पत्नी के अवैध संबंधों के आधार पर तलाक की याचिका
| नरेन्द्र विश्वास पूछते हैं –
मेरी शादी को 29.05.2011 को एक वर्ष होगा। पत्नी पिछले पाँच माह से अपने मायके में है। मैंने कई बार फोन किया पर बात नहीं करती है। मेरे पापा लेने गए पर वह नहीं आती है और उस के पापा ने भेजने से मना कर दिया है। पत्नी के मायके में किसी लड़के से अवैध सम्बन्ध हैं। मैं ने मना किया पर वह नहीं मानती है। मैं अब तंग आ कर उस से तलाक लेना चाहता हूँ। मुझे सलाह दें।
उत्तर –
नरेन्द्र जी,
आप का विवाह हुए ग्यारह माह हुए हैं। पाँच माह से आप की पत्नी मायके में है। आप को केवल छह माह पत्नी के साथ रहने का अवसर प्राप्त हुआ है। आप समझते हैं कि आप की पत्नी का किसी लड़के से अवैध संबंध है। यह आप किस आधार पर कह रहे हैं? यह तथ्य आप ने नहीं बताया है। पत्नी या पति पर किसी अन्य के साथ अवैध संबंध होने का आरोप अत्यन्त गंभीर आरोप है। बिना मजबूत साक्ष्य के इस तरह का आरोप लगाना किसी के लिए भी अत्यन्त घातक हो सकता है। क्यों कि ऐसा करना क्रूरता की चरम सीमा है।
अक्सर होता है कि पति बिना किसी आधार के केवल अपनी शुबहा करने की आदत के कारण इस तरह का मिथ्या आरोप लगा बैठता है। इस के परिणाम बहुत खराब होते हैं। वह यह साबित करने में असमर्थ रहता है कि उस की पत्नी के किसी व्यक्ति के साथ अवैध सम्बन्ध हैं। इस से पत्नी को अपने पति से अलग रहने का पर्याप्त और उचित कारण मिल जाता है। इस के साथ ही वह अपने पति से गुजारा भत्ता प्राप्त करने की अधिकारी हो जाती है। वह तलाक लेना नहीं चाहती और पति के पास कोई मजबूत आधार तलाक के लिए नहीं होता। समस्या अत्यन्त जटिल हो जाती है। इसलिए पहले आप अच्छी तरह जाँच कर लें कि आप का संदेह सही है या नहीं। इस के बाद अवैध संबंध होने के सबूत जुटाएँ। जब आप के पास इस तरह के सबूत इकट्ठे हो जाएँ कि आप अपने आरोप को न्यायालय में साबित कर सकते हैं तो फिर आप इसी आधार पर तलाक के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। इस मामले में आप को उस व्यक्ति को भी पक्षकार बनाना पड़ेगा जिस के साथ आप अपनी पत्नी के अवैध संबंध होना साबित करना चाहते हैं।
यदि आप को संपूर्ण जाँच के उपरांत लगता है कि आप गलत थे तो आप को अपनी पत्नी और उन के परिजनों से मिथ्या आरोप लगाने की गलती के लिए खेद व्यक्त करना चाहिए और उन्हें अच्छा विवाहित जीवन व्यतीत करने का विश्वास दिला कर अपनी पत्नी को अपने पास लाने का प्रयत्न करना चाहिए। यदि फिर भी आप की पत्नी आप के पास आने को तैयार न हो तो धारा-9 हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत कर वैवाहिक संबंधों की पुनर्स्थापना के लिए प्रयास करने चाहिए। यदि पत्नी इस के बाद भी आप के साथ नहीं आती है तो इस आधार पर कि आप की पत्नी ने आप को अकारण त्याग दिया है, तलाक के लिए आवेदन करना चाहिए।
More from my site
5 Comments
धन्यबाद
भगवान बचाये ऎसे केसो से, आप ने बहुत अच्छी सलाह दी हे, धन्य्वाद
उपयोगी जानकारी जनसामान्य के लिये.
गुरुवर जी, आपसे 30अप्रैल को मिलकर बहुत अच्छा लगा. मुझे तो पता नहीं था आप दिल्ली में आने वाले है और अगर पूर्व सूचना मिलती तब आपके विचारों को भी जरुर सुनता जो मुझे अजय कुमार झा की पोस्ट से पता चला कि-आपने भी व्यक्तव दिया था.
@श्री नरेंद्र जी, आज संचार माध्यमों की दुनियां में पत्नी द्वारा किसी से बात करना, उसके साथ घुमने चले जाना या फोटो खिंचवाना को कोर्ट अवैध संबंध नहीं मानता है और अवैध संबंधों के सबूत जुटाना भी मुश्किल नहीं है. अवैध संबंधों के लिए जैसा गुरुवर जी ने भी कहा है कि-पुख्ता सबूत होने चाहिए. आप आपको बिलकुल सही राय दी है. आप उनका पालन करें
सही मश्विरा दिया है। दिवेदी जी मुझे अपनी कहानियों के लिन्क भेज दें। दिल्ली मे आपसे मिल कर बहुत खुशी हुयी। कभी सोचा ही नही था कि आपसे मुलाकात भी हो सकती है कहाँ कोटा और कहाँ नंगल। शुभकामनायें।