DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

वैध दत्तक ग्रहण निरस्त नहीं किया जा सकता

  विष्णु गोपाल मुच्चल पूछते हैं – – –

मैं ने 12 वर्ष पूर्व अपनी पुत्री को अपने चचेरे भाई को गोद दिया था, क्यों कि उन को कोई संतान नहीं हो सकी थी, उस की पत्नी की बीमारी के कारण अब मेरे भाई और उसकी पत्नी में तलाक होना है। तो क्या मैं अपनी पुत्री वापस ले सकता हूँ?  कृपया सलाह दें।
उत्तर – – – 
विष्णु गोपाल जी,
किसी बालक को गोद देना एक तरफा प्रक्रिया है। हिन्दू दत्तक एवं भरण-पोषण अधिनियम , 1956 की धारा 15 में यह स्पष्ट प्रावधान है कि कोई भी दत्तक ग्रहण जो विधि पूर्वक किया गया हो उसे किसी भी दत्तक ग्रहण करने वाले किसी भी माता-पिता या अन्य किसी व्यक्ति द्वारा निरस्त नहीं किया जा सकता। न ही दत्तक ग्रहण किया गया बालक/बालिका स्वयं अपनी प्रास्थिति की घोषणा कर के अपने जन्म के परिवार में लौट सकता है। 
स तरह यह स्पष्ट है कि दत्तक ग्रहण को निरस्त नहीं किया जा सकता है, यदि वह वैध रूप से विधिपूर्वक किया गया हो। दत्तक ग्रहण यदि वैध रूप से नहीं किया गया है। यदि दत्तक ग्रहण में विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया और नियमों का कहीं उल्लंघन किया गया हो तो ऐसे दत्तक ग्रहण को अदालत से अवैध और शून्य घोषित कराया जा सकता है। इस के लिए आप को किसी दीवानी विधि के अच्छे जानकार वकील से संपर्क कर के दत्तक ग्रहण की जाँच करा लें। यदि वे पाते हैं कि दत्तक ग्रहण में कोई विधिक त्रुटि हुई है और वह अवैध घोषित कराया जा सकता है तो इस के लिए न्यायालय में दीवानी वाद प्रस्तुत करें। न्यायालय दत्तक ग्रहण को अवैध और शून्य घोषित कर देगा।
5 Comments