यह जानकारी कैसे की जाए कि होने वाला पति पहले से विवाहित नहीं है?
|यह जानने का कोई पक्का तरीका नहीं है कि किसी व्यक्ति ने विवाह किया हुआ है अथवा नहीं। जो विवाह सामाजिक रूप से होते हैं। उन की जानकारी तो आस पास के लोगों के माध्यम से हो सकती है। लेकिन कोर्ट मेरिज या छुप कर किए गए विवाह के बारे में किसी भी तरह से पता नहीं किया जा सकता है। विवाह का पंजीकरण अब अनिवार्य हो गया है। लेकिन अपंजीकृत विवाह को गैर कानूनी नहीं माना जा सकता है। फिर कोर्ट मेरिज शब्द से बहुत सी बातें इंगित होती हैं। यदि किसी ने आर्यसमाज में छुप कर विवाह कर लिया है तो उसे भी कोर्ट मेरिज कहा जा सकता है। क्यों कि आज कल आर्य समाज वाले भी विवाह करने वालों से शपथ पत्र बनवाते हैं जिस से लोग उसे भी कोर्ट मेरिज कह देते हैं। यदि कोई मेरिज रजिस्ट्रार के समक्ष विवाह करता है तो उसे भी कोर्ट मेरिज कहते हैं। यदि कोई विवाह नहीं करता है और केवल दोनों पक्ष साथ रहने के लिए शपथ पत्र में यह घोषणा कर देते है कि वे पति-पत्नी की तरह साथ रहने को सहमत हैं तो उसे भी लोग कोर्ट मेरिज कह देते हैं। इस कारण से आप को इस मामले में अपने पति पर अथवा आप को सूचना देने वाले पर विश्वास करना होगा। सूचना देने वाले ने आप के मन में संदेह उत्पन्न कर दिया है जो मिथ्या भी हो सकता है और सत्य भी। इस कारण से आप को अपने होने वाले पति के बारे में अधिक से अधिक जानकारी करनी होगी। क्यों कि मैं ने अनेक ऐसी घटनाएँ देखी हैं जिन में लड़के ने यह कह कर कि उस का किसी के साथ कोई संबंध नहीं रहा है विवाह कर लिया और बाद में उस संबंध में परेशानी आई।
आप की समस्या यह है कि आप के पति का किसी अन्य स्त्री के साथ संबंध तो नहीं है। यह तो आप को अपने सूत्रों से ही पता करना पड़ेगा या फिर आप के होने वाले पति पर विश्वास करना पड़ेगा जो बाद में मिथ्या भी हो सकता है। इस तरह के एक विवाह में जिस में वर का किसी अन्य स्त्री से संबंध था। बाद में अपनी पत्नी के साथ नहीं बनी और तलाक हुआ और लड़का उस स्त्री के साथ विवाह कर के रहने लगा। एक अन्य मामले में लड़के ने विवाह कर लिया। लड़के के पिता को पता लगा कि उस के पुत्र का अन्य स्त्री से संबंध है तो उस ने उस संबंध को विच्छेद करने को कहा। लड़का अपने संबंध विच्छेद नहीं कर सका और पत्नी की अपेक्षा अपनी प्रेमिका के साथ संबंधों को अधिक प्रगाढ़ कर लिया। लड़के के पिता ने अपनी बात को रखने के लिए आत्महत्या कर ली। अब पत्नी अपने मायके रह रही है। लड़के ने अपने संबंध अपनी प्रेमिका से नहीं तोड़े हैं। उन का तलाक होगा और लड़का अपनी प्रेमिका के साथ ही रहेगा।
इस तरह आप को अपने होने वाले पति के बारे में पूर्ण आश्वस्त होने के उपरांत ही यह विवाह करना चाहिए। फिर भी भविष्य में आप का विश्वास टूटने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
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अपने जान पहचान वाले परिवारों में विवाह को तरजीह देकर इस प्रकार की समस्याओं से बचा जा सकता है |
अब क्या कहे?? आप की सलाह से सहमत है
अब ऐसे मामले काफी दिखाई पड़ रहे हैं.
काजल जी की बात सही है. आजकल डिटेक्टिव एजेंसी की सेवाओं से भी जानकारी ली जासकती है.
रामराम.
आजकल डिटेक्टिव एजेंसीज़ भी इस तरह की सेवाएं प्रदान करती हैं. किन्ही प्रतिष्ठित एजेंसीज़ के बारे में सोचा जा सकता है लेकिन कम से कम दो एजेंसीज़ से तस्दीक कराना ज़्यादा सही रहता है.
हरि बाबू!
बात आप की सोलह आने सही है। लेकिन यह भरोसा कि कोई व्यक्ति पहले से विवाहित है उस का किसी तरह पता लगाया जा सकता है, गलत है। उस का टूटना जरूरी है। वास्तव में इस का कोई तरीका हो ही नहीं सकता। फिर जो समस्या सुमति बहन की है वह यह निर्धारित होने पर भी बनी रहती है कि उन का होने वाला पति विवाहित नहीं है। क्यों कि उस के किसी स्त्री से बिना विवाह के भी संबंध हो सकते हैं। इस कारण होने वाले पति का कुछ पूर्व इतिहास पता करने पर ही विवाह का होना उचित है। यही कारण है कि अब भी लोग अपने जाने पहचाने परिवारों में विवाह को तरजीह देते हैं। रिश्तेदारों और उन के नजदीकी लोगों में ही रिश्ते करते हैं।
आपसी विश्वास और समझ के बाद ही विवाह करना उचित है। सुमति बहन के मामले में आपसी विश्वास अभी बन ही नहीं पाया कि उस में संदेह खड़ा हो गया है। इस संदेह का निवारण नहीं हो सकता और यह विवाह के उपरांत भी बना रहेगा जो पुनः पति-पत्नी में आपसी विश्वास के विकास में बाधा उत्पन्न करेगा। इस कारण संदेह का निवारण हुए बिना मैं विवाह को उचित नहीं समझता।
sir aapne baat to kaafee vistaar se samajha dee par uskee uljhan to vahee ke vahee rahee