कृषक के देहान्त पर कृषि भूमि के खाते में उत्तराधिकारियों के नाम दर्ज करवाने के लिए नामान्तरण कराएँ
| अनिल चाहर ने पूछा है –
मेरे पिताजी और चाचा जी के नाम चार-चार बीघा कृषि जमीन है। .चाचा जी का एक पुत्र है ,और हम लोग तीन भाई हैं। हम लोगों को कृषि से कोई मतलब नहीं है। हम तीनों भाई नौकरी करते हैं। हमारा खेत भी चाचा जी ही करते हैं। मैं ये जानना चाहता हूँ कि क्या पिताजी की म्रत्यु के पश्चात खेत की रजिस्टरी दोबारा करवाना हमारी जिम्मेदारी है? अगर जिम्मेदारी है तो मृत्यु के कितने दिन बाद रजिस्ट्री करवाना जरूरी है? क्या इस पर स्टाम्प ड्यूटी भी लगेगी? स्टाम्प ड्यूटी रजिस्टरी के कितने दिन बाद दी जाती है? और स्टाम्प ड्यूटी की पेनाल्टी क्या है?
उत्तर –
अनिल जी,
किसी भी कृषि भूमि का स्वामी सरकार होती है। कृषक सिर्फ कृषक होता है, वह एक तरह से उस भूमि पर किराएदार होता है। जो लगान दिया जाता है वह उस भूमि का वार्षिक किराया होता है। वह खातेदार कृषक या गैरखातेदार कृषक हो सकता है। खातेदार कृषक अपनी भूमि को किसी अन्य व्यक्ति को विक्रय या अन्य प्रकार से हस्तांतरित कर सकता है। आप के द्वारा दिए गए विवरण से यह तो पता लगता है कि आप के पिता और चाचा जी के खाते में चार-चार बीघा कृषि भूमि है। लेकिन यह पता नहीं लगता है कि यह भूमि एक ही खाते में है अथवा दो पृथक पृथक खातों में। यदि यह भूमि आप के दादा जी से उत्तराधिकार में मिली होगी तो 8 बीघा भूमि का सम्मिलित खाता होगा जिस में दोनों भाई आधे-आधे के हकदार होंगे। क्यों कि पूरी भूमि पर चाचाजी ही कृषि करते रहे हैं इस कारण वह खाता अलग अलग हो कर भूमि अलग अलग चिन्हित भी नहीं हुई होगी। यदि चाचा जी और पिताजी ने उक्त भूमि एक ही विक्रय पत्र से खरीदी होगी तो भी उस का खाता सम्मिलित ही होगा।
दो या अधिक सम्मिलित खातेदार कृषकों में से किसी एक का देहान्त होते ही खातेदार कृषक की व्यक्तिगत विधि के अनुसार उस के उत्तराधिकारियों को उस भूमि में हित प्राप्त हो जाते हैं। उत्तराधिकारियों को केवल खाते में नामान्तरण दर्ज करना होता है, अर्थात खाते में कृषक की मृत्यु होने के उपरान्त उस के उत्तराधिकारियों के नाम दर्ज किए जाते हैं। इस कार्य के लिए विहित राजस्व अधिकारी को कृषक के देहान्त की सूचना देनी होती है जिस के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ एक आवेदन देना पर्याप्त होता है। इस सूचना के साथ ही यह सूचना भी देनी होती है कि मृतक खातेदार कृषक के कौन-कौन उत्तराधिकारी हैं? नामान्तरण दर्ज करने वाला अधिकारी जाँच करता है कि क्या खातेदार कृषक की मृत्यु की सूचना वास्तविक है और उस के कौन कौन उत्तराधिकारी हैं। जाँच के उपरान्त वह खातेदार कृषक के उत्तराधिकारियों के नाम मृतक खातेदार कृषक के स्थान पर खाते में दर्ज कर देता है। इस सारी प्रक्रिया को नामान्तरण कहते हैं। जैसे ही नामान्तरण दर्ज होता है राजस्व रिकार्ड में उस के उत्तराधिकारी मृत खातेदार कृषक का स्थान ले लेते हैं।
आप को भी यही करना है। आप के र
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5 Comments
हम चार भाई है मेरी माता जी के नाम जमीन थी उनकी २००८ में मृत्यू के पश्चात तहसीलदार ने विधिक उतराधिकारियो के नाम चढ़ाने का आर्डर दिया किन्तु ऐशा तहसील में नही हुआ ।उस आदेश की कॉपी मेरे पास है।मेरे पिता जिन्हें माता की मृत्यु के पश्चात् दूसरी शादी करनी थी और किया ।उन्होंने किसी प्रकार तहशील में पैसे के बल से दूसरा आदेश अपने पक्ष में करा के जमीन पर अपना नाम चढ़वा लिया ।
खेतीबाड़ी की जमीन से सम्बन्धित जानकारी बढिया लगी|
बढ़िया जानकारी.
आदरणीय द्विवेदी जी, सबसे पहले प्रणाम स्वीकार करें.
मैं पूछना चाहता हूं कि क्या किसी समाचार पर भी किसी का कॉपीराइट होता है? जैसे मान लीजिए बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान या अमिताभ बच्चन कोई पार्टी आर्गेनाइज करते हैं या किसी समारोह का हिस्सा बनते हैं. जाहिर है कि इसकी खबर बनेगी ही. अब इन कार्यक्रमों की खबर बनने और छपने के बाद क्या इन पर कॉपीराइट रहेगा या नहीं?
अभी तक मेरी जानकारी में इतना ही है कि न्यूज और किसी भी तरह की सूचना पर किसी का कोई कॉपीराइट नहीं होता.
इस बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आपके दरबार में हाजिर हूं. जितना जल्दी हो सके, कृपया बताएं. अगर जानकारी मुझे ईमेल कर दें या ब्लॉग पर पब्लिश करें तो मुझे सूचना दे दें तो बहुत अहसान होगा.
आपका आभारी रहूंगा.
-मलखान सिंह आमीन
ms.aamin@gmail.com
गुरुवर जी, आपने काफी अच्छी जानकारी दी है. क्या सरकार अब भी लगान लेती है? मुझे तो जानकारी थी कि-देश आजाद होने के बाद लगान खत्म हो गया था. आज अलेक्सा में तीसरा खम्बा की रैंकिंग 6,91,372 और अनवरत की 6,01,154 है
प्रचार सामग्री:-दोस्तों/पाठकों, http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/SIRFIRAA-AAJAD-PANCHHI/ यह मेरा नवभारत टाइम्स पर ब्लॉग. इस को खूब पढ़ो और टिप्पणियों में आलोचना करने के साथ ही अपनी वोट जरुर दो. जिससे मुझे पता लगता रहे कि आपकी पसंद क्या है और किन विषयों पर पढ़ने के इच्छुक है. नवभारत टाइम्स पर आप भी अपना ब्लॉग बनाये.मैंने भी बनाया है. एक बार जरुर पढ़ें.