शासकीय कर्मचारी चुनाव हारने के बाद नौकरी में कैसे लौटे?
|कांकेर के कीर्तन साहू पूछते हैं …
प्रश्न –
मैं छत्तीसगढ़ विधान सभा कॆ लिये एक संभावित प्रत्याशी हूँ । जबकि वर्तमान में मैं एक शासकीय कर्मचारी हुं । कृपया सलाह दीजिये कि हारने की स्थिति में नौकरी में वापस आने के लिये मेरे पास क्या रास्ता रहेगा?
– कीर्तन साहु, कांकेर
उत्तर –
कीर्तन साहू जी,
आप का प्रश्न बहुत महत्वपूर्ण है। कोई भी व्यक्ति राज्य के अधीन लाभ के पद पर रहते हुए विधानसभा या लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं हो सकता है। इस लिए आप को चुनाव में प्रत्याशी होने के लिए अपनी शासकीय नौकरी से त्यागपत्र ही नहीं देना होगा, अपितु उसे नामांकन प्रस्तुत करने की तिथि के पूर्व तक स्वीकृत कराना होगा। इस के उपरांत ही आप चुनाव में प्रत्याशी हो सकेंगे। अन्यथा स्थिति में आप का नामांकन निरस्त हो जाएगा।
चुनाव में हार जाने की स्थिति में स्थिति में आप किसी भी प्रकार से त्यागपत्र स्वीकार करवा कर त्याग दी गई शासकीय नौकरी पुनः प्राप्त नहीं कर सकते। क्यों कि त्याग पत्र देने के कारण जिस पद को आप ने आज धारण किया हुआ है वह रिक्त हो जाएगा। उस पद पर फिर से नियुक्ति भर्ती के नियमों के तहत ही हो सकती है।
इस कारण से यदि आप चुनाव में प्रत्याशी होना चाहते हैं तो आप को नौकरी का सदैव के लिए त्याग करना होगा अथवा चुनाव में प्रत्याशी होने का इरादा त्यागना पड़ेगा।
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17 Comments
@admin
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रेगार्ड्स
ananya
हारने के बाद आप एक चिकित्सा प्रमाण पत्र जिसमे ये प्रमाणित हो की इस्तीफ़ा देते समय आपकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी इस आधार पर न्यायालय में केस लड़कर दुबारा नौकरी में आ सकते हैं ऐसे कई उदाहरण हैं
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ji bhatiya ji maje se lade retire hone ke baad koi problem nahi
सही जानकारी दे रहे हैँ आप
– लावण्या
jankari uttam
regards
एक अ़च्छी जानकारी के लिये धन्यवाद,क्या रिटायर होने के बाद जब पेंशन मिलती हो तो भी वह चुनाव लड सकता है???
ज्ञान जी पी एस यु के कर्मचारी राज्य या केंद्रीय कर्मचारियों से अलग होते हैं. अब आप इसे बेहतर जानते ही होंगे.
फ्रांस में आप चुनाव लड़ सकते हैं. जीत कर अपना कार्यकाल पूरा कर के फ़िर नौकरी ज्वाइन कर सकते हैं.
हारने पर तो तुंरत आ सकते हैं.
इस बीच आप मत्री वगैरह भ बन लें कोई हर्ज़ नही
अब साहू जी सोच रहें होंगे हाय हम फ्रांस में क्यों न हुए
हाँ विश्वनाथ जी तर्क यह है कि इससे सरकारी कर्मचारियों की निष्पक्षता सुरक्षित रखी जा सकती है.
कानून समझ तो गया लेकिन इसके पीछे तर्क नहीं समझ पाया।
यदि शासकीय कर्मचारी नहीं हैं पर प्राइवेट सर्विस करते हैं तो क्या यह कानून लागू होगा?
क्या ऐसा नहीं हो सकता कि सरकारी कर्मचारी को बिना त्यागपत्र दिए सेवा से छुट्टी दी जाए और चुनाव लड़ने दिया जाए पर निर्वाचित होने पर उससे त्यागपत्र की माँग की जाए?
बढ़िया जानकारी.
dwivedi jee,
bahut badhiyaa jee, kaanoon kee sahee jaankaaree de rahe hain, jaldee hee kuchh vishyon par samaadhaan ke liye aapko pakadne waalaa hoon.
अच्छी जानकारी धन्यवाद.
आपने सही कहा। मैं एक अधिकारी को जानता हूं जो छटपटा रहे हैं कि उनका त्यागपत्र मंजूर हो तो लोकसभा का चुनाव लड़ पायें!
लेकिन PSUs के जारी परिपत्र के अनुसार तो,
यदि अधिकारी चुनाव लड़ना चाहता है तो त्यागपत्र देना होगा,
कर्मचारी चुनाव लड़ना चाहे तो त्यागपत्र नहीं देना होगा।
कर्मचारी के जीतने की सूरत में त्यागपत्र देना होगा!
चुनाव के विषय में कानून की अच्छी जानकारी इस प्रश्न के उत्तर में मिली ! धन्यवाद !