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निर्णय में देरी का प्रमुख कारण कम न्यायालय और कम न्यायाधीश हैं।

समस्या-

आर. के.  ने नदबई, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

मेरा तलाक के केस को लगभग चार साल हो चुके हैं और अभी तक फैसला नहीं हुआ है। मैं यही जानना चाहता हूं कि क्या मैं आरटीआई के माध्यम से केस से सम्बनधित प्रश्न न्यायालय से पूछ सकता हूँ?

समाधान-

प स्वयं उस प्रकरण में पक्षकार हैं इस कारण आप को तलाक के केस में देरी का कारण पता होना चाहिए। किसी भी मुकदमे में जो समय लगता है उस का विवरण प्रत्येक पेशी पर लिखी जाने वाली आदेशिका में होता है। आप को आदेशिका की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त करने का अधिकार है आप स्वयं अदालत में आवेदन दे कर पता कर सकते हैं कि आप के मामले में क्यों देरी हो रही है। उस का कारण आप स्वयं भी हो सकते हैं और अन्य कोई कारण भी हो सकता है। यदि आप स्वयं कारण हैं तो उन कारणों को दूर करने का प्रयत्न करें।

यदि अन्य कोई कारण है तो न्यायालय से निवेदन करें कि वह उन कारणों का उपाय कर के उन्हें दूर करने की कोशिश करे। फिर भी किसी कारण से देरी हो रही हो तो आप संबंधित उच्च न्यायालय को अपना परिवाद भेज सकते हैं। उच्च न्यायालय उसे हल करने का प्रयत्न करेगा। यदि न्यायालय के पास क्षमता से अधिक मुकदमें हों तो अधिक न्यायालय खोलने का कार्य राज्य सरकार का है। उस के लिए राज्य सरकार से मांग की जा सकती है। राजस्थान सरकार अधिक मुकदमे होने के कारण दो नए पारिवारिक न्यायालय कोटा में खोले हैं। जिस से अब इस तरह के मुकदमों के निस्तारण में इस जिले में तेजी आई है।

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