विवाह के बाद पति-पत्नी के बीच के अधिकांश विवाद अविश्वास के हैं और कानूनी तरीके से निपटाए जाने के बजाए काउंसलिंग (समझाइश) से निपटाए जा सकते हैं
|प्रश्न –
मेरा नाम अ ब स कुमार है, मेरी शादी 27 फरवरी 2009, को हुई। शादी के तीसरे महिने से ही समस्या होना आरंभ हो गई। छोटी-छोटी बातें बड़ी बनने लगी, मैने उसे काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, अब दो महिने से पत्नी अपने मायके में है, तीन-चार बार लेने गया। लेकिन नहीं आई, जब भी लेने जाता हूँ तो उस के परिवार वाले लड़ने झगड़ने लगते हैं। वह कहती है बीमार हूँ, जब ठीक हो जाऊंगी तब आ जाऊंगी। जब कि वह सरकारी अस्पताल में इलाज करवाती है। मैं ने कभी भी प्राइवेट अस्पताल में उस के इलाज के लिए मना नहीं किया। उस के पेट में रसौली है और जब भी वह गर्भवती हो जाती है तो अनवांटेड 72 खा लेती है। मेरे घर वालों से उस का व्यवहार कभी भी ठीक नहीं रहा। हमारे बीच झगड़ा हुआ है लेकिन इतना भी नहीं कि वह अपने घर चली जाए। उस की एक बड़ी बहिन है और जीजा भी है। मुझे पता है कि समस्या वही हैं। मैं ने उस से घर वालों से अलग रहने को भी कहा है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, मेरे साथ भी नहीं आई।
मैं कानून के माध्यम से किस प्रकार उसे अपने पास ला सकता हूँ? क्या सारे कानून महिलाओं के लिए ही हैं? मेरे हक में भी कोई कानून है क्या? यदि वह तलाक का प्रस्ताव रखती है तो क्या मुझे खर्चा देना होगा? तलाक की प्रक्रिया क्या है? मेरे लिए भी उस का व्यवहार ठीक नहीं है क्या यह भी तलाक का कारण हो सकता है क्या? अदालत में उस के हाजिर न होने से तलाक मिल सकता है क्या? छह माह अलग रहने पर भी दहेज का केस बनेगा क्या? जब कि ऐसा कुछ नहीं था। दिमाग में बहुत से प्रश्न हैं।
एक अन्य प्रश्न में अपनी पत्नी पर अन्य व्यक्ति से अनुचित संबंध होने का भी उल्लेख किया है। एक ने यह भी कहा कि उस की पत्नी नौकरी करती है। एक ने यह भी कथन किया है कि पत्नी के भाई को जीजा ने मरवा दिया और खुद ससुराल में जम गया। एक में यह भी कहा गया है कि मैं ने पत्नी को जो जेवर दिए हैं वे कैसे वापस मिलेंगे। पर बड़ी बहन और जीजा दोनों मामलों में मौजूद हैं।
प्रिय प्रश्नकर्ताओं !
द्विवेदी जी यहां मेट्रो में तो मत ही पूछिये कि क्या हाल है…..किसी ने रिसेप्शन देने में थोडी देर कर दी…तलाक का मुकदमा उससे पहले ही दायर कर दिया…..इस बीच मध्यस्थता केंद्र जो खुले हैं वे कुछ सकारात्मक कोशिश कर रहे हैं..
आज हर तरफ़ यही चल रहा है, आप की राय एक दम सही लगी.
धन्यवाद
बात तो इीक है दादा अगर समझ में आ जाए तो….
अच्छी और कल्याणकारी जानकारी!
bahut hi achhi jankari rahi,khas kar bahu ki naye ghar mein adjustment ko lekar jo baat hai.bahut sahi lagi,naye mahol mein dhalne ke liye waqt lagta hai,aur apsi samaj aur vishwas hi iska samadhan hai.
jahan bhi dor thodi kachhi ho,log talak ki baat karte hai,marriage counsiling ke baare mein bahut kum logo ko pata hai,ya jante hai parjaate nahi.counsiling se bahut si samasyaye hul ho sakti hai rishton ki.