खुरचा हुआ रिचार्ज कूपन बेचना धारा 420 भा.दं.सं. के अंतर्गत अपराध है
| रायपुर छत्तीसगढ़ से बंटी निहाल ने पूछा है –
मैंने एक बार अपने घर के पास किराना दुकान से रिचार्ज कूपन लिया। जल्दबाजी के चक्कर में बिना कार्ड को देखे घर ले गया। घर जाने पर पता चला की कार्ड उपयोग किया जा चुका है। मैं दुबारा दुकान आया, मगर वह नया देने से मुकर गया, मुझे बहुत गुस्सा आया मैं उससे भिड़ गया। पास रहे कुछ लोगों ने बात को बढने नहीं दिया और मुझे रोक लिया। क्योंकि मेरी ही गलती थी, मुझे देख कर लेना चाहिए था। परन्तु मुझे एक ही ख्याल आ रहा था कि किसी तरह उस दुकानदार से बदला लिया जाये। मेरे दिमाग में बार बार यह सवाल आ रहा था कि-
१- किसी भी कंपनी का रिचार्ज कूपन क्या किसी को भी बेचने के लिए दे दिया जाता है? क्या इसका कोई नियम कानून नहीं है ?
२- क्या कंपनी के पास यह जानकारी उपलब्ध नहीं होती कि किस सिरिअल नंबर का कूपन किस के फोन में रिचार्ज हुआ है। (यह सभी इतना लम्बा प्रोसेस है कि दुकानदार यह कहकर अपना पल्ला झड लेता है कि तुम चेक करो)
३- क्या दुकानदार की कोई जिम्मेदारी नहीं थी ?
४- क्या मैं दूकानदार पर कोई केस दर्ज करवा सकता था?
५- क्या कंपनी कूपन बाज़ार में लेने का कोई नियम है? और कंपनी की क्या जिम्मेदारी है ?
६- इस तरह के सवालों से मैं परेशान था , क्या मुझे यह सब कुछ भूल कर, मेरी गलती समझ कर चुप रहना सही था ?
उत्तर –
बंटी भाई,
बड़ी गलती तो आप की ही है, आप को अपना सामान देख कर लेना चाहिए था। वास्तव में जिन वस्तुओं को हम नकद खरीदते हैं उन्हें हमेशा देख कर ही लेना चाहिए। क्यों कि उन में हुए परिवर्तन के लिए नहीं कहा जा सकता कि वे उस वस्तु में आप के पास आने के उपरांत हुए हैं या उस के पहले। बेचने वाले के साथ यह भी तो हो सकता है कि उस से गलती से उपयोग किया हुआ कार्ड नए कार्डों के साथ रख दिया हो और फिर आप को उसे नया समझ कर बेच दिया हो। जब आप वापस शिकायत ले कर गए तब उस ने यह समझा हो कि ग्राहक मुझे बना रहा है। इस तरह तो आप दोनों ने ही एक दूसरे को बेईमान समझा। वैसे कुछ गलती तो दुकानदार की भी है कि उस ने भी माल बेचते समय उसे नहीं जाँचा। आप के प्रश्नों के उत्तर निम्न प्रकार हैं – क
1. रिचार्ज कूपन तो उसी तरह है जैसे आप खुदरा बाजार से कोई भी चीज खरीदते हैं। कंपनी रिचार्ज कूपन तैयार कर के किसी भी खुदरा विक्रेता को कुछ कम कीमत पर बेच देती है। वह ग्राहक को बेचता है। यही कारण है कि आज किसी भी दुकान पर रिचार्ज कूपन प्राप्त होने की सुविधा मिल गई है। इस के लिए वही सामान्य नियम हैं जो कि माल विक्रय के हैं।
2. यह जानकारी कि किस सिरिअल नंबर का कूपन से कौन सा नंबर चार्ज हुआ है, निश्चित रूप से कंपनी के रिचार्ज डाटाबेस पर कंपनी के कंप्यूटरों पर उपलब्ध रहती है। अब इसे कंपनी से कैसे जाना जा सकता है? यह तो कंपनी का कोई कार्यालय ही बता सकता है।
3. दुकानदार की जिम्मेदारी थी कि वह आप को सही कूपन देता, न कि उपयोग किया हुआ। ल
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6 Comments
खुरचे हुए रिचार्ग से वो charged हो गया,
आया पलट के गुस्से मे, और एक जड़ दिया
खाए-पीये बगैर ही टूटा ग्लास जब,
बोले 'द्विवेदी जी' कि ख़तम खेल हो गया.
–mansoorali हाश्मी
http://aatm-manthan.com
आदरणीय श्री द्विवेदी जी,
सादर प्रणाम|
आपने हमेशा की भांति समस्या के कानूनी पहलु को समझाने और वैधानिक उपचार बतलाने के साथ-साथ, सकारात्मक और व्यवहारिक समाधान भी सुझाया है| इसके लिये आपका आभार प्रकट करता हूँ|
मेरा वकीलों से बहुत लम्बे समय से नाता रहा है, मैं यहॉं लिखने को विवश हूँ कि बहुत कम; बल्कि नहीं के बराबर ऐसे वकील होते हैं, जो इस प्रकार की सकारात्मक राय देने में विश्वास करते हैं|
ईश्वर आपको अच्छा स्वास्थ्य और लम्बी आयु प्रदान करे, यही कामना है|
शुभाकांक्षी
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित हिन्दी पाक्षिक) तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) मो. 098285-02666
सही राय, धन्यवाद
ऐसी परेशानियों से हम सभी दो-चार होते रहते हैं लेकिन कोई पचड़े में पड़ना नहीं चाहता और चुप होकर रह जाते हैं.
मेरे साथ तो एक बार ऐसा वाकया हुआ कि मैंने सौ रुपये का रिचार्ज कूपन लिया. दुकानदार ने रुपये पहले ही ले लिए. उसके सामने ही मैंने कूपन पे लिखे नम्बरों का उपयोग किया लेकिन कई बार कोशिश करने के बावजूद भी नाकामयाब रहा. दुकानदार से रुपये वापस करने को कहा तो वो लड़ने को तैयार. कहने लगा कि कम्पनी जाईये हमारी कोई गारंटी नहीं है. क्या करता चुपचाप लौट आया.
महोदय जी आपने बहुत ही तर्क पूर्ण जवाब दिया है बहुत बहुत धन्यवाद, आप इसी तरह सभी का सही मार्गदर्शन करते रहे और ज्ञान बाटते रहे. मैंने और दो सवाल पूछा है कृपया उन सवालो का भी मार्ग दर्शन दे शुक्रिया, बहुत बहुत शुक्रिया
आपका – बंटी निहाल
काफी अच्छी जानकारी के साथ ही अच्छी सलाह. आप तुरंत कोई कार्यवाही करना चाहते थे तो उसी समय कर देते। अब तो बहुत देर हो चुकी है। उसे भूलना और चुप रहना ही बेहतर है।
हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-अगर आपको समय मिले तो कृपया करके मेरे (http://sirfiraa.blogspot.com, http://rksirfiraa.blogspot.com, http://mubarakbad.blogspot.com, http://aapkomubarakho.blogspot.com, http://aap-ki-shayari.blogspot.com, http://sachchadost.blogspot.com) ब्लोगों का भी अवलोकन करें. हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें. हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं