Tag: विधिक इतिहास
Legal History
सन् 1802 में मद्रास में लागू की गई न्याय व्यवस्था पर्याप्त नहीं थी। इस से अदालतों में मुकदमों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी. उन के निपटारे में
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Legal History
सदर निजामत अदालत मद्रास प्रेसीडेंसी में भी कलकत्ता के सदर निजामत अदालत की तर्ज पर सदर निजामत अदालत के नाम से 1802 के आठवें विनियम के अंतर्गत मुख्य
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Legal Remedies
बंगाल के गवर्नर को गवर्नर जनरल बना देने के बाद इस प्रेसीडेंसी में आने वाले प्रान्तों बंगाल, बिहार और उड़ीसा में न्याय व्यवस्था का विकास तेजी के साथ
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Legal History
विलियम बेंटिंक के बाद के गवर्नर जनरलों ने बेंटिंक की नीति का ही अनुसरण करते हुए न्याय व्यवस्था के मूल ढाँचे को यथावत बनाए रखा। 1836 में जातिगत
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Legal History
चार्टर एक्ट-1833 इंग्लेंड औद्योगिक क्रांति से गुजर रहा था। इसी औद्योगिक क्रांति से वहाँ एक नया वर्ग पैदा हो गया था। यह मजदूर वर्ग था। जिस की गांव
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Legal History
प्रांतीय न्यायालयों का समापन बेंटिंक ने 1831 के पाँचवें विनियम के माध्यम से जिले में स्थित प्रान्तीय न्यायालयों की अपीलीय अधिकारिता को समाप्त कर दिया और उस की
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Legal History
लॉर्ड एमहर्स्ट के उत्तराधिकारी के रूप में लॉर्ड बेंटिंक ने गवर्नर जनरल का पदभार 1828 में ग्रहण किया। वे 1835 तक केवल सात वर्ष इस पद पर रहे।
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Legal History
सदर अमीन को अब तक प्रचलित प्रथा के अनुसार प्रत्येक निर्णीत मामले के मू्ल्य के अनुपात में पारिश्रमिक दिया जाता था। लॉर्ड एमहर्स्ट ने 1824 के 13 वे
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लॉर्ड हेस्टिंग्स ने प्रारंभ में दांडिक न्याय प्रणाली को छेड़ने के स्थान पर उस का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया। सब से पहले उस का ध्यान इस बात पर गया
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लॉर्ड हेस्टिंग्स ने अपने न्यायिक सुधारों के अंतर्गत सदर और प्रांतीय न्यायालयों की तरह ही अधीनस्थ न्यायालयों की कार्यप्रणाली में भी परिवर्तन किए। उस ने जिला दीवानी अदालत
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