पुलिस कार्यवाही पर उतारू पत्नी मायके में है तो सतर्कता जरूरी है
| जितेन्द्र त्रिवेदी ने पूछा है –
मेरा विवाह 24 नवम्बर 2008 को भोपाल में संपन्न हुआ। लड़की वाले राजस्थान से आए थे। विवाह के कुछ दिन बाद मेरी पत्नी घर से अलग किराए के घर में रहने की जिद करने लगी। ऐसा नहीं करने पर मेरी माँ और बहिन को दहेज के आधार पर जेल भेजने की धमकी देने लगी और उस के साथ उस के माता-पिता और जीजा, जीजी जो मेरे घर के पास ही ही रहते हैं धमकाने लगे। मेरे घर में मैं मेरी माँ और बहिन हम तीन ही व्यक्ति हैं। मेरी सरकारी नौकरी है। मेरी पत्नी हर 15 दिन में अपने मायके चली जाती। शादी के बपाद वह 1 माह 20 दिन ही हमारे घर पर रही है, बाकी अपने मायके में ही रही है। उस ने अपने गर्भवती होने की बात मुझ से छिपाई और जून 2009 में राजस्थान में अपने मायके में गर्भपात करवा लिया। अगस्त 2009 में वह तभी मेरे साथ रहने आई जब मैं ने किराए पर अलग कमरा ले लिया। अक्टूबर 2009 में वह पुनः गर्भवती हो गई और मैं उसे डाक्टर के पास जाँच के लिए ले गया तो मुझे पता लगा कि वह पहले भी गर्भपात करवा चुकी है। डाक्टर के पर्चे पर भी अंकित है कि 2009 में रोगी ने गर्भपात कराया है। फिर उस ने अपने पिताजी को फोन कर के बुलाया और 23 जनवरी 2010 को मेरे काम पर चले जाने के बाद मुझे बताए बिना अपने मायके चली गई। उस दिन से मेरा उस से कोई सम्पर्क नहीं हो सका है। जून में संतान का जन्म होना था, उस की भी आज तक कोई सूचना नहीं है। मैं ने उस के जीजा से बात की उस ने बताया कि तुम वहाँ गए तो तुम्हें मरवा देंगे।
1 जनवरी 2011 को मैं ने अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के न्यायालय में धारा 9-ए हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत कर दिया है। मार्च 29 को उस में पेशी थी लेकिन वह नहीं आई। 26 मई 2011 उस ने वकील के माध्यम से दहेज प्रताड़ना व स्त्री-धन हड़पने का नोटिस भेजा जिस का उत्तर मेरी वकील ने दे दिया है। 18 जुलाई को फिर पेशी थी वह फिर नहीं आई। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूँ। तनाव के कारण मेरा दिमाग ठीक से काम नहीं करता। दो माह से नौकरी पर नहीं जा पा रहा हूँ। वह मेरे साथ नहीं रहना चाहती है और न ही उस के माता-पिता कोई फैसला करना चाहते हैं। मेरा पत्नी से संपर्क हुए दो वर्ष हो जाएंगे। न मेरी फोन पर बात हुई और उधर से कोई संदश भी नहीं है। कृपया आप सलाह दें कि क्या वे मुझे दहेज के मामले में फँसा सकते हैं क्यूँ कि मेरा विवाह भोपाल में संपन्न हुआ था। क्या वह दो वर्ष से अलग रहने के बाद भी मेरे विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवा सकती है? यदि वह कोई प्र.सू.रिपोर्ट करवाती है तो क्या वह राजस्थान में दर्ज होगी अथवा भोपाल में?
उत्तर –
जितेन्द्र जी,
आप का विवाह भोपाल में संपन्न हुआ है और पत्नी ने आप के साथ भोपाल में ही निवास किया है। इस कारण से स्त्री-धन वापसी के लिए धारा 406 तथा पत्नी के प्रति क्रूरता के लिए धारा 198-ए का मामला यदि कोई बनेगा तो उस के लिए भोपाल में ही क्षेत्राधिकार होगा, न कि राजस्थान में। दो वर्ष बाद भी आप की पत्नी आप के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवा सकती है क्यों कि उक्त दोनों ही मामलों में अधिकतम दण्ड तीन वर्ष तक का कारावास है तथा दोनों में प्रसंज्ञान लिए जाने की अवधि तीन वर्ष की है और दोनों
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अरे भाई तुम्हारी घरवाली के पीहर वाले पैसों के भूखे है,
देख लेना देर सवेर तुम्हारे सामने पैसों की माँग आ ही जायेगी।
अगर तुम्हारे पास सारा सामान भी होगा तो भी वो सामान कम ही बताया जायेगा,
वो अलग बात है कि वह अदालत में साबित ना कर पायेगी।
पाँच छ: साल अदालत का चक्कर काटने की हिम्मत हो तो मुकदमा लड लो,
नहीं तो उनकी बात मान चुपचाप अपना घर बसा लो, जहाँ जैसे वे कहे।
वैसे भलाई इसी में है कि बार-बार जलील होने से ये ही अच्छा है कि एक बार आर-पार की हो ही जाये।
अच्छी जानकारी,आभार.
गुरुदेव जी, आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है.
अच्छी जानकारी। धन्यवाद।