मानसिक क्रूरता के आधार पर विवाह विच्छेद
|राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने दाम्पत्य जीवन में क्रूरता के मुद्दे पर तलाक के सवाल पर जिला न्यायालय के निर्णय को अपास्त करते हुए कहा है कि तलाक के लिए सिर्फ शारीरिक ही नहीं, मानसिक क्रूरता भी पर्याप्त है।
न्यायाधीश आरएस चौहान ने मयूर विहार, दिल्ली निवासी गोपाल शर्मा की विविध अपील का निस्तारण करते हुए यह निर्णय किया। गोपाल शर्मा ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 28 के तहत पत्नी अनुसूइया के क्रूर व्यवहार से तंग आ कर विवाह विच्छेद की डिक्री पारित करने की प्रार्थना की थी।
बीकानेर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश प्रथम ने शर्मा के आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि आवेदनकर्ता अपनी पत्नी के क्रूर व्यवहार को साबित करने में असफल रहा है। इसके बाद शर्मा ने उच्च न्यायालय में अपील दायर करते हुए कहा कि प्रार्थी की पत्नी के व्यवहार की उसकी पुत्रियों व अन्य गवाहों ने पुष्टि की है।
प्रार्थी गोपाल शर्मा की पत्नी ने अपने व्यवहार से पति व उसके माता पिता सहित अपने बच्चों को भी परेशान कर रखा था। पति को बेवजह तंग करना व घर में कलह का वातावरण बनाए रखने से प्रार्थी के समक्ष पत्नी को तलाक देने के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं रह गया था।
सचीन भार्गब
मुझे मेरी पत्नी को तलाक देना है अगर में तलाक का केस फाईल करता हु तो क्या कोई कार्यवाही मेरी पत्नी भी करेगी जैसे 498 या कोई और कार्यवाही वैसे मेरी शादी को १० साल हो गए है में मेरी पत्नी से बहुत दुखी हूं
सचिन भार्गव
एक तरफ़ा तलाक का आवेदन करने से क्या सामने वाली पार्टी कोई कार्यवाही कर सकती हे जिससे मुझे या मेरे परिवार के लोगो को कोई परेशानी का संमना करना पड़े
एकपक्षीय तलाक कितने पेशी में हो जाता है। क्या इसप्रकार के तलाक के बाद तुरन्त शादी कर सकते है?
आदरणीय सर आपने जो जानकारी दी हे उसके लिए आपका धन्यवाद आपकी राय हमारे जैसे लोंगो के लिए वरदान हे !नहीं तो बोहत से अधिवक्ता पार्टी को पैसे के लिए घुमाते हे! और देर होने के बाद आपस में सुलह करने का बोलते हे ऐसे में दोनों पार्टीयोंकि उम्र निकल जाती हे और पैसा भी ! आप जो नि शुल्क सेवा दे रहे हे! उसका ऋण हम नहीं चूका सकते समाज में आपके जैसे ही लोगों की जरुरत हे!जिसे से सही कानूनी राय मिलती रहे! भगवान आपको लम्बी उम्र दे! धन्यवाद
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दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.जन संस्कृति के सर्जक शिवराम के दूसरे स्मृति दिवस के कार्यक्रमों में आप सादर आमन्त्रित हैं …
गुरुदेव जी, आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है. क्या पति द्वारा अपनी पत्नी से मानसिक या शारीरिक क्रूरता के आधार पर तलाक लेने पर पति को गुजारा भत्ता देना होता है ? पिछले दिनों मैंने पढ़ा था कि हाईकोर्ट ने एक केस के निर्णय में कहा था कि अगर पत्नी को उसके अवैध संबंधों के आधार पर तलाक दिया हो तब पति को अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देना होगा.
Thanks to share such nice information.
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जानकारी के लिए धन्यवाद.
Mahesh Kumar Verma का पिछला आलेख है:–.मेरा कष्ट बढ़ाकर क्यों होते हो आनंद