घरेलू हिंसा मामले में संरक्षा अधिकारी के कर्तव्य …
|राहुल ने कानपुर, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
जिला प्रोबेशन ऑफीसर के यहाँ घरेलु हिंसा के अन्तर्गत दिया गया प्रार्थना पत्र तथा पति पत्नी से पूछताछ में पूछे गए सवाल के जवाब को जो वह नोट करता है उसे क्या कहते हैं? तथा उन जवाबों क्या महत्व है? क्या प्रोबेशन अधिकारी के यहाँ से अदालत जाने से पहले सेक्शन 9 दाखिल कर देने से 498-ए तथा अन्य में धराओं में राहत मिल सकती है। जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा भेदभाव की शिकायत किस से की जा सकती है? क्या एक महीने में एक डेट में ही प्रोबेशन अधिकारी न्यायालय को स्थानांतरित कर सकता है।
समाधान-
महिलाओँ का घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम में किसी प्रोबेशन अधिकारी का उल्लेख नहीं है। इस अधिनियम में प्रोटेक्शन / संरक्षा अधिकारियों की नियुक्ति का प्रावधान है। ऐसे संरक्षा अधिकारी का कार्य किसी भी महिला के साथ घरेलू हिंसा के मामले की रिपोर्ट बना कर मजिस्ट्रेट को प्रस्तुत करना तथा उस की प्रतियाँ उस थाना क्षेत्र के भारसाधक अधिकारी को व क्षेत्र के सेवा प्रदाताओं को देना है। संरक्षा अधिकारी घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला की ओर से आवेदन भी मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है। संरक्षा अधिकारी द्वारा जो जवाब पूछे जाते हैं उन्हें उस व्यक्ति के बयान के रूप में घरेलू हिंसा की घटना की रिपोर्ट के साथ संलग्न किया जाता है। इन बयानों और घटना रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय प्रथम दृष्टया कोई राहत हिंसा की शिकार महिला को प्रदान कर सकता है।
संरक्षा अधिकारी का कार्य हि्ंसा से पीड़ित महिला को विधिक सेवा प्राधिकरण से मिलने वाली सहायता उपलब्ध कराना, पीडित महिला को संरक्षण गृह उपलब्ध कराना , आवश्यक होने पर पीड़िता की चिकित्सकीय जाँच करवाना, मौद्रिक अनुतोष की अनुपालना करवाना तथा घरेलू हिंसा के मामले में न्यायालय की मदद करना है।
धारा-9 का आवेदन प्रस्तुत करने का तात्पर्य मात्र इतना है कि उस से यह स्पष्ट होगा कि आप तो स्वयं ही पत्नी को रखने को तैयार है। इस से अधिक कुछ नहीं। प्रत्येक मामले का निर्णय उस मामले में साक्ष्य द्वारा प्रमाणित तथ्यों पर निर्भर करेगा।
आप का अन्तिम प्रश्न समझ से बाहर है। आप किस चीज के स्थानान्तरण की बात कर रहे हैं यह लिखना शायद भूल गए। लेकिन संरक्षा अधिकारी कभी भी न्यायालय को आवेदन या घटना रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है।
लड़की ने जो लाई थी वो सब ले गई और हम ने जो दिये थे वो भी ले गई फिर भी वो हमे तगाने के लिए ipc 406 420 लगाए तो क्या करे ?
मेरे पास कुछ ऑडियो टेप है जिसमे उस ने कहा है की सामान तो सब उस ने ले गई है क्या ये साबुत अदालत मानेगी
हमारे ऊपर 498 का भी केस चल रहा है
किन्तु तलाक हो गया है जिसमे मैं x पार्टी हो गया हूँ
भरण भी दे रहा हूँ
2) इन सब केस से छुटकारा कैसे मिलेगा
मेरी बीबी ने मेरे खिलाफ धारा १२५ के अंतर्गत केस फाइल किया हे और अभी केस चल रहा हे और अभी सिर्फ एक ही पेशी हुई हे क्या में पासपोर्ट के लिए आवेदन करूँ तो MERA पासपोर्ट बन जायेगा रुके ग तो नहीं
सर उपरोक्त संरक्षण अधिकरी से जनसूचना अधिकार द्वारा बयानं की certify copy मांगे जाने पर अधिकारी द्वारा यह लिखित जवाब देना की पति पत्नी के बयान हुए नहीं थे सिर्फ उपस्तिथि के हस्ताक्षर की प्रमारित प्रति दी। संयोग से पति पत्नी के बयांन की कॉपी पहले से ही थी जिसके आधार पर पत्नी के प्रार्थना पत्र मे कही गयी बाते और बयांन मे अंतर जैसे मायके से निकाले जाने की तारीख मे जिसके आधार पर पत्नी का झठ सिद्ध होता था। अगर केस चलता हैतो में रहत मिल सकती थी। सर मुझे क्या करना चाहिए । सर क्या बिना सर्टिफी क
बहुत ही प्रशंसनीय जवाब दिया गया है
राहुल जी प्रोबेसन एक अलग अधिनियम है जिसकी कार्यवाही सजा सुनाने ये पहले की जाती है और ये दोषी वयक्ति के पूर्व के रिकार्ड के आधार पर दी जा सकती है इसमे अभियोजित वयक्ति को दोषी ठहराने के बाद बिना सजा सुनाये ही प्रोबेसन की शर्तो पर छोड़ा जा सकता है और इन शर्तो की अनुपालना हो रही है या नहीं इस को सुनिश्चित करने के लिए प्रोबेशन अधिकारी की नियुक्ति की जाती है और यदि दोषो व्यक्ति उन शर्तो को उलंघन करता है तो उसको उस सजा के लिए जेल में डाला जा सकता है जो उसको मिलनी तय थी