पत्नी प्रसव के बाद मायके से वापस लौटने से इन्कार कर रही है, क्या मुझे तलाक ले लेना चाहिए?
|कपिल सिंह ठाकुर ने पूछा है —
मेरी शादी 15 फरवरी 2009 में हो चुकी है। नवम्बर में पुत्री भी हो चुकी है, पर मेरी पत्नी प्रसव के नाम पर 22 जून 2009 से मायके गई है जो आज तक नहीं लौटी। फोन करने पर कहती है कि मैं नहीं आऊंगी। क्या मुझे तलाक ले लेना चाहिए।
उत्तर —
कपिल जी,
यह सही है कि विवाह के उपरांत पति-पत्नी को साथ रहना चाहिए। उन में से कोई भी दांपत्य जीवन के निर्वाह से इन्कार नहीं कर सकता। हिन्दू विवाह अधिनियम में एक वर्ष या उस से अधिक समय तक जीवन साथी का परित्याग करना विवाह विच्छेद का एक आधार है। ी
आप की पत्नी जून 2009 में मायके अपने प्रसव के लिए गई थी। होना तो यह चाहिए था कि आप की पत्नी का प्रसव आप के यहाँ ही होता। आप के घर चिराग या लक्ष्मी आने वाली थी तो आप को स्वागत करना चाहिए था। खैर, हमारे यहाँ लड़की का प्रथम प्रसव मायके में होने की परंपरा है, वह भी इस लिए कि इस काल में होने वाली परेशानी को लड़की अपने मायके वालों को आसानी से बता देती है और उसे सुविधा रहती है। नवम्बर में आप के पुत्री हुई है इस कारण से दिसम्बर तक तो उसे अपने मायके में ही रहना था। इस के बाद अभी चार महिने निकले हैं। आप की पत्नी का मायके में रहना यदि परित्याग माना जाए तो भी यह केवल चार महिने का सिद्ध होता है जो कि विवाह विच्छेद के लिए पर्याप्त कारण नहीं है।
अभी आप का विवाह कुल दो वर्ष का भी नहीं हुआ है। इस अरसे में पति-पत्नी एक दूसरे के साथ और एक दूसरे के परिवारों के साथ तालमेल करना सीखते हैं। इस बीच संतानें हो जाएँ तो वे माता-पिता के आपसी संबंधों को मजबूत बनाती हैं। लेकिन इसी काल में रूठने मनाने का सिलसिला आरंभ होता है। कभी कोई रूठता है कभी कोई। दूसरा कुछ देर या कुछ दिन अपनी अकड़ में रहता है और फिर मना लेता है। इसी तरह गृहस्थ जीवन आगे बढ़ता है। धीरे-धीरे आपसी विश्वास पनपता है और इतना दृढ़ हो जाता है कि पति-पत्नी के बीच झगड़ा या रूठना-मनाना कितना भी क्यों न हो जाए लेकिन आपसी बंधन टूटता नहीं है। हर झगड़े और रूठने-मनाने के दोर के बाद वह और मजबूत होता जाता है। प्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेमचंद ने कहा है कि प्रेम आपसी साहचर्य से उत्पन्न होता है।
मुझे लगता है कि आप की पत्नी किसी बात को ले कर आप से नाराज हो गईं हैं, और आप भी किसी बात को ले कर इतना अड़ गए हैं कि आप खुद अपनी पत्नी को लेने नहीं जाना चाहते हैं। आप ने आपसी रूठने-मनाने को नाक का प्रश्न बना लिया है। लेकिन जीवन का यथार्थ कुछ और है। अपनी रुठी हुई पत्नी को मना लेने से कोई पति छोटा नहीं हो जाता है। मेरा मानना है कि आप अपनी पत्नी से मिलने अपनी ससुराल जाइए। अपनी बेटी को भी देख आइए। हो सके तो वहाँ दो-एक दिन रहिए और सब के साथ ऐसा व्यवहार कीजिए जैसे आप की पत्नी और आप के बीच कुछ हुआ ही नहीं है। वहाँ यह मत कहिए कि आप अपनी पत्नी को लेने आए हैं। वापस आने लगें तो अपनी पत्नी को प्यार से कहिए कि यह रूठने का दौर कब तक चलेगा बता दीजिए ताकि आप उसे दुबारा लेने आ सकें। मुझे लगता है कि आप की पत्नी उसी समय आने को तैयार हो जाएगी और न भी हो तो आप वापस चले आइए। एक-दो माह बाद फिर से जाइए। दूसरी बार में वे अवश्य ही तैयार हो ज
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12 Comments
ये सही नहीं है !
I’d have to check with you on this. Which is not something I typically do! I enjoy reading a post that will make people think. Also, thanks for allowing me to speak my mind!
terrible weblog you carry
इतने कम समय साथ रहने से आपसी लगाव व समझ कैसे पैदा हो सकती है? पति पत्नी बहुत कम समय साथ रहे हैं। होना तो यह चाहिए था कि सन्तान तभी आती जब इनके बीच प्रेम व समझ गहरी हो चुकी होती। बेटी और पत्नी को यूँ त्यागा भी नहीं जाता। समस्या है तो उसे सुलझाना चाहिए।
घुघूती बासूती
what is the leagal optin of this case
can a couple get a divorce in this case at all
?? for another 2 years
द्विवेदी जी,
मुझसे मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछा था कि (उसने सेक्शन 9 दाखिल करा दिया था जब उसकी बीवी मायके अकारण ही चली गयी थी और मायके से ही थाने में दहेज़ की ऍफ़आईआर लिखवा देती है तो क्या करना चाहिए?
आशा है कि कपिल जी जीवन सुखमय हो जायेगा।
आपने इतने प्यार से एक पति, एक पिता और एक वकील के अनुभव से जो सलाह और शिक्षा दी है, वह आज के समय में सभी के जीवन में जरूरी है।
आपका बहुत-बहुत आभार
प्रणाम स्वीकार करें
आपकी तरह का सोच अगर इस देश के ज्यादातर वकीलों का हो जाय ,तो न्याय तुरंत जिन्दा हो सकती है /
दिनेश जी आज आप की सलाह से दिल बहुत खुश हुआ, आप ने एक पिता , एक बुजुर्ग की तरह से बहुत ही नेक ओर अच्छी सलाह दी, ओर फ़िर एक सुलझे हुये वकील की तरह से भी बहुत सुंदर रास्ता बताया ओर आखिर तक घर को बचाने की कोशिश की, काश सभी वकील आप की तरह से हो.
धन्यवाद
Very Good….
Janhit me aapke dwara ki jane wali ye muft sewa anukarneeya hai Dwivedi sir.. sath me aapka anubhav 4 chaand laga deta hai.
bahut practical salaah hai
sheershak dekhkar ek baar to chaukaa ki kyaa bhabhiji ne ye sms karke kaha hai. phir dhyaan aayaa ye to salaah dee jaa rahee hai.