंटें  पत्नी का स्त्री-धन है। उसे पहली बार तलाक कहने के साथ ही लौटा दें। मेहर भी पत्नी का हक है, जिसे वह कभी भी मांग सकती है। आप मेहर भी उसे देने का प्रस्ताव भी पहली बार तलाक कहने के साथ ही दे दें। इस तरह हुआ तलाक कानून के सामने मान्य होगा। आप चाहें तो जिस काजी ने विवाह कराया है उस के सामने ही तीनों बार तलाक कह सकते हैं। इस पर वह तलाक होने का प्रमाण-पत्र भी जारी कर सकता है।
हाँ तक पत्नी के अन्य अधिकारों की बात है। उसे दूसरी बार विवाह होने तक आप से भरण-पोषण प्राप्त करने का हक है। यदि वह न्यायालय में इस की मांग करती है तो न्यायालय भरण पोषण की राशि तय कर सकता है जो पत्नी के दूसरी बार विवाह करने तक या उस की मृत्यु तक देना पड़ सकता है। आप मेरी इस सलाह को पढ़ने के उपरांत अपने वकील के साथ परामर्श कर के ही अगला कदम उठाएँ। क्यों कि वह सारी बात औऱ परिस्थितियों को समझ कर आप को सब से सही सलाह दे सकता है।
Print Friendly, PDF & Email
5 Comments