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Tag: India

मुगल कालीन न्याय प्रक्रिया और सबूत : भारत में विधि का इतिहास-10

अब तक आप ने पढ़ा कि मुगल काल में किस तरह से न्याय प्रशासन की व्यवस्था की गई थी। अपने पूर्ववर्ती राज्यों की अपेक्षा मुगल काल में न्याय
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मुगल कालीन सरकार और परगना न्यायालय : भारत में विधि का इतिहास-9

सरकार (जिला)  न्यायालय  मुगल काल में जिला न्यायालयों को सरकार कहा जाता था और उपजिलों को परगना। इसी आधार पर इन्हें सरकार न्यायालय और परगना न्यायालय कहा जाता
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मुगल कालीन सर्वोच्च और प्रांतीय न्यायालय : भारत में विधि का इतिहास-8

सामान्य प्रशासन मुगल काल की तीसरी पीढ़ी के शासक अकबर ने मुगल साम्राज्य को स्थायित्व प्रदान किया। इस स्थायित्व का मुख्य कारण तब तक का सब से सुव्यवस्थित
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मुस्लिम विधि का पदार्पण और अकबर का धार्मिक न्याय को अधीन करने का युग परिवर्तनकारी कदम: भारत में विधि का इतिहास-7

300 ईस्वी पूर्व से 12 वीं शती तक प्राचीन धार्मिक विधियों और अर्थशास्त्र के सिद्धांतों के अनुरूप ही न्याय व्यवस्था चलती रही। धार्मिक और नैतिक नियम न्याय का
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मोर्य युगीन अपराध विधि : भारत में विधि का इतिहास-6

अर्थशास्त्र की दंडविधि अर्थशास्त्र का यह सिद्धांत आज भी अनुकरणीय है कि उन सभी सदोष कार्यों को जिस से किसी अन्य व्यक्ति को किसी प्रकार की क्षति होती
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कौटिल्य का अर्थशास्त्र और दीवानी विधियाँ : भारत में विधि का इतिहास-5

विधि और न्याय राज्य के महत्वपूर्ण अंग हैं। उन्हें राज्य से कभी पृथक नहीं किया जा सका है। इस कारण से जब भी राज्य नीति की चर्चा होगी।
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धर्मशास्त्र और स्मृतियाँ : भारत में विधि का इतिहास-4

(401वीं पोस्ट) वेदोत्तर काल 1000 ईस्वी पूर्व तक वैदिक साहित्य रचा गया और तदनुसार विधियों का प्रचलन रहा। तब तक भारत में गणतांत्रिक व्यवस्था मौजूद थी। इस बीच
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वैदिक काल में विधि के स्रोत : भारत में विधि का इतिहास-3

विधि के स्रोत वैदिक युग में ऐसी कोई संवैधानिक संस्था का उल्लेख नहीं मिलता जो विधि का निर्माण करती हो. विधि का स्रोत तब तक रची जा चुकी
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वैदिक सभ्यता : भारत में विधि का इतिहास-2

विकसित सिंधु सभ्यता के उपरांत प्राचीन भारतीय सभ्यता के प्रमाण के रूप में आर्यजनों द्वारा रची गई ऋचाओं का संकलन चार वेद हमारे सामने हैं। ये काव्य रचनाएँ,
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भारत में विधि का इतिहास : प्रस्तर युग और सिंधु सभ्यता

विधि या कानून के बिना किसी सभ्य समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। जब मनुष्य जांगल युग में रहता था तब भी अवश्य ही कुछ नियम अवश्य
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