धर्मेन्द्र कुमार प्रजापति पूछते हैं– क्या यह उचित है कि किसी विश्वविद्यालय में संविदा-कर्मी और एजेंसी-कर्मी के मानदेय (वेतन) में अंतर हो सकता है। या यदि ऐजेंसी का
डॉक्टर पुरुषोत्तम मीना, राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) ने आम लोगों की समस्या लिखी है …. भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) के समक्ष अनेक परेशान